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अमेरिकी कांग्रेस समिति की अपील, कश्मीर में संचार सेवाएं बहाल करे भारत

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Published : Oct 8, 2019, 1:14 PM IST

अमेरिका की कांग्रेस समिति ने कश्मीर मामले पर भारत से अपील की है. इस अपील में उन्होंने कहा कि कश्मीर में संचार सेवाएं बहाल की जानी चाहिए.

कॉन्सेप्ट इमेज.

वाशिंगटन: अमेरिका की एक कांग्रेस समिति ने भारत से कश्मीर में संचार सेवाएं बहाल करने की अपील कि. साथ ही कहा कि इससे राज्य में लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है.

'हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी' ने सोमवार को ट्वीट किया, 'कश्मीर में भारत की संचार सेवाओं पर रोक से कश्मीरियों की जिंदगियों और कल्याण पर हानिकारक असर पड़ रहा है.'

जारी किए गए ट्वीट में कहा गया, 'समय आ गया है कि भारत पाबंदियां हटाए और कश्मीरियों को भी वही अधिकार और सुविधाएं दे जो अन्य भारतीय नागरिकों को मिल रहे हैं.'

भारत सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केन्द्र प्रशासित प्रदेश बनाने की घोषणा करने के बाद से ही कश्मीर में पाबंदियां लगी हैं.

पढ़ें: राफेल मिलने के बाद पेरिस में ही रक्षा मंत्री करेंगे 'शस्त्र पूजन'

भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को 'आंतरिक मामला' बताया है. आगे कहा कि ये पाबंदियां पाकिस्तान को आतंकवादियों के माध्यम से नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए लगाई गई हैं.

'हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी' की 'एशिया-प्रशांत एवं परमाणु अप्रसार उपसमिति' 22 अक्टूबर को कश्मीर और दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों में मानवाधिकारों पर सुनवाई करेगी.

बता दें, भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल सहित 13 अमेरिकी सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर चिंताओं को दूर करने और संचार सेवाओं को बहाल करने की अपील की थी. इसके करीब एक महीने बाद 'हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी' ने मामले पर अपना रुख स्पष्ट किया है.

वाशिंगटन: अमेरिका की एक कांग्रेस समिति ने भारत से कश्मीर में संचार सेवाएं बहाल करने की अपील कि. साथ ही कहा कि इससे राज्य में लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है.

'हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी' ने सोमवार को ट्वीट किया, 'कश्मीर में भारत की संचार सेवाओं पर रोक से कश्मीरियों की जिंदगियों और कल्याण पर हानिकारक असर पड़ रहा है.'

जारी किए गए ट्वीट में कहा गया, 'समय आ गया है कि भारत पाबंदियां हटाए और कश्मीरियों को भी वही अधिकार और सुविधाएं दे जो अन्य भारतीय नागरिकों को मिल रहे हैं.'

भारत सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केन्द्र प्रशासित प्रदेश बनाने की घोषणा करने के बाद से ही कश्मीर में पाबंदियां लगी हैं.

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भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को 'आंतरिक मामला' बताया है. आगे कहा कि ये पाबंदियां पाकिस्तान को आतंकवादियों के माध्यम से नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए लगाई गई हैं.

'हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी' की 'एशिया-प्रशांत एवं परमाणु अप्रसार उपसमिति' 22 अक्टूबर को कश्मीर और दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों में मानवाधिकारों पर सुनवाई करेगी.

बता दें, भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल सहित 13 अमेरिकी सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर चिंताओं को दूर करने और संचार सेवाओं को बहाल करने की अपील की थी. इसके करीब एक महीने बाद 'हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी' ने मामले पर अपना रुख स्पष्ट किया है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 8:48 HRS IST




             
  • अमेरिकी कांग्रेस समिति ने भारत से कश्मीर में संचार सेवाएं बहाल करने की अपील की



(ललित के झा)



वाशिंगटन, आठ अक्टूबर (भाषा) अमेरिका की एक कांग्रेस समिति ने भारत से कश्मीर में संचार सेवाएं बहाल करने की अपील कि और कहा कि इससे राज्य में लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है।



‘हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी’ ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘ कश्मीर में भारत की संचार सेवाओं पर रोक से कश्मीरियों की जिंदगियों और कल्याण पर हानिकारक असर पड़ रहा है।’’



ट्वीट में कहा गया, ‘‘ समय आ गया है कि भारत पाबंदियां हटाए और कश्मीरियों को भी वही अधिकार और सुविधाएं दे जो अन्य भारतीय नागरिकों को मिल रहे हैं।’’



भारत सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केन्द्र प्रशासित प्रदेश बनाने की घोषणा करने के बाद से ही कश्मीर में पाबंदियां लगी हैं।



भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को ‘‘आंतरिक मामला’’ बताया है और कहा कि ये पाबंदियां पाकिस्तान को आतंकवादियों के माध्यम से नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए लगाई गई हैं।



‘हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी’ की ‘एशिया-प्रशांत एवं परमाणु अप्रसार उपसमिति’ 22 अक्टूबर को कश्मीर और दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों में मानवाधिकारों पर सुनवाई करेगी।



भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल सहित 13 अमेरिकी सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर चिंताओं को दूर करने और संचार सेवाओं को बहाल करने की अपील की थी जिसके करीब एक महीने बाद ‘हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी’ ने मामले पर अपना रुख स्पष्ट किया है।


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