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सेना ने हनीट्रैप को लेकर जवानों को आगाह किया - खुफिया इकाई

विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर फर्जी प्रोफाइल को लेकर सेना ने सैन्य कर्मियों को पिछले महीने एक परामर्श भेजा है. सोशल मीडिया पर 150 प्रोफाइलों का इस्तेमाल विरोधियों द्वारा संवेदनशील सूचनाएं निकलवाने के उद्देश्य से मोहपाश (हनीट्रैप) के लिये किया जा रहा है. जानें विस्तार से...

भारतीय सेना (फाइल फोटो)
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Published : Nov 8, 2019, 10:49 AM IST

Updated : Nov 8, 2019, 12:55 PM IST

नई दिल्ली : सेना ने सोशल मीडिया पर 150 प्रोफाइलों को लेकर अपने अधिकारियों को सतर्क किया है. सूत्रों ने कहा कि इनका इस्तेमाल विरोधियों द्वारा संवेदनशील सूचनाएं निकलवाने के उद्देश्य से मोहपाश (हनीट्रैप) के लिये किया जा रहा है.

सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि सैन्य कर्मियों को पिछले महीने एक परामर्श भेजा गया है जिससे उन्हें इस 'जाल' के बारे में बताया गया है. सैन्य कर्मियों को यह संदेश निदेशालयों और कमानों के जरिये दिया गया.

उन्होंने कहा कि विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर फर्जी प्रोफाइल का इस्तेमाल कर रहे लोग सैन्य कर्मियों, उनके परिवारों और यहां तक की सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों को भी निशाना बना रहे हैं.

एक अधिकारी ने कहा कि हाल के समय में सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तानी खुफिया इकाई से जुड़े लोगों द्वारा हमलों में तेजी आई है. इसी के अनुरूप सेना परामर्श जारी करने और क्या करें, क्या नहीं जैसे कदम उठा रही है. इन 150 प्रोफाइलों की पहचान करना भी इन कदमों में से एक है.

इसे भी पढ़ें- PAK ने फिर तोड़ा सीजफायर, भारतीय सेना का एक जवान शहीद

हनीट्रैप बन रहा चुनौती

अधिकारी ने कहा, 'प्रोफाइल आम तौर पर दो से तीन साल पुराने होते हैं. इसलिये संदेह नहीं पैदा करते और प्रामाणिक प्रतीत होते हैं. इसके बाद वे निशाना बनाना शुरू करते हैं.'

अधिकारी ने कहा संचार माध्यमों में जैसे-जैसे विविधता आती है वैसे ही अपने कर्मियों को इनके जाल में नहीं फंसने देना भी चुनौतीपूर्ण होता जाता है.

एक अधिकारी ने कहा कि फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल का इस्तेमाल कर लोग सैन्य कर्मियों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिससे उनसे सूचनाएं निकलवाई जा सकें. इसके लिये वे साथी सैन्य अधिकारी, पुलिसकर्मी या यहां तक की महिलाएं होने का दिखावा कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के बारामूला में चार सक्रिय आतंकवादी गिरफ्तार

आईएसआई फंसा चुका भारतीय सेना को जाल में

गौरतलब है कि राजस्थान पुलिस की खुफिया इकाई ने बुधवार को सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया जो पाकिस्तान के आईएसआई के एजेंट के जाल में फंस गया था और कथित तौर पर गोपनीय व रणनीतिक जानकारी साझा कर रहा था. उन्होंने कहा कि उसे फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिये निशाना बनाया गया था.

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व इसी साल भारतीय सेना के एक जवान को सोशल मीडिया के जरिये मोहपाश में फंसाया गया था.

बता दें कि पिछले साल भारतीय वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन और ब्रह्मोस एरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ काम कर रहे एक इंजीनियर को सोशल मीडिया के जरिये मोहपाश में फंसाया था.

नई दिल्ली : सेना ने सोशल मीडिया पर 150 प्रोफाइलों को लेकर अपने अधिकारियों को सतर्क किया है. सूत्रों ने कहा कि इनका इस्तेमाल विरोधियों द्वारा संवेदनशील सूचनाएं निकलवाने के उद्देश्य से मोहपाश (हनीट्रैप) के लिये किया जा रहा है.

सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि सैन्य कर्मियों को पिछले महीने एक परामर्श भेजा गया है जिससे उन्हें इस 'जाल' के बारे में बताया गया है. सैन्य कर्मियों को यह संदेश निदेशालयों और कमानों के जरिये दिया गया.

उन्होंने कहा कि विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर फर्जी प्रोफाइल का इस्तेमाल कर रहे लोग सैन्य कर्मियों, उनके परिवारों और यहां तक की सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों को भी निशाना बना रहे हैं.

एक अधिकारी ने कहा कि हाल के समय में सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तानी खुफिया इकाई से जुड़े लोगों द्वारा हमलों में तेजी आई है. इसी के अनुरूप सेना परामर्श जारी करने और क्या करें, क्या नहीं जैसे कदम उठा रही है. इन 150 प्रोफाइलों की पहचान करना भी इन कदमों में से एक है.

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हनीट्रैप बन रहा चुनौती

अधिकारी ने कहा, 'प्रोफाइल आम तौर पर दो से तीन साल पुराने होते हैं. इसलिये संदेह नहीं पैदा करते और प्रामाणिक प्रतीत होते हैं. इसके बाद वे निशाना बनाना शुरू करते हैं.'

अधिकारी ने कहा संचार माध्यमों में जैसे-जैसे विविधता आती है वैसे ही अपने कर्मियों को इनके जाल में नहीं फंसने देना भी चुनौतीपूर्ण होता जाता है.

एक अधिकारी ने कहा कि फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल का इस्तेमाल कर लोग सैन्य कर्मियों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिससे उनसे सूचनाएं निकलवाई जा सकें. इसके लिये वे साथी सैन्य अधिकारी, पुलिसकर्मी या यहां तक की महिलाएं होने का दिखावा कर रहे हैं.

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आईएसआई फंसा चुका भारतीय सेना को जाल में

गौरतलब है कि राजस्थान पुलिस की खुफिया इकाई ने बुधवार को सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया जो पाकिस्तान के आईएसआई के एजेंट के जाल में फंस गया था और कथित तौर पर गोपनीय व रणनीतिक जानकारी साझा कर रहा था. उन्होंने कहा कि उसे फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिये निशाना बनाया गया था.

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व इसी साल भारतीय सेना के एक जवान को सोशल मीडिया के जरिये मोहपाश में फंसाया गया था.

बता दें कि पिछले साल भारतीय वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन और ब्रह्मोस एरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ काम कर रहे एक इंजीनियर को सोशल मीडिया के जरिये मोहपाश में फंसाया था.

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Army warns officials against 150 fake social media profiles who target personnel for sensitive info
(Eds: Adds info)
         New Delhi, Nov 7 (PTI) The Army has cautioned its officials against 150 fake social media profiles that are being used by adversaries for honey trapping in order to extract sensitive information, sources said on Thursday.
         They said an advisory was sent to Army personnel last month to make them aware of the "trap". The message has been conveyed to the Army personnel through its directorates and commands.
         People using fake profiles are on different social media platforms who target Army personnel, their families and even retired Army personnel, the sources added.
         An official said in recent times there has been a rise in the attacks by Pakistani intelligence operatives through social media. Accordingly, the Army has been taking steps like issuing advisories on dos and don'ts. Identifying these 150 profiles is also one of the steps.
         "The profiles are generally 2-3 years old. So, they do not raise suspicion and appear to be authentic. It is then that they started targeting," the official said.         
         As communication medium becomes more diverse, so does the challenge of not letting its personnel fall into the trap, he added.
         The official said people using fake social media profiles have been trying to engage with the Army personnel for extracting information by pretending to be fellow Army officers, police personnel or even posing as women.
         On Wednesday, Rajasthan Police's intelligence unit arrested an Army jawan, who was honey-trapped by an agent of Pakistan's ISI, for allegedly sharing confidential and strategic information. He was targeted through Facebook and WhatsApp, they said.
         Earlier this year, another jawan of the Indian Army was honey-trapped through social media.
         Last year, a Group Captain of the Indian Air Force and an engineer working with Brahmos Aerospace Pvt Ltd were also honey-trapped through social media. PTI PR PR
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Last Updated : Nov 8, 2019, 12:55 PM IST
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