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महाराष्ट्र : किसानों के समर्थन में एक दिन के अनशन पर बैठे अन्ना हजारे

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का आज 13वां दिन है. किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए समाजसेवी अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में अनशन किया. पढ़ें विस्तार से...

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Published : Dec 8, 2020, 4:14 PM IST

anna hazare
अन्ना हजारे

अहमदनगर : दिल्ली में जारी किसान आंदोलन को समाजसेवी अन्ना हजारे ने समर्थन दिया है. वह महाराष्ट्र के अहमदनगर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास एक दिन का अनशन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों को नहीं माना तो वह आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल होंगे. हजारे ने कहा कि यह उनके जीवन का अंतिम आंदोलन होगा.

अन्ना हजारे ने कहा कि कृषि प्रधान देश में 70 साल बाद भी किसान आत्महत्या कर रहा है. सरकार को स्वामीनाथन आयोग लागू करना चाहिए. किसानों की जो मांगें हैं, वह सरकार को तत्काल पूरी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांगें पूरी नहीं करती है तो वह किसानों के लिए मैदान में उतर कर आंदोलन करेंगे.

अनशन के दौरान अन्ना हजारे

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का मंगलवार को 13वां दिन है. इन कानूनों के विरोध में किसानों ने आज भारत बंद बुलाया, जिसे विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिया. देश के अलग-अलग इलाकों में कई संगठन सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया.

ये कानून किसानों को उनके तय एपीएमसी बाजार के अलावा अन्य स्थानों पर भी अपनी उपज को बेचने की अनुमति देते हैं. इसके अलावा ये कानून अनुबंध के तहत खेती करने की अनुमति भी देते हैं, जिसके तहत वे निजी कंपनियों के साथ पारिश्रमिक या पूर्व-निर्धारित कीमतों के साथ सप्लाई को लेकर समझौते कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें- LIVE भारत बंद: सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान किसान की मौत

हालांकि, किसानों का मानना है कि नए कृषि कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली (एमएसपी) को खत्म कर देंगे और वे बड़े कॉपरेरेट्स की दया पर निर्भर हो जाएंगे.

अहमदनगर : दिल्ली में जारी किसान आंदोलन को समाजसेवी अन्ना हजारे ने समर्थन दिया है. वह महाराष्ट्र के अहमदनगर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास एक दिन का अनशन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों को नहीं माना तो वह आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल होंगे. हजारे ने कहा कि यह उनके जीवन का अंतिम आंदोलन होगा.

अन्ना हजारे ने कहा कि कृषि प्रधान देश में 70 साल बाद भी किसान आत्महत्या कर रहा है. सरकार को स्वामीनाथन आयोग लागू करना चाहिए. किसानों की जो मांगें हैं, वह सरकार को तत्काल पूरी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांगें पूरी नहीं करती है तो वह किसानों के लिए मैदान में उतर कर आंदोलन करेंगे.

अनशन के दौरान अन्ना हजारे

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का मंगलवार को 13वां दिन है. इन कानूनों के विरोध में किसानों ने आज भारत बंद बुलाया, जिसे विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिया. देश के अलग-अलग इलाकों में कई संगठन सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया.

ये कानून किसानों को उनके तय एपीएमसी बाजार के अलावा अन्य स्थानों पर भी अपनी उपज को बेचने की अनुमति देते हैं. इसके अलावा ये कानून अनुबंध के तहत खेती करने की अनुमति भी देते हैं, जिसके तहत वे निजी कंपनियों के साथ पारिश्रमिक या पूर्व-निर्धारित कीमतों के साथ सप्लाई को लेकर समझौते कर सकते हैं.

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हालांकि, किसानों का मानना है कि नए कृषि कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली (एमएसपी) को खत्म कर देंगे और वे बड़े कॉपरेरेट्स की दया पर निर्भर हो जाएंगे.

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