नई दिल्लीः कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन ने अपने प्रत्युत्तर में सरकार पर आरोप लगाए हैं. इन्होंने कश्मीर में संचार पर प्रतिबंधों के खिलाफ याचिका दायर की थी.
उन्होंने कहा है कि सरकार ने कश्मीर में संचार पर प्रतिबंध के संबध में आदेशों, अधिसूचनाओं, निर्देशों, दस्तावेजों और परिपत्रों को दबा दिया है.
अनुराधा भसीन ने हलफनामें में कहा है कि, केंद्र ने प्रासंगिक आदेशों की संवैधानिकता पर संकल्प/आदेश से बचने के लिए याचिका दायर की है. साथ ही केंद्र वर्तमान आदेशों के बजाय अतीत की स्थितियों पर जोर दे रही है.
अनुराधा भसीन के हलफनामें में यह भी कहा गया है कि सरकार का दावा है कि घाटी में आतंकवाद और मिलिटेंसी कम हो गई है. लिहाजा शांति और व्यवस्था में गड़बड़ी के बारे में आशंका की जरूरत नहीं है.
पढ़ें-जम्मू-कश्मीर : हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादी गिरफ्तार
सरकार की तरफ से पेश हुए एसजी तुषार मेहता ने अदालत में प्रतिबंध को सही ठहराते हुए कहा कि 2016 में बुरहान वानी की हत्या के बाद 3 महीने के लिए नाकाबंदी की गई थी.
हलफनामें में यह भी कहा गया है कि, संचार पर प्रतिबंध के प्रभव से कुछ दिन में व्यवसाय या पेशे के रूप अखबार प्रकाशित करना मुमकिन नहीं होगा. गौरतलब है कि कश्मीर टाइम्स की सिर्फ 500 प्रतियां प्रकाशित हो पाई हैं.
संचार प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं को 16 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. यहां पर आपको यह बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पोस्ट पेड मोबाइल सेवाएं बहाल कर दी गई है.