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NRC सूची से एक लाख लोगों को निकालना अन्याय, संसद में उठाएंगे मुद्दा: APCC अध्यक्ष

असम सरकार ने बुधवार को NRC में छूट पाने वाले 102462 लोगों की अतिरिक्त सूची प्रकाशित की है. इसे APCC अध्यक्ष ने लोगों के साथ अन्याय बताया और मुद्दे को संसद में उठाने की बात कही......

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रिपुन बोरा (फाइल फोटो)
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Published : Jun 27, 2019, 3:06 PM IST

नई दिल्ली: हाल ही में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के मसौदे से एक लाख से अधिक लोगों को बाहर निकाल दिया गया है. इसे लेकर असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रिपुन बोरा (एपीसीसी) ने 'घोर अन्याय' बताया.

ईटीवी भारत से बातचीत करते रिपुन बोरा.

असम सरकार द्वारा NRC सूची जारी करने के एक दिन बाद रिपुन बोरा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और अन्याय करार देते हुए कहा, 'हम शुरुआत से ही सरकार की ईमानदारी को देख रहे हैं कि कैसे पहले इन लोगों के नाम NRC के मसौदे में शामिल किए गए थे और बाद में हटा लिये गये.'

उन्होंने कहा, 'पहले 40 लाख लोगों के नाम एनआरसी से हटाए गए थे और अब 1 लाख ... यह राज्य में अशांति पैदा करेगा.'

बोरा ने कहा, 'हम निश्चित रूप से इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे. एक भी भारतीय नागरिक को नहीं छोड़ा जाना चाहिए. सभी भारतीयों को NRC में शामिल किया जाना चाहिए.'
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, अंतिम एनआरसी सूची 31 जुलाई को प्रकाशित की जाएगी.

पढ़ें: मुस्लिम परिवार ने अपने कर्मचारी की मौत पर हिंदू रीति से निभाई रस्में

बता दें, बुधवार को असम सरकार ने एनआरसी की नई सूची जारी कर दी है. इस नई सूची में में 1,02,462 लोगों के नाम शामिल हैं, जिन्हें अब अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दावे दाखिल करने हैं.

एनआरसी अधिकारियों ने कहा कि अतिरिक्त सूची में सिर्फ उन लोगों के नाम हैं जो 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित पूर्ण मसौदा एनआरसी में शामिल हैं, लेकिन बाद में अयोग्य पाए गए.
NRC के स्टेट कोऑर्डिनेटर ने कहा कि जिन्हें बाहर रखा जाएगा, उन्हें व्यक्तिगत रूप से LOI (सेटक ऑफ इंफॉर्मेशन) के माध्यम से उनके आवासीय पते पर पहुंचाने के साथ-साथ निकाले जाने के कारण के बारे में सूचित किया जाएगा और उनके पास यह दावा करने का अवसर होगा कि एक निस्तारण अधिकारी द्वारा उनके मामले की सुनवाई हो.

दावों और आपत्तियों का निपटान
NRC अधिकारियों ने कहा कि अतिरिक्त सूची में केवल उन लोगों के नाम शामिल किए गए हैं जिन्हें 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित पूर्ण मसौदा एनआरसी में शामिल किया गया था, लेकिन सत्यापन के बाद उन्हें अयोग्य पाया गया था. इसके अलावा, सूची में दावों और आपत्तियों के निपटान के परिणाम नहीं होंगे.

कहां उपलब्ध होगी सूची
'अतिरिक्त अपवर्जन सूची' नामित NRC सेवा केन्द्रों (NSK) और डिप्टी कमिश्नरों, उप-विभागीय अधिकारियों (सिविल) और सर्कल अधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध होगी. लोग सूची को nrcassam.nic.in पर ऑनलाइन एक्सेस कर सकते हैं. 'अतिरिक्त अपवर्जन सूची' NRC सेवा केंद्रों (NSK) डिप्टी कमिश्नरों, उप-विभागीय अधिकारियों (सिविल) और सर्कल अधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध होगी. लोग सूची को nrcassam.nic.in पर ऑनलाइन देख सकते हैं.

अन्य लोगों के नाम
रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन सूची अपात्र लोगों के नाम को 'अतिरिक्त सूची में शामिल नहीं किया गया' के रूप में उजागर करेगी. इस बीच, अन्य नागरिकों के नाम वही रहेंगे. हालांकि, सूची में दावों और आपत्तियों के निपटान के परिणामों का उल्लेख नहीं किया जाएगा. अयोग्य लोगों को 'अतिरिक्त सूची में शामिल नहीं किया गया' के रूप में उजागर किया जाएगा, जबकि अन्य लोगों के नाम ऑनलाइन सूची में समान रहेंगे.

पत्र के जरिये करना होगा सूचित
NRC ड्राफ्ट सूची असम से विदेशी नागरिकों को निकालने की विस्तृत प्रक्रिया से जुड़ी है जो 2014 में शुरू हुई थी. पत्र में कहा गया है कि अतिरिक्त सूची में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को अतिरिक्त सूची में उसके/उसकी शामिल होने के कारणों के बारे में जानकारी के एक पत्र के माध्यम से सूचित करना होगा, जिसमें उस निपटान अधिकारी का विवरण जिसके समक्ष दावा दायर किया जाना है और सुनवाई की तारीख, समय और स्थान सहित सुनवाई आयोजित की गई है.

40 लाख लोगों के नाम गायब
एनआरसी सेवा केंद्रों पर बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है, इसलिए अधिकारियों ने एलआरसीआर को सभी कीमती सामान, जैसे कि ट्रंक और अलमीरा, जिसमें आवेदन फॉर्म फोल्डर, लैपटॉप, प्रिंटर या किसी भी एनआरसी से संबंधित दस्तावेज को सुरक्षित हिरासत में रखने के लिए कहा है. अतिरिक्त सूची के प्रकाशन के मद्देनजर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पिछले साल जुलाई में जारी एनआरसी मसौदा सूची में 40 लाख लोगों के नाम गायब थे. अब, अधिकारियों द्वारा दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया को निष्पादन किया जा रहा है.

नई दिल्ली: हाल ही में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के मसौदे से एक लाख से अधिक लोगों को बाहर निकाल दिया गया है. इसे लेकर असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रिपुन बोरा (एपीसीसी) ने 'घोर अन्याय' बताया.

ईटीवी भारत से बातचीत करते रिपुन बोरा.

असम सरकार द्वारा NRC सूची जारी करने के एक दिन बाद रिपुन बोरा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और अन्याय करार देते हुए कहा, 'हम शुरुआत से ही सरकार की ईमानदारी को देख रहे हैं कि कैसे पहले इन लोगों के नाम NRC के मसौदे में शामिल किए गए थे और बाद में हटा लिये गये.'

उन्होंने कहा, 'पहले 40 लाख लोगों के नाम एनआरसी से हटाए गए थे और अब 1 लाख ... यह राज्य में अशांति पैदा करेगा.'

बोरा ने कहा, 'हम निश्चित रूप से इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे. एक भी भारतीय नागरिक को नहीं छोड़ा जाना चाहिए. सभी भारतीयों को NRC में शामिल किया जाना चाहिए.'
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, अंतिम एनआरसी सूची 31 जुलाई को प्रकाशित की जाएगी.

पढ़ें: मुस्लिम परिवार ने अपने कर्मचारी की मौत पर हिंदू रीति से निभाई रस्में

बता दें, बुधवार को असम सरकार ने एनआरसी की नई सूची जारी कर दी है. इस नई सूची में में 1,02,462 लोगों के नाम शामिल हैं, जिन्हें अब अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दावे दाखिल करने हैं.

एनआरसी अधिकारियों ने कहा कि अतिरिक्त सूची में सिर्फ उन लोगों के नाम हैं जो 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित पूर्ण मसौदा एनआरसी में शामिल हैं, लेकिन बाद में अयोग्य पाए गए.
NRC के स्टेट कोऑर्डिनेटर ने कहा कि जिन्हें बाहर रखा जाएगा, उन्हें व्यक्तिगत रूप से LOI (सेटक ऑफ इंफॉर्मेशन) के माध्यम से उनके आवासीय पते पर पहुंचाने के साथ-साथ निकाले जाने के कारण के बारे में सूचित किया जाएगा और उनके पास यह दावा करने का अवसर होगा कि एक निस्तारण अधिकारी द्वारा उनके मामले की सुनवाई हो.

दावों और आपत्तियों का निपटान
NRC अधिकारियों ने कहा कि अतिरिक्त सूची में केवल उन लोगों के नाम शामिल किए गए हैं जिन्हें 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित पूर्ण मसौदा एनआरसी में शामिल किया गया था, लेकिन सत्यापन के बाद उन्हें अयोग्य पाया गया था. इसके अलावा, सूची में दावों और आपत्तियों के निपटान के परिणाम नहीं होंगे.

कहां उपलब्ध होगी सूची
'अतिरिक्त अपवर्जन सूची' नामित NRC सेवा केन्द्रों (NSK) और डिप्टी कमिश्नरों, उप-विभागीय अधिकारियों (सिविल) और सर्कल अधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध होगी. लोग सूची को nrcassam.nic.in पर ऑनलाइन एक्सेस कर सकते हैं. 'अतिरिक्त अपवर्जन सूची' NRC सेवा केंद्रों (NSK) डिप्टी कमिश्नरों, उप-विभागीय अधिकारियों (सिविल) और सर्कल अधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध होगी. लोग सूची को nrcassam.nic.in पर ऑनलाइन देख सकते हैं.

अन्य लोगों के नाम
रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन सूची अपात्र लोगों के नाम को 'अतिरिक्त सूची में शामिल नहीं किया गया' के रूप में उजागर करेगी. इस बीच, अन्य नागरिकों के नाम वही रहेंगे. हालांकि, सूची में दावों और आपत्तियों के निपटान के परिणामों का उल्लेख नहीं किया जाएगा. अयोग्य लोगों को 'अतिरिक्त सूची में शामिल नहीं किया गया' के रूप में उजागर किया जाएगा, जबकि अन्य लोगों के नाम ऑनलाइन सूची में समान रहेंगे.

पत्र के जरिये करना होगा सूचित
NRC ड्राफ्ट सूची असम से विदेशी नागरिकों को निकालने की विस्तृत प्रक्रिया से जुड़ी है जो 2014 में शुरू हुई थी. पत्र में कहा गया है कि अतिरिक्त सूची में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को अतिरिक्त सूची में उसके/उसकी शामिल होने के कारणों के बारे में जानकारी के एक पत्र के माध्यम से सूचित करना होगा, जिसमें उस निपटान अधिकारी का विवरण जिसके समक्ष दावा दायर किया जाना है और सुनवाई की तारीख, समय और स्थान सहित सुनवाई आयोजित की गई है.

40 लाख लोगों के नाम गायब
एनआरसी सेवा केंद्रों पर बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है, इसलिए अधिकारियों ने एलआरसीआर को सभी कीमती सामान, जैसे कि ट्रंक और अलमीरा, जिसमें आवेदन फॉर्म फोल्डर, लैपटॉप, प्रिंटर या किसी भी एनआरसी से संबंधित दस्तावेज को सुरक्षित हिरासत में रखने के लिए कहा है. अतिरिक्त सूची के प्रकाशन के मद्देनजर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पिछले साल जुलाई में जारी एनआरसी मसौदा सूची में 40 लाख लोगों के नाम गायब थे. अब, अधिकारियों द्वारा दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया को निष्पादन किया जा रहा है.

Intro:New Delhi: Cautioning a big turmoil in Assam in the coming days, Assam Pradesh Congress Committee president Ripun Bora (APCC) on Thursday said that exclusion of more than 1 lakh people from the draft National Register of Citizen (NRC) is a "gross injustice" to the people of Assam.


Body:A day after Assam government released an additional draft NRC list, excluding names of 1,02,462 people from the list, Bora termed this as unfortunate and injustice.

"We have been apprehending about the sincerity of the government since beginning. Name of these 1 lakh people were earlier included in the draft NRC and from draft NRC also their names have been excluded!" said Bora.

Names of these 1 lakh people were earlier included in the draft NRC published last year. Assam government said that the persons named in the additional exclusion list are the persons whose descendants were found to be declared foreigner or doubtful voter or whose cases were pending at Foreigners Tribunal.

"Earlier names of 40 lakhs people were curtailed from NRC. And now more 1 lakh...this will create a turmoil in the state," said Bora.

Exclusion of 1 lakh people was done after the governmnet completed the claims and objections process in the NRC.


Conclusion:"We will definitely raise the issue in the Parliament. Not a single Indian citizen should be dropped. All Indians should be included in the NRC," said Bora.

As per Supreme Court's directives, the final NRC list will be published on July 31.

end.
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