नई दिल्ली : अमेरिका द्वारा बगदाद में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को मार डालने के कुछ दिनों बाद, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है. इसमें ड्रोन के रजिस्ट्रेशन को लेकर कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
दिशानिर्देशों के अनुसार, मंत्रालय ने सभी ड्रोन मालिकों को 31 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि इस निर्देश के बाद अगर कोई भी अपंजीकृत ड्रोन का उपयोग करते हुए पकड़ा गया तो उसे भारतीय दंड संहिता के साथ-साथ विमान अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इसमें कारावास और जुर्माना निर्धारित है.
डीजीसीए ने नागरिक उड्डयन आवश्यकताएं (सीएआर), धारा 3- एयर ट्रांसपोर्ट सीरीज़ X, भाग I, अंक I, दिनांक 27 अगस्त, 2018 जारी किया है, जो भारतीय हवाई क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को नियंत्रित करता है.
पढ़ें : गाजियाबाद: प्रशासन का आदेश, बिना रजिस्ट्रेशन नहीं उड़ा सकेंगे ड्रोन कैमरा
आपको बता दें कि भारत में ड्रोन के नियमन के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने 27 अगस्त, 2018 को CSR लागू किया था, जिसके तहत ड्रोन मालिकों को ड्रोन के लिए एक यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआइएन) चाहिए होता है. बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना गैरकानूनी होगा.
मंत्रालय ने बताया कि स्वैच्छिक घोषणा के बाद सभी ड्रोन संचालकों के लिए DNN और OAN के रूप में दो नंबर भी जारी किए जाएंगे. ये दोनों नंबर ड्रोन रखने का अधिकार देंगे. बिना इन नंबर के ड्रोन रखने पर कानूनी कार्रवाई और सजा का सामना करना पड़ेगा. ड्रोन के संचालन के लिए अन्य मंजूरियों की भी जरूरत होगी.
खासतौर से, भारत में ड्रोनों को संलग्न परिसरों में 50 फीट से ज्यादा ऊपर उड़ने की अनुमति नहीं है और सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के स्वामित्व वाले दूर-दराज के पायलटों के लिए एक खास नंबर होना जरूरी है.