श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा पर एक अक्टूबर को पाकिस्तान की फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब देते हुए राइफलमैन शुभम शर्मा शहीद हो गए थे. उनके अलावा हवलदार कुलदीप सिंह भी शहीद हुए थे. दोनों शहीदों के पार्थिव शरीर को आज सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक घर भेज दिया गया. शहीदों के पार्थिव शरीर को भेजे जाने के पहले सेना ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
शहीद शुभम शर्मा की पार्थिव देह जम्मू के आरएस पुरा स्थित पैतृक आवास लाए जाने के बाद लोगों ने शुभम शर्मा अमर रहे के नारे लगाए.
इससे पहले बीबी कैंट में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू (चिनार कॉर्प्स कमांडर) और सभी रैंकों ने इन बहादुरों को श्रद्धांजलि दी.
पाकिस्तान ने गुरुवार को कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम का उल्लंघन किया था, जिसका जवाब देते हुए सेना के हवलदार कुलदीप सिंह और राइफलमैन शुभम शर्मा ने अग्रिम पोस्ट पर अपनी जान गवां दी थी.
हवलदार कुलदीप सिंह 37 वर्ष के थे और 26 अगस्त, 2002 को सेना में भर्ती हुए थे. वह पंजाब के होशियारपुर जिले के दसुआ तहसील के ग्राम राजू द्वारीखारी के रहने वाले थे. उनकी पत्नी राजिंदर कौर और दो बच्चे हैं.
राइफलमैन शुभम शर्मा 22 वर्ष के थे और 17 सितंबर, 2016 को सेना में शामिल हुए थे. वह जम्मू के सतरायन तहसील के ग्राम शाखियन चक के रहने वाले थे.
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हवलदार कुलदीप सिंह को 15 सिख लाइट इन्फैंट्री में और राइफलमैन शुभम शर्मा को 8 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में भर्ती किया गया था. दोनों ने अलग-अलग क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया था. मिट्टी के इन वीर सपूतों ने दुश्मनों का डटकर सामना किया.