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गर्भगृह में काम शुरू, रामलला को अस्थाई मंदिर में किया जाएगा स्थानांतरित

अयोध्या में रामलला के गर्भगृह परिसर में काम शुरू हो गया है. रामलला को अस्थाई मंदिर में स्थानांतरित किया जाना है. 25 मार्च की सुबह रामलला को स्थानांतरित किया जाएगा. कोरोना वायरस से फैली महामारी के चलते श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के स्थानांतरण को साधारण तरीके से कराने का निर्णय लिया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Mar 23, 2020, 2:37 PM IST

Updated : Mar 23, 2020, 10:07 PM IST

गर्भगृह में शुरू हुआ काम
गर्भगृह में शुरू हुआ काम

लखनऊ : जनता कर्फ्यू के बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला के गर्भगृह परिसर में काम शुरू हो चुका है. रामलला विराजमान को दूसरे बुलेट प्रूफ अस्थाई मंदिर में ले जाया जाना है. बड़े स्तर पर शुरू होने वाले इस कार्यक्रम को सीमित कर दिया गया है. ट्रस्ट ने साधारण तरीके से रामलला के स्थानांतरण का निर्णय लिया है.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण की प्रकिया का पहला चरण प्रारंभ हो गया है. गर्भगृह में भगवान रामलला विराजमान है तो उन्हें अस्थाई रूप से कहीं लाना होगा. उनके लिए कपड़े से एक घर बनाया गया है, वह बहुत सुंदर है. जब दर्शानार्थी आएंगे तो उन्हें मामूल होगा. नए स्थान पर देवाताओं का आह्वान, पूजा-पाठ वैदिक पंडितों ने शुरू किया है. उसका नेतृत्व दिल्ली के डॉक्टर कीर्तिकांत शर्मा कर रहे हैं.

मीडिया को जानकारी देते श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय.

25 मार्च सुबह ब्रह्म मुहूर्त में रामलला को नए अस्थाई बुलेट प्रूफ गर्भगृह में स्थानांतरित करने का समय तय किया गया है. यह समय काफी विचार के बाद विद्वानों द्वारा निश्चित किया गया है. इसके लिए 23 मार्च यानी आज सुबह सात बजे से 15 से अधिक वैदिक विद्वान रामलला को स्थानातरित करने के लिए भूमि पूजन का स्थान अनुष्ठान कर रहे हैं, यह अनुष्ठान दो दिन तक चलेगा. इसके बाद 25 मार्च को सुबह चार बजे रामलला को अस्थाई मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा. इससे पहले भूमि पूजन का कार्यक्रम 22 मार्च से शुरू होना था, लेकिन ट्रस्ट ने जनता कर्फ्यू के चलते इसे एक दिन के लिए टाल दिया था.

रास्ते का भी होगा मंत्रोच्चार के साथ शुद्धिकरण
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि मंदिर में भगवान को स्थापित करने से पहले बुलेट प्रूफ गर्भ गृह के साथ उस रास्ते का भी शुद्धिकरण किया जाएगा, जिस रास्ते से भगवान को अस्थाई गर्भगृह में पहुंचाया जाएगा. इस कार्यक्रम में दिल्ली, प्रयागराज, काशी और अयोध्या के 15 वैदिक विद्वान शामिल हो रहे हैं.

राम जन्मोत्सव का कार्यक्रम भी रहेगा सीमित
जिला प्रशासन के साथ बैठक के बाद श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने स्पष्ट किया है कि अयोध्या में चैत्र रामनवमी के दौरान कोई विशेष आयोजन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा है कि देश को कोरोना जैसी महामारी से निजात पाना जरूरी है. परिस्थितियों को देखते हुए आगे ट्रस्ट आयोजन को लेकर निर्णय लेगा.

पढ़ें-राम लला की मूर्तियों को अस्थाई मंदिर से स्थानांतरित किया जाएगा

आपको बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है. ऐसे मेंट्रस्ट ने सोमवार को साधारण तरीके से रामलला को अस्थाई गर्भ में शिफ्टिंग के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम शुरू किया है. दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम को पूरी तरह सीमित रखा गया है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि बाहर से लोग अयोध्या कम-से-कम आ सकें और भीड़ इकट्ठा होने से बचा जा सके.

लखनऊ : जनता कर्फ्यू के बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला के गर्भगृह परिसर में काम शुरू हो चुका है. रामलला विराजमान को दूसरे बुलेट प्रूफ अस्थाई मंदिर में ले जाया जाना है. बड़े स्तर पर शुरू होने वाले इस कार्यक्रम को सीमित कर दिया गया है. ट्रस्ट ने साधारण तरीके से रामलला के स्थानांतरण का निर्णय लिया है.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण की प्रकिया का पहला चरण प्रारंभ हो गया है. गर्भगृह में भगवान रामलला विराजमान है तो उन्हें अस्थाई रूप से कहीं लाना होगा. उनके लिए कपड़े से एक घर बनाया गया है, वह बहुत सुंदर है. जब दर्शानार्थी आएंगे तो उन्हें मामूल होगा. नए स्थान पर देवाताओं का आह्वान, पूजा-पाठ वैदिक पंडितों ने शुरू किया है. उसका नेतृत्व दिल्ली के डॉक्टर कीर्तिकांत शर्मा कर रहे हैं.

मीडिया को जानकारी देते श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय.

25 मार्च सुबह ब्रह्म मुहूर्त में रामलला को नए अस्थाई बुलेट प्रूफ गर्भगृह में स्थानांतरित करने का समय तय किया गया है. यह समय काफी विचार के बाद विद्वानों द्वारा निश्चित किया गया है. इसके लिए 23 मार्च यानी आज सुबह सात बजे से 15 से अधिक वैदिक विद्वान रामलला को स्थानातरित करने के लिए भूमि पूजन का स्थान अनुष्ठान कर रहे हैं, यह अनुष्ठान दो दिन तक चलेगा. इसके बाद 25 मार्च को सुबह चार बजे रामलला को अस्थाई मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा. इससे पहले भूमि पूजन का कार्यक्रम 22 मार्च से शुरू होना था, लेकिन ट्रस्ट ने जनता कर्फ्यू के चलते इसे एक दिन के लिए टाल दिया था.

रास्ते का भी होगा मंत्रोच्चार के साथ शुद्धिकरण
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि मंदिर में भगवान को स्थापित करने से पहले बुलेट प्रूफ गर्भ गृह के साथ उस रास्ते का भी शुद्धिकरण किया जाएगा, जिस रास्ते से भगवान को अस्थाई गर्भगृह में पहुंचाया जाएगा. इस कार्यक्रम में दिल्ली, प्रयागराज, काशी और अयोध्या के 15 वैदिक विद्वान शामिल हो रहे हैं.

राम जन्मोत्सव का कार्यक्रम भी रहेगा सीमित
जिला प्रशासन के साथ बैठक के बाद श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने स्पष्ट किया है कि अयोध्या में चैत्र रामनवमी के दौरान कोई विशेष आयोजन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा है कि देश को कोरोना जैसी महामारी से निजात पाना जरूरी है. परिस्थितियों को देखते हुए आगे ट्रस्ट आयोजन को लेकर निर्णय लेगा.

पढ़ें-राम लला की मूर्तियों को अस्थाई मंदिर से स्थानांतरित किया जाएगा

आपको बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है. ऐसे मेंट्रस्ट ने सोमवार को साधारण तरीके से रामलला को अस्थाई गर्भ में शिफ्टिंग के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम शुरू किया है. दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम को पूरी तरह सीमित रखा गया है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि बाहर से लोग अयोध्या कम-से-कम आ सकें और भीड़ इकट्ठा होने से बचा जा सके.

Last Updated : Mar 23, 2020, 10:07 PM IST
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