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UAPA संशोधन बिल राज्यसभा में पारित, NIA को मिलेंगे विशेष अधिकार

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Published : Aug 2, 2019, 1:20 PM IST

Updated : Aug 2, 2019, 10:49 PM IST

राज्यसभा में UAPA पर चर्चा जारी है. बिल को लेकर सदन में वोटिंग हुई. अधिक जानकारी के लिये पढ़ें पूरी खबर......

राज्यसभा में बोलते अमित शाह.

नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट (UAPA) राज्यसभा में पारित हो गया है. बता दें, आज बिल पर चर्चा हुई. इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि आंतकवाद के खिलाफ इस बिल पर सदन के अंदर एकमत होना चाहिए था तो देश में अच्छा संदेश जाता.

राज्यसभा में UAPA संशोधन बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने के संशोधन प्रस्ताव पर सदन में वोटिंग हुई. वोटिंग के बाद राज्यसभा में विपक्षी दलों की ओर से UAPA बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव गिर गया है. प्रस्ताव के पक्ष में 85 और विपक्ष में 104 वोट पड़े. बाद में बिल को पारित करने के लिए फाइनल वोटिंग हुई. बिल के पक्ष में 147 और विपक्ष में 42 वोट पड़े, जिसके बाद यह पारित कर दिया गया.

विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि नलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट 1967 में लागू किया गया था. तबसे इसमें संशोधन की जरूरत थी. आज जो विधेयक राज्यसभा द्वारा पारित किया गया है वह पुलिस विभाग और खासकर NIA को विशेष अधिकार देगा.

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला UAPA पर अपने विचार रखते हुए

अरविंद शुक्ला ने कहा कि NIA इंस्पेक्टर को अधिकार हैं कि वह आतंकी गतिविधि के संदर्भ में गिरफ्तारी करके जांच कर सकता है. NIA के पास आतंकी गतिविधि की सूचना होने पर वह बिना अनुमति छापेमारी भी कर सकती है. यह विधेयक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने और संपत्ति जब्त करने का अधिकार देता है.

उन्होंने बताया कि आतंकवाद किसी व्यक्ति विषेश का काम नहीं हैं यह समूह या संस्था का काम होता है. इस विधेयक की सबसे खास बात यह है कि अगर NIA अनुचित कार्रवाई करता है तो इसकी शिकायत गृह सचिव से अपील करके की जा सकती है.

इससे पहले विधेयक पर भाषण देते हुए अमित शाह ने कहा कि NIA ने ज्यादा मामले में सजा दिलाई है और यह दर करीब 91 फीसदी है जो कि दुनिया की किसी भी एजेंसी से ज्यादा है. उन्होंने कहा कि किसी भी केस में चार्जशीट दाखिल न करने की वजह से कोई दोष मुक्त नहीं हुआ है. NIA के पास काफी जटिल मामले आते हैं.

राज्यसभा में बोलते अमित शाह.

उन्होंने कहा कि संस्था व्यक्ति से ही बनती है और इसी वजह से अब व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जाए ताकि वह व्यक्ति किसी और नाम से दूसरी संस्था न बना पाए.

अमित शाह ने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा कि जब तक व्यक्ति को आतंकी घोषित नहीं करते, इनके काम पर आतंकी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाई जा सकते. अमेरिका, पाकिस्तान, चीन, इजरायल में व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का कानून पहले से ही, हम तो कानून लाने में लेट हो गए.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: शोपियां में एनकाउंटर जारी, दो जवान घायल

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेसी लोग कानून के दुरुपयोग की बात न करें क्योंकि उनका इतिहास तो काफी लंबा है और इस पर सात तारीख तक बोल सकता हूं. आपातकाल की याद नहीं दिलाना चाहता जब लोगों के सारे अधिकार छीन लिए गए थे. तब देश पर नहीं प्रधानमंत्री की कुर्सी पर खतरा था.

अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि अगर यासीन भटकल को पहले ही आतंकी घोषित कर दिया होता तो कई लोगों की जान बच जाती लेकिन हमने सिर्फ उसके संगठन को बैन किया था. उन्होंने कहा कि आतंकी बताए गए व्यक्ति के पास अपील का पूरा अधिकार होगा, यह अंतिम ठप्पा नहीं है और चार चरणों में उसकी जांच होगी, किसी के मानव अधिकारों का हनन नहीं किया जाएगा.

गृह मंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने के कुछ बिन्दु तय किए गए हैं, उन्हीं के मुताबिक काम होगा. उन्होंने कहा कि आतंकी अगर दो कदम बढ़ते हैं तो हमारी एजेंसियों को चार कदम आगे बढ़ना होगा. हमारी पार्टी ने हर संशोधन का समर्थन किया था और भी कर रहे हैं. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता वह किसी व्यक्ति या सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि इंसानियत के खिलाफ है.

अमित शाह ने UAPA बिल पर कहा कि राज्य के DG के अधिकार नहीं छीने जा रहे हैं और जब NIA जांच शुरू करेगी तो राज्य पुलिस को जानकारी दी जाएगी. एनआईए की जांच के दौरान राज्य पुलिस से संपत्ति जब्त करने की इजाजत लेना ठीक नहीं है क्योंकि जांच की बारीक जानकारी तो NIA के पास ही है.

नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट (UAPA) राज्यसभा में पारित हो गया है. बता दें, आज बिल पर चर्चा हुई. इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि आंतकवाद के खिलाफ इस बिल पर सदन के अंदर एकमत होना चाहिए था तो देश में अच्छा संदेश जाता.

राज्यसभा में UAPA संशोधन बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने के संशोधन प्रस्ताव पर सदन में वोटिंग हुई. वोटिंग के बाद राज्यसभा में विपक्षी दलों की ओर से UAPA बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव गिर गया है. प्रस्ताव के पक्ष में 85 और विपक्ष में 104 वोट पड़े. बाद में बिल को पारित करने के लिए फाइनल वोटिंग हुई. बिल के पक्ष में 147 और विपक्ष में 42 वोट पड़े, जिसके बाद यह पारित कर दिया गया.

विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि नलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट 1967 में लागू किया गया था. तबसे इसमें संशोधन की जरूरत थी. आज जो विधेयक राज्यसभा द्वारा पारित किया गया है वह पुलिस विभाग और खासकर NIA को विशेष अधिकार देगा.

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला UAPA पर अपने विचार रखते हुए

अरविंद शुक्ला ने कहा कि NIA इंस्पेक्टर को अधिकार हैं कि वह आतंकी गतिविधि के संदर्भ में गिरफ्तारी करके जांच कर सकता है. NIA के पास आतंकी गतिविधि की सूचना होने पर वह बिना अनुमति छापेमारी भी कर सकती है. यह विधेयक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने और संपत्ति जब्त करने का अधिकार देता है.

उन्होंने बताया कि आतंकवाद किसी व्यक्ति विषेश का काम नहीं हैं यह समूह या संस्था का काम होता है. इस विधेयक की सबसे खास बात यह है कि अगर NIA अनुचित कार्रवाई करता है तो इसकी शिकायत गृह सचिव से अपील करके की जा सकती है.

इससे पहले विधेयक पर भाषण देते हुए अमित शाह ने कहा कि NIA ने ज्यादा मामले में सजा दिलाई है और यह दर करीब 91 फीसदी है जो कि दुनिया की किसी भी एजेंसी से ज्यादा है. उन्होंने कहा कि किसी भी केस में चार्जशीट दाखिल न करने की वजह से कोई दोष मुक्त नहीं हुआ है. NIA के पास काफी जटिल मामले आते हैं.

राज्यसभा में बोलते अमित शाह.

उन्होंने कहा कि संस्था व्यक्ति से ही बनती है और इसी वजह से अब व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जाए ताकि वह व्यक्ति किसी और नाम से दूसरी संस्था न बना पाए.

अमित शाह ने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा कि जब तक व्यक्ति को आतंकी घोषित नहीं करते, इनके काम पर आतंकी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाई जा सकते. अमेरिका, पाकिस्तान, चीन, इजरायल में व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का कानून पहले से ही, हम तो कानून लाने में लेट हो गए.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: शोपियां में एनकाउंटर जारी, दो जवान घायल

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेसी लोग कानून के दुरुपयोग की बात न करें क्योंकि उनका इतिहास तो काफी लंबा है और इस पर सात तारीख तक बोल सकता हूं. आपातकाल की याद नहीं दिलाना चाहता जब लोगों के सारे अधिकार छीन लिए गए थे. तब देश पर नहीं प्रधानमंत्री की कुर्सी पर खतरा था.

अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि अगर यासीन भटकल को पहले ही आतंकी घोषित कर दिया होता तो कई लोगों की जान बच जाती लेकिन हमने सिर्फ उसके संगठन को बैन किया था. उन्होंने कहा कि आतंकी बताए गए व्यक्ति के पास अपील का पूरा अधिकार होगा, यह अंतिम ठप्पा नहीं है और चार चरणों में उसकी जांच होगी, किसी के मानव अधिकारों का हनन नहीं किया जाएगा.

गृह मंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने के कुछ बिन्दु तय किए गए हैं, उन्हीं के मुताबिक काम होगा. उन्होंने कहा कि आतंकी अगर दो कदम बढ़ते हैं तो हमारी एजेंसियों को चार कदम आगे बढ़ना होगा. हमारी पार्टी ने हर संशोधन का समर्थन किया था और भी कर रहे हैं. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता वह किसी व्यक्ति या सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि इंसानियत के खिलाफ है.

अमित शाह ने UAPA बिल पर कहा कि राज्य के DG के अधिकार नहीं छीने जा रहे हैं और जब NIA जांच शुरू करेगी तो राज्य पुलिस को जानकारी दी जाएगी. एनआईए की जांच के दौरान राज्य पुलिस से संपत्ति जब्त करने की इजाजत लेना ठीक नहीं है क्योंकि जांच की बारीक जानकारी तो NIA के पास ही है.

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Last Updated : Aug 2, 2019, 10:49 PM IST
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