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देश की रक्षा के साथ- साथ पर्यावरण संरक्षण पर काम कर रही भारतीय सेना

देश को हरा भरा बनाने के लिए पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की है. दूसरी तरफ देश की सेना भी स्वच्छता अभियान को लेकर सजग है. सेना सियाचीन और उत्तर पूर्वी सीमा पर स्वच्छता अभियान चला रही है.

सियाचीन में अपशिष्ट पदर्थों को उठाते जवान
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Published : Sep 27, 2019, 9:54 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 4:41 AM IST

नई दिल्ली: देश को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई है. तो भारतीय सेना भी देश की सीमा के पर्यावरण को स्वच्छ और हरा भरा बनाने जुटी है. सेना उत्तर पूर्वी क्षेत्र की हरियाली और प्राकृतिक सौन्दर्यता को बनाए रखने के लिए छावनियों में स्वच्छ पर्यावरण पहल का अयोजन कर रही है.

यह स्वच्छ पहल दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन के साथ हरे-भरे मैदानों के लिए जानी जाने वाली नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में भी चल रही है, जहां सैनिकों ने पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए सेना ने सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र से लगभग 130 टन ठोस अपशिष्ट पदर्थों को हटा दिया है.

सेना के अधिकारियों के अनुसार, असम राइफल्स की एक टुकड़ी और म्यांमार की सेना के साथ सेना के अधिकारी भी शामिल हैं. मणिपुर के भारत-यूरोपीय म्यांमार सीमा क्षेत्रों से अपशिष्ट इकट्ठा करने के लिए अभियान चला रहे हैं. इस पहल को दोनों देशों के स्थानीय लोगों का समर्थन भी मिला. लोगों को डस्टबिन में कूड़ा फेंकने के लिए डस्टबिन का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई. यह अभियान मोरेह सीमा पर आयोजित किया गया था.

पढ़ेंः चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी : आज अध्यक्ष का प्रभार संभाल सकते हैं जनरल बिपिन रावत

सेना की विभिन्न इकाइयों और संरचनाओं ने नागालैंड के दीमापुर में स्वच्छ पहल की शुरुआत की. यहां पर नागरिक प्रशासन ने भी स्वच्छ पहल में भाग लिया. असम के नलबाड़ी, में कोलकाता और असम राइफल्स, त्रिपुरा एसोशिएशन के सहयोग से स्वच्छ पहल अभियान का आयोजन किया गया.

नई दिल्ली: देश को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई है. तो भारतीय सेना भी देश की सीमा के पर्यावरण को स्वच्छ और हरा भरा बनाने जुटी है. सेना उत्तर पूर्वी क्षेत्र की हरियाली और प्राकृतिक सौन्दर्यता को बनाए रखने के लिए छावनियों में स्वच्छ पर्यावरण पहल का अयोजन कर रही है.

यह स्वच्छ पहल दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन के साथ हरे-भरे मैदानों के लिए जानी जाने वाली नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में भी चल रही है, जहां सैनिकों ने पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए सेना ने सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र से लगभग 130 टन ठोस अपशिष्ट पदर्थों को हटा दिया है.

सेना के अधिकारियों के अनुसार, असम राइफल्स की एक टुकड़ी और म्यांमार की सेना के साथ सेना के अधिकारी भी शामिल हैं. मणिपुर के भारत-यूरोपीय म्यांमार सीमा क्षेत्रों से अपशिष्ट इकट्ठा करने के लिए अभियान चला रहे हैं. इस पहल को दोनों देशों के स्थानीय लोगों का समर्थन भी मिला. लोगों को डस्टबिन में कूड़ा फेंकने के लिए डस्टबिन का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई. यह अभियान मोरेह सीमा पर आयोजित किया गया था.

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सेना की विभिन्न इकाइयों और संरचनाओं ने नागालैंड के दीमापुर में स्वच्छ पहल की शुरुआत की. यहां पर नागरिक प्रशासन ने भी स्वच्छ पहल में भाग लिया. असम के नलबाड़ी, में कोलकाता और असम राइफल्स, त्रिपुरा एसोशिएशन के सहयोग से स्वच्छ पहल अभियान का आयोजन किया गया.

Intro:Along with Siachen, Army protecting ecology in North East

New Delhi: Pledging for a clean and green and clean environment and to maintain greenery of the North eastern region, Indian Army is organising various clean environment initiative in the Cantonments of North East India.

This clean initiative is going on North East region known for its lush green sceneries along with cleaning of Siachen, the world's highest battleground where the troops have removed about 130 tonnes of solid waste from the Siachen Glacier as a part of mega drive to protect the ecosystem of the region.

According to Army officials, A unit of Assam rifles, where are officers comprises mainly from Army along with Myanmar Army is conducting drives to gather waste from Indo-European Myanmar border areas of Manipur. This initiative also got the support of locals from both the countries. People were advised to use dustbins to throw the waste in the dustbins. The campaign was organised at Moreh border.

Various units and formations of Army launched the clean initiative in Nagaland's Dimapur where civil administration also participated, Assam's Nalbari, Kolkata and in Tripura in association with Assam Rifles.


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Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 4:41 AM IST
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