ETV Bharat / bharat

अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह में हजारों साल पुरानी वस्तुएं बनी आकर्षण का केंद्र

कुरुक्षेत्र के पिहोवा क्षेत्र में प्राचीन संस्कृति नदी और उसके तटों पर प्राचीन समय के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक झरोखों को भी दिखाने का अनोखा प्रयास किया गया है. तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती मेले में प्राचीन काल से जुड़ी वस्तुओं की प्रदर्शनी लोगों को भा रही है, विस्तार से पढे़ं खबर

international sarswati mohatsav
अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह
author img

By

Published : Jan 28, 2020, 11:57 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 8:36 AM IST

कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के बाद हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पिहोवा में प्रदेश की संस्कृति की छटा देखने को मिली. पिहोवा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में हरियाणा धरोहर को एक छत के नीचे संजोया गया है. प्रदेश की संस्कृति से जुड़ी परंपरागत पुरानी वस्तुओं को प्रदर्शनी में रखा गया है.

हरियाणा दर्शन प्रदर्शनी में हड़प्पा कालीन संस्कृति की पुरानी चीजों की एक प्रदर्शनी लगाई है, जिसमें प्राचीन काल से जुड़े मिट्टी और धातु के बर्तनों को इकट्ठा कर यहां लोगों को देखने के लिए रखा गया है. प्राचीन काल में लोग टाइम का अनुमान किस तरह से लगाते थे, किस तरह से कसरत की जाती थी और बहुत सी पुरानी वस्तुएं रखी गई हैं जो उस समय लोगों की आम जिंदगी से जुड़े जरूरी के समान देखने को मिलते थे.

अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह में लगी प्रदर्शनी, देखिए रिपोर्ट

जींद के गांव चूड़ी खुर्द मैं खुदाई के दौरान निकली आटा चक्की को भी इस प्रदर्शनी में रखा गया है. इतिहासकार की माने तो यह आटा चक्की लगभग 5000 साल पुरानी है. अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में हमारा हरियाणा प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. बता दें कि सरस्वती तीर्थ स्थल को इस बार मिनी सूरजकुंड मेले का लुक दिया गया है.

ऐतिहासिक बनावली के प्राचीन कुएं की झलक भी यहां देखने को मिल रही है. तीर्थ स्थल पर मेहमानों के लिए विशेष झोपड़ी तैयार की गई है और पर्यटकों को खाने में हरियाणा के व्यंजन चूरमा और बाजरे की खिचड़ी दी जा रही है. यहां हरियाणा के गांव के दर्शन संभव हो सकेंगे.

ये भी पढ़िए: इतिहास 28 जनवरी : अमेरिका का अंतरिक्ष यान चैलेंजर दुर्घटनाग्रस्त, सभी सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत

कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के बाद हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पिहोवा में प्रदेश की संस्कृति की छटा देखने को मिली. पिहोवा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में हरियाणा धरोहर को एक छत के नीचे संजोया गया है. प्रदेश की संस्कृति से जुड़ी परंपरागत पुरानी वस्तुओं को प्रदर्शनी में रखा गया है.

हरियाणा दर्शन प्रदर्शनी में हड़प्पा कालीन संस्कृति की पुरानी चीजों की एक प्रदर्शनी लगाई है, जिसमें प्राचीन काल से जुड़े मिट्टी और धातु के बर्तनों को इकट्ठा कर यहां लोगों को देखने के लिए रखा गया है. प्राचीन काल में लोग टाइम का अनुमान किस तरह से लगाते थे, किस तरह से कसरत की जाती थी और बहुत सी पुरानी वस्तुएं रखी गई हैं जो उस समय लोगों की आम जिंदगी से जुड़े जरूरी के समान देखने को मिलते थे.

अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह में लगी प्रदर्शनी, देखिए रिपोर्ट

जींद के गांव चूड़ी खुर्द मैं खुदाई के दौरान निकली आटा चक्की को भी इस प्रदर्शनी में रखा गया है. इतिहासकार की माने तो यह आटा चक्की लगभग 5000 साल पुरानी है. अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में हमारा हरियाणा प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. बता दें कि सरस्वती तीर्थ स्थल को इस बार मिनी सूरजकुंड मेले का लुक दिया गया है.

ऐतिहासिक बनावली के प्राचीन कुएं की झलक भी यहां देखने को मिल रही है. तीर्थ स्थल पर मेहमानों के लिए विशेष झोपड़ी तैयार की गई है और पर्यटकों को खाने में हरियाणा के व्यंजन चूरमा और बाजरे की खिचड़ी दी जा रही है. यहां हरियाणा के गांव के दर्शन संभव हो सकेंगे.

ये भी पढ़िए: इतिहास 28 जनवरी : अमेरिका का अंतरिक्ष यान चैलेंजर दुर्घटनाग्रस्त, सभी सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत

Intro:अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के बाद हरियाणा सरकार का एक अनूठा प्रयास कुरुक्षेत्र जिले की पिहोवा में मनाया जा रहे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह का कल आगाज हुआ था इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में हरियाणा धरोहर के एक छत के नीचे संजोया गया है हरियाणा संस्कृति से जुड़ी परंपरागत पुरानी वस्तुओं को इस हरियाणा दर्शन के अंदर लगाई गई प्रदर्शनी में रखा गया है


Body: हरियाणा दर्शन प्रदर्शनी में जिनसे पहुंचे युवक ने हड़प्पा कालीन संस्कृति से लेकर पहुंच सी पुरानी चीजों की एक प्रदर्शनी लगाई है जिसमें प्राचीन काल से जुड़े मिट्टी व धातु के बर्तनों को इकट्ठा कर यहां दर्शाया गया है प्राचीन काल में लोग टाइम का अनुमान किस तरह से लगाते थे किस तरह से कसरत की जाती थी और बहुत सी पुरानी वस्तुएं इस प्रदर्शनी में रखी गई है


Conclusion: जींद के गांव चूड़ी खुर्द मैं खुदाई के दौरान निकली आटा चक्की को भी इस प्रदर्शनी में रखा गया है इतिहासकार की माने तो यह आटा चक्की लगभग 5000 साल पुरानी है अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में हमारा हरियाणा प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है
Last Updated : Feb 28, 2020, 8:36 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.