देहरादून: डिजिटल समय में फ्रॉड करने वाले भी आधुनिक हो गए हैं. खाते से पैसे चुराने के लिए आधुनिक तरीकों का ही इस्तेमाल करते हैं. मौजूदा वक्त में सबसे ज्यादा एटीएम क्लोनिंग, व्हाट्सएप कॉल, डेबिट-क्रेडिट कार्ड डाटा चोरी, UPI के जरिए चोरी, लॉटरी के नाम पर ठगी, बैंक खातों की जांच के नाम पर ठगी प्रमुख है.
अपने बैंक खाते से किसी भी जगह से पैसे निकालने के लिए एटीएम कार्ड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हालांकि, एटीएम कार्ड से हमें जितनी सहूलियत मिलती है, अगर ध्यान न दें तो उतना बड़ा नुकसान भी हो जाता है. इसकी मुख्य वजह है एटीएम संबंधित जानकारियां ठग के पास पहुंचने के बाद बैंक में जमा धनराशि पल भर में गायब हो सकती है.
बैंक फोन कॉल से फ्रॉड
फ्रॉड से कैसे बचें
फ्रॉड होने पर क्या करें
आरबीआई की 2017-18 की गाइडलाइन के मुताबिक, धोखाधड़ी की सूचना दर्ज कराने के बाद ट्रांजेक्शन की पूरी जिम्मेदारी बैंक पर होती है. धोखाधड़ी होने पर अपने बैंक के संबंधित अधिकारी को तुरंत सूचित करें. इसके अलावा कस्टमर केयर सेंटर पर सूचना दर्ज कराएं और दर्ज सूचना का नंबर भविष्य के लिए सुरक्षित रखें, ताकि बैंक आपके पैसे आपको रिफंड कर सके. यदि तय प्रक्रिया के मुताबिक संबंधित बैंक को सूचित नहीं किया गया तो जिम्मेदारी उपभोक्ता की होती है. इस स्थिति में बैंक पर रिफंड करने की कानूनी बाध्यता लागू नहीं होती.
इसके अलावा अपने कार्ड की जानकारी खुद तक ही सीमित रखें. अपने बैंक डिटेल्स जैसे- पासवर्ड (Password), पिन (PIN), ओटीपी (OTP), सीवीवी (CVV), यूपीआई-पिन (UPI-PIN) आदि की जानकारी सिर्फ खुद को होनी चाहिए और न बैंक इनको मांगता है. इसके साथ ही हर बैंक खाते प्रत्येक अलग-अलग पासवर्ड का प्रयोग करें. समय- समय पर अपने पासवर्ड को बदलते रहें.
उत्तराखंड पुलिस हेल्पलाइन
अगर किसी भी व्यक्ति के पास इस तरह के फोन कॉल्स आते हैं तो उन्हें चाहिए कि वह ऐसे कॉल्स को इग्नोर करें. ऐसे तमाम बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने किसी भी साइबर संबंधी शिकायत या सुझाव के लिए 0135-2655900 नंबर जारी किया है जिस पर अपना शिकायत या फिर सुझाव दे सकते हैं. इसके साथ ही ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं.