नई दिल्ली : भारत सरकार ने विदेशी राजनयिकों का एक और दल कश्मीर के मौजूदा हालात का जायजा लेने के लिए वहां भेजने का फैसला किया है. केंद्र सरकार इन राजनयिकों को कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के हालातों की सामान्य स्थिति से अवगत कराना चाहती है. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
सरकारी सूत्रों से पता चला है कि दूसरे आधिकारिक बैच में 25 विदेशी दूत शामिल होंगे. इसमें फ्रांस और जर्मनी के राजदूतों के शामिल होने की संभावना है. विदेशी राजनयिकों का दूसरा दल बुधवार से अपनी दो दिवसीय यात्रा शुरू करेगा.
भारत सरकार के कदम का स्वागत करते हुए, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक अनुसंधान प्रो. हर्ष पंत ने दावा किया कि पाकिस्तान द्वारा प्रदर्शित की जा रही तस्वीर के विपरीत भारत विश्व समुदाय के सामने एक बड़ी तस्वीर पेश करना चाहता है.
पाकिस्तान प्रशासन अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय पर भारत द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर आरोप लगा चुका है.
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अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद और भारतीय संसद द्वारा जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्य के विभाजन के बाद, इमरान खान ने आरोप लगाया था कि मोदी प्रशासन कश्मीर से मुसलमानों की जातीय सफाई करने की योजना बना रहा है.