ETV Bharat / bharat

ड्रोन रखने वालों के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जारी किए निर्देश - MOCA direction

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन के रजिस्ट्रेशन को लेकर कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. मंत्रालय के मुताबिक सभी ड्रोन मालिकों को 31 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा गया है. जानें क्या हैं नियम...

aviation-ministry-directs-drone-operators-to-voluntarily-register-by-jan-31-or-face-action
ड्रोन रखने वालों के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जारी किए निर्देश
author img

By

Published : Jan 14, 2020, 12:09 AM IST

नई दिल्ली : अमेरिका द्वारा बगदाद में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को मार डालने के कुछ दिनों बाद, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है. इसमें ड्रोन के रजिस्ट्रेशन को लेकर कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.

दिशानिर्देशों के अनुसार, मंत्रालय ने सभी ड्रोन मालिकों को 31 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है.

गौरतलब है कि इस निर्देश के बाद अगर कोई भी अपंजीकृत ड्रोन का उपयोग करते हुए पकड़ा गया तो उसे भारतीय दंड संहिता के साथ-साथ विमान अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इसमें कारावास और जुर्माना निर्धारित है.

डीजीसीए ने नागरिक उड्डयन आवश्यकताएं (सीएआर), धारा 3- एयर ट्रांसपोर्ट सीरीज़ X, भाग I, अंक I, दिनांक 27 अगस्त, 2018 जारी किया है, जो भारतीय हवाई क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को नियंत्रित करता है.

पढ़ें : गाजियाबाद: प्रशासन का आदेश, बिना रजिस्ट्रेशन नहीं उड़ा सकेंगे ड्रोन कैमरा

आपको बता दें कि भारत में ड्रोन के नियमन के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने 27 अगस्त, 2018 को CSR लागू किया था, जिसके तहत ड्रोन मालिकों को ड्रोन के लिए एक यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआइएन) चाहिए होता है. बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना गैरकानूनी होगा.

मंत्रालय ने बताया कि स्वैच्छिक घोषणा के बाद सभी ड्रोन संचालकों के लिए DNN और OAN के रूप में दो नंबर भी जारी किए जाएंगे. ये दोनों नंबर ड्रोन रखने का अधिकार देंगे. बिना इन नंबर के ड्रोन रखने पर कानूनी कार्रवाई और सजा का सामना करना पड़ेगा. ड्रोन के संचालन के लिए अन्य मंजूरियों की भी जरूरत होगी.

खासतौर से, भारत में ड्रोनों को संलग्न परिसरों में 50 फीट से ज्यादा ऊपर उड़ने की अनुमति नहीं है और सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के स्वामित्व वाले दूर-दराज के पायलटों के लिए एक खास नंबर होना जरूरी है.

नई दिल्ली : अमेरिका द्वारा बगदाद में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को मार डालने के कुछ दिनों बाद, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है. इसमें ड्रोन के रजिस्ट्रेशन को लेकर कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.

दिशानिर्देशों के अनुसार, मंत्रालय ने सभी ड्रोन मालिकों को 31 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है.

गौरतलब है कि इस निर्देश के बाद अगर कोई भी अपंजीकृत ड्रोन का उपयोग करते हुए पकड़ा गया तो उसे भारतीय दंड संहिता के साथ-साथ विमान अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इसमें कारावास और जुर्माना निर्धारित है.

डीजीसीए ने नागरिक उड्डयन आवश्यकताएं (सीएआर), धारा 3- एयर ट्रांसपोर्ट सीरीज़ X, भाग I, अंक I, दिनांक 27 अगस्त, 2018 जारी किया है, जो भारतीय हवाई क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को नियंत्रित करता है.

पढ़ें : गाजियाबाद: प्रशासन का आदेश, बिना रजिस्ट्रेशन नहीं उड़ा सकेंगे ड्रोन कैमरा

आपको बता दें कि भारत में ड्रोन के नियमन के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने 27 अगस्त, 2018 को CSR लागू किया था, जिसके तहत ड्रोन मालिकों को ड्रोन के लिए एक यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआइएन) चाहिए होता है. बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना गैरकानूनी होगा.

मंत्रालय ने बताया कि स्वैच्छिक घोषणा के बाद सभी ड्रोन संचालकों के लिए DNN और OAN के रूप में दो नंबर भी जारी किए जाएंगे. ये दोनों नंबर ड्रोन रखने का अधिकार देंगे. बिना इन नंबर के ड्रोन रखने पर कानूनी कार्रवाई और सजा का सामना करना पड़ेगा. ड्रोन के संचालन के लिए अन्य मंजूरियों की भी जरूरत होगी.

खासतौर से, भारत में ड्रोनों को संलग्न परिसरों में 50 फीट से ज्यादा ऊपर उड़ने की अनुमति नहीं है और सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के स्वामित्व वाले दूर-दराज के पायलटों के लिए एक खास नंबर होना जरूरी है.

Intro:New Delhi: A few days after a US drone killed Iran General Qassem Soleimani in Baghdad, the Ministry of Civil Aviation on Monday issued a public notice directing the drone operators to voluntarily register with the government by January 31 this year.

Anyone found using an unregistered drone will have to face legal action under Indian Penal Code as well as Aircraft Act that stipulate imprisonment and/or fine for varying periods of time and amounts, respectively.


Body:The DGCA has issued the Civil Aviation Requirements (CAR), Section 3- Air Transport Series X, Part I, Issue I, Dated 27 August, 2018 which regulates the use of drones in the Indian airspace and this regulations provide process for obtaining Unique Identification Number (UIN), Unmanned Aircraft Operator Permit (UAOP) and other operational requirements including identification of civil drone and drone operators.

The public notice issued issued by the Aviation ministry said, "the presence of such drones as well as Drone operator has come to the notice of the government which do not comply with the CAR are mentioned above. If drones are operated without due permission, the aforesaid process of CAR is violated."

The notice undersigned by aviation ministry undersigned by Joint Secretary Satyendra Kumar Mishra issued on Monday, reads, "Persons in possession of (such) drones are hair by requested to submit the required information to the government." It further added that the details of the submission process can be obtained by visiting Digital Sky portal.


Conclusion:On successful submission of voluntary disclosure of possessing drone, a Drone Acknowledged Number (DAN) and an Ownership Acknowledgment Number (OAN) will be issued online which will help in validation of operations of drones in India.

However, the DAN or OAN does not confer any right to operate drone(s) in India, if it does not fulfill the provisions given in the CAR. Further, ownership of drones in India without a valid DAN or OAN shall invite penal action as per applicable laws.


Notably, drones in India are not allowed to be flown above 50 feet in enclosed premises and remotely piloted aircraft owned by security forces and intelligence agencies need to have a unique identification number.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.