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अमूल की केंद्र से अपील, पशुपालकों के हित में दूध पाउडर का आयात न करें - import milk powder

अमूल ने केंद्र सरकार से दूध आयात न करने की अपील की है. गुजरात मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के एमडी डॉ. आरएस सोढ़ी ने कहा कि जनता को लगता है कि जब हम आत्मनिर्भरता की बात कर रहे हैं तो, दूध पाउडर आयात करने का निर्णय सही नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 30, 2020, 11:18 AM IST

Updated : Jun 30, 2020, 11:39 AM IST

अहमदाबाद : केंद्र सरकार ने दूध पाउडर आयात करने का फैसला किया है, जिससे पशुपालकों और उद्योगपतियों में नाराजगी है. इस फैसले से पशुपालकों को नुकसान होने की अधिक आशंका है. जनता को लगता है कि जब हम आत्मनिर्भरता की बात कर रहे हैं, तो दूध पाउडर आयात करने का निर्णय सही नहीं है.

गुजरात मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के एमडी डॉ. आरएस सोढ़ी ने ईटीवी भारत से कहा कि सरकार को दूध पाउडर का आयात नहीं करना चाहिए. हमने केंद्र सरकार से विदेश से बड़ी मात्रा में मिल्क पाउडर के आयात पर पुनर्विचार करने की अपील की है. इससे पहले सोढ़ी ने गुजरात सरकार और केंद्र सरकार से अपील की थी.

जानकारी देते डॉ. आरएस सोढ़ी

दूध पाउडर के आयात से भारतीय पशु प्रजनकों को नुकसान होने की आशंका है. भारत के पास 80 हजार टन दूध पाउडर का भंडार है. लॉकडाउन के कठिन समय के दौरान भी अमूल ने दूध पाउडर की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, इसलिए सरकार से अपील की जा रही है कि वह दूध पाउडर का आयात न करे.

पढ़ें-भारत बायोटेक ने बनाई कोरोना वैक्सीन, जुलाई से होगा ह्यूमन ट्रायल

जानकारी के लिए बता दें, वर्तमान में देश में बना दूध पाउडर लगभग 270 रुपये प्रति किलोग्राम में बेचा जाता है. यदि सरकार पाउडर को टीक्यूआर (TQR) के अनुसार 15 प्रतिशत राहत पर आयात करती है, तो आयातित पाउडर बाजार में लगभग 200 रुपये में उपलब्ध होगा, जिसका सीधा असर अमूल और इस तरह के कई अन्य सहकारी समितियों पर देखने को मिलेगा.

इसके मद्देनजर सभी को अपने दूध पाउडर की कीमत कम करनी होगी, जिसका सीधा असर कच्चे दूध की कीमत पर पड़ेगा. देश में लाखों पशु प्रजनकों को इससे आर्थिक नुकसान होगा और देश में पशुपालन के कारोबार को बड़ा खतरा होगा.

अहमदाबाद : केंद्र सरकार ने दूध पाउडर आयात करने का फैसला किया है, जिससे पशुपालकों और उद्योगपतियों में नाराजगी है. इस फैसले से पशुपालकों को नुकसान होने की अधिक आशंका है. जनता को लगता है कि जब हम आत्मनिर्भरता की बात कर रहे हैं, तो दूध पाउडर आयात करने का निर्णय सही नहीं है.

गुजरात मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के एमडी डॉ. आरएस सोढ़ी ने ईटीवी भारत से कहा कि सरकार को दूध पाउडर का आयात नहीं करना चाहिए. हमने केंद्र सरकार से विदेश से बड़ी मात्रा में मिल्क पाउडर के आयात पर पुनर्विचार करने की अपील की है. इससे पहले सोढ़ी ने गुजरात सरकार और केंद्र सरकार से अपील की थी.

जानकारी देते डॉ. आरएस सोढ़ी

दूध पाउडर के आयात से भारतीय पशु प्रजनकों को नुकसान होने की आशंका है. भारत के पास 80 हजार टन दूध पाउडर का भंडार है. लॉकडाउन के कठिन समय के दौरान भी अमूल ने दूध पाउडर की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, इसलिए सरकार से अपील की जा रही है कि वह दूध पाउडर का आयात न करे.

पढ़ें-भारत बायोटेक ने बनाई कोरोना वैक्सीन, जुलाई से होगा ह्यूमन ट्रायल

जानकारी के लिए बता दें, वर्तमान में देश में बना दूध पाउडर लगभग 270 रुपये प्रति किलोग्राम में बेचा जाता है. यदि सरकार पाउडर को टीक्यूआर (TQR) के अनुसार 15 प्रतिशत राहत पर आयात करती है, तो आयातित पाउडर बाजार में लगभग 200 रुपये में उपलब्ध होगा, जिसका सीधा असर अमूल और इस तरह के कई अन्य सहकारी समितियों पर देखने को मिलेगा.

इसके मद्देनजर सभी को अपने दूध पाउडर की कीमत कम करनी होगी, जिसका सीधा असर कच्चे दूध की कीमत पर पड़ेगा. देश में लाखों पशु प्रजनकों को इससे आर्थिक नुकसान होगा और देश में पशुपालन के कारोबार को बड़ा खतरा होगा.

Last Updated : Jun 30, 2020, 11:39 AM IST
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