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कांग्रेस बोली- भाजपा ने 'दागी' को मंत्री बनाकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की

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Published : Feb 13, 2020, 2:46 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 5:24 AM IST

कर्नाटक कैबिनेट विस्तार के दौरान बीजेपी नेता आनंद सिंह को वन, पर्यावरण और और पारिस्थितिकी मंत्री नियुक्त किया गया है. कांग्रेस पार्टी ने इस घटना पर बीजेपी पर हमला बोला है. जानें पूरा मामला.

congress attacks bjp
कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल

नई दिल्ली : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आनंद सिंह को वन, पर्यावरण और पारिस्थितिकी मंत्री नियुक्त किया है. आनंद सिंह पर अवैध उत्खनन और वन कानून के तहत 15 मुकदमे लंबित हैं. ये मामले साल 2012 से ही चल रहे हैं. आनंद सिंह का खनन और परिवहन से जुड़ा कारोबार भी है.

इस घटना पर कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने गुरुवार को कहा, 'आनंद सिंह को मंत्री नियुक्त करके बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मखौल उड़ाया है.'

बता दें कि गत 11 फरवरी को राज्यपाल वजूभाई वाला द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आनंद सिंह पर्यावरण, पारिस्थितिकी और पर्यावरण विभाग का प्रभार सौंपा गया है. पहले उन्हें खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों का विभाग दिया गया था.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'लो जी, मोदी जी ने तो आज ही आरोपित नेताओं को टिकट देने के कारण बताने के आदेशों की धज्जियां उड़ा दी. उच्चतम न्यायालय कहता है कि आरोपित नेताओं को टिकट ना दो. मोदी जी कहते हैं उन्हें विधायक नहीं, मंत्री बनाओ और वो भी उस विभाग का, जिसका क़ानून तोड़ने के लिए विधायक जी पर मुक़दमा दर्ज हो.'

उन्होंने कर्नाटक में आनंद सिंह को वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाए जाने का हवाला देते हुए कहा, 'कहते थे कि 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा', लेकिन जिस पर जंगल काटने और अवैध खनन के मुक़दमे दर्ज हैं, उसे ही 'वन एवं पर्यावरण' विभाग का मंत्री बनाऊंगा. पहले खाद्य आपूर्ति मंत्री बनाया, फिर 24 घंटे में ही वन एवं पर्यावरण मंत्री. बिल्ली को दूध की रखवाली, वाह मोदी जी!'

सुरजेवाला ने सवाल किया, 'उच्चतम न्यायालय के आदेश की कौन परवाह करता है?'

गौरतलब है कि आनंद सिंह पर चल रहे सभी मामले भाजपा सरकार के 2008-2013 के कार्यकाल के हैं. गौरतलब है कि आनंद सिंह उन 14 विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. 14 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की कुमारस्वामी सरकार गिरा गई थी.

कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद आनंद सिंह ने 2019 में भाजपा के टिकट पर बेल्लारी के विजयनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था.

दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने राजनीति के अपराधीकरण में वृद्धि पर चिंता जाहिर करते हुए बृहस्पतिवार को सभी सियासी दलों को निर्देश दिया कि वे चुनाव लड़ रहे अपने उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें.

ये भी पढ़ें: उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड जनता से साझा करना अनिवार्य : सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि सियासी दलों को वेबसाइट पर यह भी बताना होगा कि उन्होंने ऐसे उम्मीदवार क्यों चुनें जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं.

जयवीर शेरगिल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर कहा कि ये फैसला सही मायनों में राजनीति को अपराधों और अपराधियों से मुक्त बनाने की दिशा में पहला कदम है.

नई दिल्ली : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आनंद सिंह को वन, पर्यावरण और पारिस्थितिकी मंत्री नियुक्त किया है. आनंद सिंह पर अवैध उत्खनन और वन कानून के तहत 15 मुकदमे लंबित हैं. ये मामले साल 2012 से ही चल रहे हैं. आनंद सिंह का खनन और परिवहन से जुड़ा कारोबार भी है.

इस घटना पर कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने गुरुवार को कहा, 'आनंद सिंह को मंत्री नियुक्त करके बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मखौल उड़ाया है.'

बता दें कि गत 11 फरवरी को राज्यपाल वजूभाई वाला द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आनंद सिंह पर्यावरण, पारिस्थितिकी और पर्यावरण विभाग का प्रभार सौंपा गया है. पहले उन्हें खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों का विभाग दिया गया था.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'लो जी, मोदी जी ने तो आज ही आरोपित नेताओं को टिकट देने के कारण बताने के आदेशों की धज्जियां उड़ा दी. उच्चतम न्यायालय कहता है कि आरोपित नेताओं को टिकट ना दो. मोदी जी कहते हैं उन्हें विधायक नहीं, मंत्री बनाओ और वो भी उस विभाग का, जिसका क़ानून तोड़ने के लिए विधायक जी पर मुक़दमा दर्ज हो.'

उन्होंने कर्नाटक में आनंद सिंह को वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाए जाने का हवाला देते हुए कहा, 'कहते थे कि 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा', लेकिन जिस पर जंगल काटने और अवैध खनन के मुक़दमे दर्ज हैं, उसे ही 'वन एवं पर्यावरण' विभाग का मंत्री बनाऊंगा. पहले खाद्य आपूर्ति मंत्री बनाया, फिर 24 घंटे में ही वन एवं पर्यावरण मंत्री. बिल्ली को दूध की रखवाली, वाह मोदी जी!'

सुरजेवाला ने सवाल किया, 'उच्चतम न्यायालय के आदेश की कौन परवाह करता है?'

गौरतलब है कि आनंद सिंह पर चल रहे सभी मामले भाजपा सरकार के 2008-2013 के कार्यकाल के हैं. गौरतलब है कि आनंद सिंह उन 14 विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. 14 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की कुमारस्वामी सरकार गिरा गई थी.

कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद आनंद सिंह ने 2019 में भाजपा के टिकट पर बेल्लारी के विजयनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था.

दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने राजनीति के अपराधीकरण में वृद्धि पर चिंता जाहिर करते हुए बृहस्पतिवार को सभी सियासी दलों को निर्देश दिया कि वे चुनाव लड़ रहे अपने उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें.

ये भी पढ़ें: उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड जनता से साझा करना अनिवार्य : सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि सियासी दलों को वेबसाइट पर यह भी बताना होगा कि उन्होंने ऐसे उम्मीदवार क्यों चुनें जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं.

जयवीर शेरगिल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर कहा कि ये फैसला सही मायनों में राजनीति को अपराधों और अपराधियों से मुक्त बनाने की दिशा में पहला कदम है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 5:24 AM IST
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