बेलगावी : कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक मुस्लिम एंबुलेंस ड्राइवर ने 12 वर्षों की सेवा के दौरान 36,000 से अधिक शवों को उचित स्थान तक पहुंचाया. इनमें अधिकांश हिंदुओं के शव थे.
दरअसल, नसीर अहमद पिछले 12 वर्षों से चिराशांति एम्बुलेंस सेवा के लिए चालक के रूप में काम कर रहे हैं और अब तक 36,000 से अधिक शवों को श्मशान तक ले गए हैं. लेकिन कोरोना वायरस महामारी के दौरान एहतियाती उपाय करने में सक्षम नहीं हैं.
बेलगावी जिला प्रशासन भी एंबुलेंस चालकों को कोई सुरक्षा उपाय या पीपीई किट उपलब्ध नहीं करा रहा है.
नसीर अहमद ने ईटीवी भारत को बताया, 'मैं अपनी सेवा के दौरान हजारों शवों को बिना किसी चिंता के ले गया. अब कोरोना के संक्रमण के कारण हमें चिंता हो रही है, लेकिन जिला प्रशासन हमें पीपीई किट भी प्रदान नहीं कर रहा है.'
बेलगावी जिले में रोजाना कोरोना संक्रमित मरीज मर रहे हैं, और अंतिम संस्कार के लिए शवों को ले जाते समय एम्बुलेंस चालकों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इस कारण से, अधिकांश एम्बुलेंस चालक भाग खड़े हुए, लेकिन नसीर अहमद रोजाना की तरह अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोरोनो वायरस के कारण स्थिति गंभीर हो गई है, लेकिन हमें संक्रमित होने का डर नहीं है. हम अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं.
नसीर ने कहा कि जिला प्रशासन को एंबुलेंस चालकों को आवश्यक किट उपलब्ध कराना चाहिए. ताकि हमें और हमारे परिवार को डर के साए में न रहना पड़े.