नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा केंद्र सरकार को लाभांश और अधिशेष कोष के मद से 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के निर्णय को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर देश को 'आर्थिक आपातकाल और दिवालियेपन' की तरफ धकेलने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार एक सप्ताह के भीतर अर्थव्यवस्था की स्थिति पर श्वेतपत्र लाए.
इसी विषय पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर 'आर्थिक त्रासदी' को लेकर बेखबर रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि आरबीआई से 'चोरी करने' से अब कुछ नहीं होने वाला है.
गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इसको लेकर बेखबर हैं कि उनके खुद के द्वारा पैदा की गई आर्थिक त्रासदी को कैसे दूर किया जाए.'
उन्होंने दावा किया, 'आरबीआई से चुराने से काम नहीं चलने वाला है. यह किसी दवाखाने से बैंड-एड चुराकर, गोली लगने से हुए घाव पर लगाने जैसा है.'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि आरबीआई से जुड़ा निर्णय इस बात का प्रमाण है कि भारत की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है, लेकिन सरकार लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'भारत एक गहरे आर्थिक संकट में है. देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. जीडीपी निरन्तर गिर रही है. अर्थव्यवस्था के सभी सूचकांक नीचे हैं. रुपये का लगातार अवमूल्यन हो रहा है. '
शर्मा ने कहा, 'आरबीआई के सभी पुराने गवर्नर ने इसका विरोध किया था. रघुराम राजन ने इसका विरोध किया और उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया. ये हालात इस सरकार की नीतियों और कुप्रबंधन से पैदा हुए हैं. सरकार कुछ नहीं कर रही है.'
उन्होंने दावा किया, 'सरकार घाटे में है, बजट गलत बना दिया. सब्सिडी बन्द कर दी. इन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा. देश को आर्थिक आपातकाल और दिवालियेपन की तरफ धकेल दिया.'
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री अब इस स्थिति को नकार नहीं सकते. सरकार एक सप्ताह के भीतर अर्थव्यवस्था की स्थिति पर श्वेतपत्र लाए औेर दो सप्ताह के भीतर देश में चल रही परियोजनाओं एवं आर्थिक गतिविधि से जुड़े आंकड़े दो सप्ताह के भीतर पेश करे.
इससे पहले पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या आरबीआई से मिले इस पैसे का इस्तेमाल भाजपा के पूंजीपति मित्रों (क्रोनी फ्रेंड्स) को बचाने के लिए होगा.
सुरजेवाला ने यह भी पूछा कि क्या यह महज इत्तेफाक है कि आरबीआई से लिया जा रहा 1.76 लाख करोड़ रुपये की राशि बजट आकंलन में 'गायब' राशि के बराबर है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'क्या यह वित्तीय समझदारी है या फिर वित्तीय आत्महत्या है?' गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को लाभांश और अधिशेष कोष के मद से 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का सोमवार को निर्णय किया.
रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल के विमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद यह कदम उठाया गया है.