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दो मोर्चों पर युद्ध का खतरा, शीर्ष कमांडर करेंगे तैयारियों की समीक्षा

हड्डियां जमा देने वाली सर्दी आने वाली है और चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चल रहे विवाद का कोई अंत नहीं दिख रहा है. इस बीच सेना के शीर्ष कमांडर नई दिल्ली में मिलेंगे और पूर्वी व पश्चिमी सीमा पर उत्पन्न खतरे के मद्देनजर सेना की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. पढ़ें वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की यह रिपोर्ट...

Army bosses meet
फाइल फोटो
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Published : Oct 23, 2020, 2:51 PM IST

नई दिल्ली : भारत का पाकिस्तान और चीन के साथ चल रहा सीमा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच सोमवार से देश की राजधानी नई दिल्ली में भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर बैठक करेंगे. यह चार दिवसीय बैठक गुरुवार तक चलेगी.

सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि आने वाले समय में चीन के साथ संबंध और खराब हो सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सेना के शीर्ष अधिकारी चीन और पाकिस्तान से होने वाले खतरे के लिए तैयारियों की समीक्षा करेंगे.

एक सूत्र ने बताया कि मई में चीन के साथ विवाद के बाद आपातकालीन खरीद शक्तियों के इस्तेमाल से भारत ने विदेश से बड़ी संख्या में सैन्य उपकरण खरीदे हैं. बैठक में उनकी भी समीक्षा की जाएगी. यदि जरूरत होती है तो और सैन्य उपकरण खरीदे जाएंगे.

इसके अलावा बैठक में सेना को बेहतर बनाने के अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी, जैसे सेना का आधुनिकीकरण.

पढ़ें- चीन को 'झटका', भारत के इन राज्यों में निवेश करेगा ताइवान

अप्रैल-मई से शुरू हुए सीमा विवाद के कारण भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ ही रहा है. यह विवाद लद्दाख से उत्तरी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली सीमाओं पर हुए. इनमें सबसे ज्यादा अप्रिय घटना 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में घटित हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. सीमा पर तनाव के कारण बड़ी संख्या में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों को तैनात किया गया है.

पश्चिमी सीमा की बात करें तो नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान अक्सर संघर्षविराम का उल्लंघन करता है. 1996 से 2002 के बीच का समय भारत और पाकिस्तान की सेना के लिए मुश्किल भरा था. हालांकि, नवंबर 2003 में युद्ध विराम संधि ने इसे काफी हद तक कम कर दिया था.

साल 2016 में उरी में हुए हमले के जवाब में भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इसके बाद से पाकिस्तान की तरफ से लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन हो रहा है.

सेना के शीर्ष कमांडरों की बैठक वर्ष में दो बार आयोजित की जाती है. इस बैठक में भारतीय सेना के कमांडर संचालन, रसद, प्रशासन, मानव संसाधन और कल्याण से संबंधित मुद्दों पर मौजूदा उभरते दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर चर्चा करते हैं. इससे पहले यह बैठक जून 2020 में हुई थी.

नई दिल्ली : भारत का पाकिस्तान और चीन के साथ चल रहा सीमा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच सोमवार से देश की राजधानी नई दिल्ली में भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर बैठक करेंगे. यह चार दिवसीय बैठक गुरुवार तक चलेगी.

सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि आने वाले समय में चीन के साथ संबंध और खराब हो सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सेना के शीर्ष अधिकारी चीन और पाकिस्तान से होने वाले खतरे के लिए तैयारियों की समीक्षा करेंगे.

एक सूत्र ने बताया कि मई में चीन के साथ विवाद के बाद आपातकालीन खरीद शक्तियों के इस्तेमाल से भारत ने विदेश से बड़ी संख्या में सैन्य उपकरण खरीदे हैं. बैठक में उनकी भी समीक्षा की जाएगी. यदि जरूरत होती है तो और सैन्य उपकरण खरीदे जाएंगे.

इसके अलावा बैठक में सेना को बेहतर बनाने के अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी, जैसे सेना का आधुनिकीकरण.

पढ़ें- चीन को 'झटका', भारत के इन राज्यों में निवेश करेगा ताइवान

अप्रैल-मई से शुरू हुए सीमा विवाद के कारण भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ ही रहा है. यह विवाद लद्दाख से उत्तरी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली सीमाओं पर हुए. इनमें सबसे ज्यादा अप्रिय घटना 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में घटित हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. सीमा पर तनाव के कारण बड़ी संख्या में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों को तैनात किया गया है.

पश्चिमी सीमा की बात करें तो नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान अक्सर संघर्षविराम का उल्लंघन करता है. 1996 से 2002 के बीच का समय भारत और पाकिस्तान की सेना के लिए मुश्किल भरा था. हालांकि, नवंबर 2003 में युद्ध विराम संधि ने इसे काफी हद तक कम कर दिया था.

साल 2016 में उरी में हुए हमले के जवाब में भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इसके बाद से पाकिस्तान की तरफ से लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन हो रहा है.

सेना के शीर्ष कमांडरों की बैठक वर्ष में दो बार आयोजित की जाती है. इस बैठक में भारतीय सेना के कमांडर संचालन, रसद, प्रशासन, मानव संसाधन और कल्याण से संबंधित मुद्दों पर मौजूदा उभरते दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर चर्चा करते हैं. इससे पहले यह बैठक जून 2020 में हुई थी.

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