नई दिल्ली: देश को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई है. तो भारतीय सेना भी देश की सीमा के पर्यावरण को स्वच्छ और हरा भरा बनाने जुटी है. सेना उत्तर पूर्वी क्षेत्र की हरियाली और प्राकृतिक सौन्दर्यता को बनाए रखने के लिए छावनियों में स्वच्छ पर्यावरण पहल का अयोजन कर रही है.
यह स्वच्छ पहल दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन के साथ हरे-भरे मैदानों के लिए जानी जाने वाली नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में भी चल रही है, जहां सैनिकों ने पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए सेना ने सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र से लगभग 130 टन ठोस अपशिष्ट पदर्थों को हटा दिया है.
सेना के अधिकारियों के अनुसार, असम राइफल्स की एक टुकड़ी और म्यांमार की सेना के साथ सेना के अधिकारी भी शामिल हैं. मणिपुर के भारत-यूरोपीय म्यांमार सीमा क्षेत्रों से अपशिष्ट इकट्ठा करने के लिए अभियान चला रहे हैं. इस पहल को दोनों देशों के स्थानीय लोगों का समर्थन भी मिला. लोगों को डस्टबिन में कूड़ा फेंकने के लिए डस्टबिन का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई. यह अभियान मोरेह सीमा पर आयोजित किया गया था.
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सेना की विभिन्न इकाइयों और संरचनाओं ने नागालैंड के दीमापुर में स्वच्छ पहल की शुरुआत की. यहां पर नागरिक प्रशासन ने भी स्वच्छ पहल में भाग लिया. असम के नलबाड़ी, में कोलकाता और असम राइफल्स, त्रिपुरा एसोशिएशन के सहयोग से स्वच्छ पहल अभियान का आयोजन किया गया.