नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने असम समझौते के खंड छह को को लागू करने की प्रक्रियाओं पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. जिसके जवाब में ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (AAMSU) ने 'असमिया लोग' शब्द को प्रतिस्थापित करके भटकाने का आरोप लगाया है.
गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को सौंपे गए पत्र में, AAMSU के सलाहकार अजीजुर रहमान ने कहा कि छात्र निकाय ने राज्य में NRC अद्यतन प्रक्रिया के लिए सहयोग किया है और अब वो असम समझौते के खंड 6 को लागू करने में सहयोग करने के लिए तैयार है.
हालांकि, रहमान ने कहा है कि यह देखा गया है कि असम समझौते के खंड 6 के कार्यान्वयन में सुझावों, टिप्पणियों, सुझावों के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी करते समय, उच्च स्तरीय समिति ने असम समझौते के खंड 6 से असमिया लोगों को कुछ अन्य शब्दों में प्रतिस्थापित करके अलग कर दिया है.
छात्र संघ का कहना है कि उन्होंने भल्ली से अपील की है कि वो 'असमिया लोगों' को परिभाषित करने के लिए प्राथमिकता पर एक व्यवस्था बनाएं जिनको समझौते के तहत सुरक्षा देता है उनको अलग न किया जाए.
बता दें कि असम समझौते का खंड 6 राज्य के अविभाज्य लोगों को भूमि, आर्थिक और राजनीतिक अधिकार देता है.
पढ़ें- बंगाल में NRC के नाम पर किसी को हाथ लगाया, तो BJP को सबक सिखाएंगे : CM ममता
गौरतलब है कि 15 जुलाई को गृह मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जिसमें असम के छात्र संघ के लेखकों, सरकार के प्रतिनिधियों, असम समझौते के खंड 6 के कार्यान्वयन के लिए काम करने वाले बुद्धिजीवियों, नेताओं को शामिल किया गया है.
दरअसल, ऐतिहासिक अकॉर्ड पर 1985 में भारत सरकार, असम गवर्नमेंट और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के बीच वर्षों लंबे विदेशी-विरोधी आंदोलन को समाप्त करने के लिए हस्ताक्षर किए गए थे.