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लोक सभा में विपक्ष पर बरसे पीएम मोदी, बोले- ना खेलब ना खेलन देब, खेलबे बिगाड़ब

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Published : Feb 10, 2021, 3:55 PM IST

Updated : Feb 10, 2021, 7:01 PM IST

lok sabha
lok sabha

18:57 February 10

विपक्ष पर निशाना

विपक्ष पर निशाना

लोक सभा में विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने भोजपुरी में कहा, ना खेलब ना खेलन देब, खेलबे बिगाड़ब.

17:49 February 10

लोक सभा में प्रधानमंत्री का संबोधन समाप्त हो गया है.

17:44 February 10

आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बीच फर्क करना जरूरी

किसान आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं. भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है, लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए अपवित्र करने निकल पड़ते हैं तो क्या होता है?

दंगा करने वालों, सम्प्रदायवादी, आतंकवादियों जो जेल में हैं, उनकी फोटो लेकर उनकी मुक्ति की मांग करना, ये किसानों के आंदोलन को अपवित्र करना है. 

किसानों के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया है, इसलिए देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बारे में फर्क करना बहुत जरूरी है.

17:41 February 10

देश को आगे बढ़ाना है लक्ष्य 

लोक सभा में पीएम मोदी बोले, देश का सामर्थ्य बढ़ाने में सभी का सामूहिक योगदान है. जब सभी देशवासियों का पसीना लगता है, तभी देश आगे बढ़ता है.

देश के लिए पब्लिक सेक्टर जरूरी है तो प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी जरूरी है. आज मानवता के काम देश आ रहा है तो इसमें प्राइवेट सेक्टर का भी बहुत बड़ा योगदान है.

17:37 February 10

किसानों को ताकतवर बनाने किए काम

पीएम मोदी ने कहा, किसानों के लिए 10,000 FPOs बनाने का काम किया गया. ये छोटे किसानों के लिए एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में उभरने वाले हैं. महाराष्ट्र में FPOs बनाने का विशेष प्रयोग हुआ है.

केरल में भी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग काफी मात्रा में FPO बनाने के काम में लगे हुए हैं. ये 10,000 FPOs बनने के बाद छोटे किसान ताकतवर बनेंगे, ये मेरा विश्वास है.

17:21 February 10

किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है

लोक सभा में पीएम मोदी ने कहा, भारत में कृषि समाज के कल्चर का हिस्सा रहा है. हमारे पर्व, त्योहार सब चीजें फसल बोने और काटने के साथ जुड़ी रही हैं.

हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, उसे अपनी उपज बेचने की आजादी मिले, उस दिशा में काम करने की आवश्यकता है.

कृषि के अंदर जितना निवेश बढ़ेगा, उतना ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. हमने कोरोना काल में किसान रेल का प्रयोग किया है. यह ट्रेन चलता-फिरता एक कोल्ड स्टोरेज है.

सरदार पटेल करते थे कि, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी यदि परतंत्रता की दुर्गंध आती रहे, तो स्वतंत्रता की सुगंध नहीं फैल सकती. जब तक हमारे छोटे किसानों को नए अधिकार नहीं मिलते तब तक पूर्ण आजादी की उनकी बात अधूरी रहेगी.

17:10 February 10

देश की प्रगति के लिए कुछ कानून जरुरी

पीएम मोदी ने कहा, मैं हैरान हूं पहली बार एक नया तर्क आया है कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों. दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक होने के कारण कानून बनाया गया.

मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है.

17:02 February 10

विपक्ष पर प्रधानमंत्री मोदी का वार 

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा, कांग्रेस कंफ्यूजड पार्टी. उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी विभाजित और भ्रमित है. न तो यह अपने भले के लिए काम कर सकती है और न ही देश के मुद्दों को हल करने के बारे में सोच सकती है. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है?

संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है. रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पर्दाफाश हो जाएगा, इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है.

कानून बनने के बाद किसी भी किसान से मैं पूछना चाहता हूं कि पहले जो हक और व्यवस्थाएं उनके पास थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या? इसका जवाब कोई देता नहीं है, क्योंकि सबकुछ वैसा का वैसा ही है.

17:00 February 10

पीएम मोदी के संबोधन के बीच विपक्ष का वॉकआउट.

16:48 February 10

कृषि क्षेत्र पर चर्चा 

कृषि क्षेत्र को कठिन चुनौतियों से बाहर लाने के लिए हमें प्रयास करना ही होगा. इसके लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किया है.

मैं देख रहा था कि कांग्रेस के साथियों ने जो चर्चा की, वो इस कानून के रंग पर तो बहुत चर्चा कर रहे थे. अच्छा होता कि उसके कंटेट और इंटेट पर चर्चा करते, ताकि देश के किसानों तक सही चीजें पहुंचती. 

इस कोरोना काल में तीन कृषि कानून भी लाए गए. ये कृषि सुधार का सिलसिला बहुत ही आवश्यक और महत्वपूर्ण है और बरसों से जो हमारा कृषि क्षेत्र चुनौतियां महसूस कर रहा है, उसको बाहर लाने के लिए हमें निरंतर प्रयास करना ही होगा और हमने एक ईमानदारी से प्रयास किया भी है.

पुरानी मंडियों पर कोई पाबंदी नहीं.

हम मानते हैं कि इसमें सही में कोई कमी हो, किसानों का कोई नुकसान हो, तो बदलाव करने में क्या जाता ह. ये देश देशवासियों का है. हम किसानों के लिए निर्णय करते हैं, अगर कोई ऐसी बात बताते हैं जो उचित हो, तो हमें कोई संकोच नहीं है.

कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ. ये सच्चाई है. इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद भी बढ़ी है.

16:40 February 10

कोरोना वायरस पर चर्चा

कोरोना पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, हमारे लिए संतोष और गर्व का विषय है कि कोरोना के कारण कितनी बड़ी मुसीबत आएगी इसके जो अनुमान लगाए गए थे कि भारत कैसे इस स्थिति से निपटेगा. ऐसे मैं ये 130 करोड़ देशवासियों के अनुशासन और समर्पण ने हमें आज बचा कर रखा है.

इसका गौरवगान हमें करना चाहिए. भारत की पहचान बनाने के लिए ये भी एक अवसर है.

हम कोरोना से जीत पाए, क्योंकि डॉक्टर्स, सफाई कर्मचारी, एम्बुलेंस का ड्राइवर ये सब भगवान के रूप में आए. हम उनकी जितनी प्रशंसा करें, जितना गौरवगान करेंगे, उससे हमारे भीतर भी नई आशा पैदा होगी.

दुनिया के बहुत सारे देश कोरोना, लॉकडाउन, कर्फ्यू के कारण चाहते हुए भी अपने खजाने में पाउंड और डॉलर होने के बाद भी अपने लोगों तक नहीं पहुंचा पाए, लेकिन ये हिंदुस्तान है जो इस कोरोना कालखंड में भी करीब 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है.

यही भारत है जिसने जनधन, आधार और मोबाइल के द्वारा 2 लाख करोड़ रुपया इस कालखंड में लोगों तक पहुंचा दिए.

कोरोना कालखंड में जनधन खाते, आधार, ये सभी गरीब के काम आए, लेकिन कभी-कभी सोचते हैं कि आधार को रोकने के लिए कौन लोग सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे में गए थे?

इस कालखंड में भी हमने रिफॉर्म का सिलसिला जारी रखा है. हम इस इरादे से चले है कि भारत की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हमें नए कदम उठाने होंगे और हमने पहले दिन से ही कई कदम उठाए हैं.

16:35 February 10

सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, जिन संस्कारों में हम पले-बढ़े हैं, वो हैं- सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया. कोरोना कालखंड में भारत ने ये करके दिखाया है.

हमारे लिए आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल दें. ये किसी शासन व्यवस्था या किसी राजनेता का विचार नहीं है. आज हिंदुस्तान के हर कोने में वोकल फ़ॉर लोकल सुनाई दे रहा है. ये आत्मगौरव का भाव आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत काम आ रहा है.

16:23 February 10

भारत एक चमत्कारिक लोकतंत्र था, यह एक भ्रम तोड़ना होगा

भारत एक चमत्कारिक लोकतंत्र यह एक भ्रम

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कुछ लोग ये कहते थे कि भारत एक चमत्कारिक लोकतंत्र था. ये भ्रम भी हमने तोड़ा है. लोकतंत्र हमारी रगों और सांस में बुना हुआ है, हमारी हर सोच, हर पहल, हर प्रयास लोकतंत्र की भावना से भरा हुआ रहता है.

आज जब हम भारत की बात करते हैं तो मैं स्वामी विवेकानंद की बात का स्मरण करना चाहूंगा. हर राष्ट्र के पास एक संदेश होता है, जो उसे पहुंचाना होता है, हर राष्ट्र का एक मिशन होता है, जो उसे हासिल करना होता है, हर राष्ट्र की एक नीयति होती है, जिसे वो प्राप्त करता है.

16:19 February 10

राष्ट्रपति के भाषण ने भारत की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित किया

संकल्प शक्ति को प्रदर्शित किया

पीएम मोदी ने कहा :-

राष्ट्रपति के भाषण ने भारत की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित किया. उनके शब्दों ने भारत के लोगों में आत्मविश्वास की भावना को बढ़ाया है. 

राष्ट्रपति के भाषण पर चर्चा के दौरान बड़ी संख्या में महिला सांसदों ने हिस्सा लिया. यह एक महान संकेत है. मैं उन महिला सांसदों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने सदन की कार्यवाही को अपने विचारों से समृद्ध किया.

हम आजादी के 75 साल में प्रवेश करने जा रहे हैं. यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है और आगे बढ़ने का अवसर है. हम किसी भी कोने में हों या समाज के किसी भी तबके से हों, हमें एक नया संकल्प करना चाहिए कि हम भारत को आजादी के 100 साल पर कहां ले जाना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, विकट और विपरीत काल में भी ये देश किस प्रकार से अपना रास्ता चुनता है, रास्ता तय करता है और रास्ते पर चलते हुए सफलता प्राप्त करता है, ये सब राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कही.

देश जब आजाद हुआ, जो आखिरी ब्रिटिश कमांडर थे, वो आखिरी तक यही कहते थे कि भारत कई देशों का महाद्वीप है और कोई भी इसे एक राष्ट्र नहीं बना पाएगा. लेकिन भारतवासियों ने इस आशंका को तोड़ा. विश्व के लिए आज हम आशा की किरण बनकर खड़े हुए हैं.

16:19 February 10

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दे रहे हैं.

16:01 February 10

इससे पहले अधीर रंजन चौधरी ने एलएसी पर पूर्व जनरल वीके सिंह के दिए गए एक बयान की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि वीके सिंह ने मीडिया में कहा है कि चीन की ओर भारतीय सेना भी अतिक्रमण करती रही है.

14:47 February 10

लोक सभा की कार्यवाही

नई दिल्ली : पिछले तीन दिनों से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में बहस जारी है. चर्चा की शुरुआत भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने की थी. इसके बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार पर तीखे हमले किए.  

चौधरी ने कहा, 26 जनवरी को लाल किला पर जो भी कुछ हुआ, उसमें भाजपा के समर्थक थे. वरना ऐसी अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच ऐसी घटना संभव ही नहीं है. किसान आंदोलन को बदनाम किया गया. अगर ऐसा नहीं है, तो जेपीसी जांच करवाइए. सरकार के पास सारे साक्ष्य मौजूद हैं. सीसीटीवी फुटेज है. वीडियो है. इसे सार्वजनिक कीजिए. हमलोगों को सभी फुटेज दिखाए. हम पहचान लेंगे, कौन दोषी है. आंदोलन को बलपूर्वक दबाया नहीं गया, तो आप छलपूर्वक बदनाम करना चाह रहे हैं. ये किसान आंदोलन सिर्फ पंजाब का नहीं है. पर, आप इसे ऐसा ही बार-बार बता रहे हैं. ये एक जनांदोलन का शक्ल ले चुका है. 

18:57 February 10

विपक्ष पर निशाना

विपक्ष पर निशाना

लोक सभा में विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने भोजपुरी में कहा, ना खेलब ना खेलन देब, खेलबे बिगाड़ब.

17:49 February 10

लोक सभा में प्रधानमंत्री का संबोधन समाप्त हो गया है.

17:44 February 10

आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बीच फर्क करना जरूरी

किसान आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं. भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है, लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए अपवित्र करने निकल पड़ते हैं तो क्या होता है?

दंगा करने वालों, सम्प्रदायवादी, आतंकवादियों जो जेल में हैं, उनकी फोटो लेकर उनकी मुक्ति की मांग करना, ये किसानों के आंदोलन को अपवित्र करना है. 

किसानों के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया है, इसलिए देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बारे में फर्क करना बहुत जरूरी है.

17:41 February 10

देश को आगे बढ़ाना है लक्ष्य 

लोक सभा में पीएम मोदी बोले, देश का सामर्थ्य बढ़ाने में सभी का सामूहिक योगदान है. जब सभी देशवासियों का पसीना लगता है, तभी देश आगे बढ़ता है.

देश के लिए पब्लिक सेक्टर जरूरी है तो प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी जरूरी है. आज मानवता के काम देश आ रहा है तो इसमें प्राइवेट सेक्टर का भी बहुत बड़ा योगदान है.

17:37 February 10

किसानों को ताकतवर बनाने किए काम

पीएम मोदी ने कहा, किसानों के लिए 10,000 FPOs बनाने का काम किया गया. ये छोटे किसानों के लिए एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में उभरने वाले हैं. महाराष्ट्र में FPOs बनाने का विशेष प्रयोग हुआ है.

केरल में भी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग काफी मात्रा में FPO बनाने के काम में लगे हुए हैं. ये 10,000 FPOs बनने के बाद छोटे किसान ताकतवर बनेंगे, ये मेरा विश्वास है.

17:21 February 10

किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है

लोक सभा में पीएम मोदी ने कहा, भारत में कृषि समाज के कल्चर का हिस्सा रहा है. हमारे पर्व, त्योहार सब चीजें फसल बोने और काटने के साथ जुड़ी रही हैं.

हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, उसे अपनी उपज बेचने की आजादी मिले, उस दिशा में काम करने की आवश्यकता है.

कृषि के अंदर जितना निवेश बढ़ेगा, उतना ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. हमने कोरोना काल में किसान रेल का प्रयोग किया है. यह ट्रेन चलता-फिरता एक कोल्ड स्टोरेज है.

सरदार पटेल करते थे कि, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी यदि परतंत्रता की दुर्गंध आती रहे, तो स्वतंत्रता की सुगंध नहीं फैल सकती. जब तक हमारे छोटे किसानों को नए अधिकार नहीं मिलते तब तक पूर्ण आजादी की उनकी बात अधूरी रहेगी.

17:10 February 10

देश की प्रगति के लिए कुछ कानून जरुरी

पीएम मोदी ने कहा, मैं हैरान हूं पहली बार एक नया तर्क आया है कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों. दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक होने के कारण कानून बनाया गया.

मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है.

17:02 February 10

विपक्ष पर प्रधानमंत्री मोदी का वार 

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा, कांग्रेस कंफ्यूजड पार्टी. उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी विभाजित और भ्रमित है. न तो यह अपने भले के लिए काम कर सकती है और न ही देश के मुद्दों को हल करने के बारे में सोच सकती है. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है?

संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है. रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पर्दाफाश हो जाएगा, इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है.

कानून बनने के बाद किसी भी किसान से मैं पूछना चाहता हूं कि पहले जो हक और व्यवस्थाएं उनके पास थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या? इसका जवाब कोई देता नहीं है, क्योंकि सबकुछ वैसा का वैसा ही है.

17:00 February 10

पीएम मोदी के संबोधन के बीच विपक्ष का वॉकआउट.

16:48 February 10

कृषि क्षेत्र पर चर्चा 

कृषि क्षेत्र को कठिन चुनौतियों से बाहर लाने के लिए हमें प्रयास करना ही होगा. इसके लिए हमने ईमानदारी से प्रयास किया है.

मैं देख रहा था कि कांग्रेस के साथियों ने जो चर्चा की, वो इस कानून के रंग पर तो बहुत चर्चा कर रहे थे. अच्छा होता कि उसके कंटेट और इंटेट पर चर्चा करते, ताकि देश के किसानों तक सही चीजें पहुंचती. 

इस कोरोना काल में तीन कृषि कानून भी लाए गए. ये कृषि सुधार का सिलसिला बहुत ही आवश्यक और महत्वपूर्ण है और बरसों से जो हमारा कृषि क्षेत्र चुनौतियां महसूस कर रहा है, उसको बाहर लाने के लिए हमें निरंतर प्रयास करना ही होगा और हमने एक ईमानदारी से प्रयास किया भी है.

पुरानी मंडियों पर कोई पाबंदी नहीं.

हम मानते हैं कि इसमें सही में कोई कमी हो, किसानों का कोई नुकसान हो, तो बदलाव करने में क्या जाता ह. ये देश देशवासियों का है. हम किसानों के लिए निर्णय करते हैं, अगर कोई ऐसी बात बताते हैं जो उचित हो, तो हमें कोई संकोच नहीं है.

कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ. ये सच्चाई है. इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद भी बढ़ी है.

16:40 February 10

कोरोना वायरस पर चर्चा

कोरोना पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, हमारे लिए संतोष और गर्व का विषय है कि कोरोना के कारण कितनी बड़ी मुसीबत आएगी इसके जो अनुमान लगाए गए थे कि भारत कैसे इस स्थिति से निपटेगा. ऐसे मैं ये 130 करोड़ देशवासियों के अनुशासन और समर्पण ने हमें आज बचा कर रखा है.

इसका गौरवगान हमें करना चाहिए. भारत की पहचान बनाने के लिए ये भी एक अवसर है.

हम कोरोना से जीत पाए, क्योंकि डॉक्टर्स, सफाई कर्मचारी, एम्बुलेंस का ड्राइवर ये सब भगवान के रूप में आए. हम उनकी जितनी प्रशंसा करें, जितना गौरवगान करेंगे, उससे हमारे भीतर भी नई आशा पैदा होगी.

दुनिया के बहुत सारे देश कोरोना, लॉकडाउन, कर्फ्यू के कारण चाहते हुए भी अपने खजाने में पाउंड और डॉलर होने के बाद भी अपने लोगों तक नहीं पहुंचा पाए, लेकिन ये हिंदुस्तान है जो इस कोरोना कालखंड में भी करीब 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है.

यही भारत है जिसने जनधन, आधार और मोबाइल के द्वारा 2 लाख करोड़ रुपया इस कालखंड में लोगों तक पहुंचा दिए.

कोरोना कालखंड में जनधन खाते, आधार, ये सभी गरीब के काम आए, लेकिन कभी-कभी सोचते हैं कि आधार को रोकने के लिए कौन लोग सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे में गए थे?

इस कालखंड में भी हमने रिफॉर्म का सिलसिला जारी रखा है. हम इस इरादे से चले है कि भारत की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हमें नए कदम उठाने होंगे और हमने पहले दिन से ही कई कदम उठाए हैं.

16:35 February 10

सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, जिन संस्कारों में हम पले-बढ़े हैं, वो हैं- सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया. कोरोना कालखंड में भारत ने ये करके दिखाया है.

हमारे लिए आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल दें. ये किसी शासन व्यवस्था या किसी राजनेता का विचार नहीं है. आज हिंदुस्तान के हर कोने में वोकल फ़ॉर लोकल सुनाई दे रहा है. ये आत्मगौरव का भाव आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत काम आ रहा है.

16:23 February 10

भारत एक चमत्कारिक लोकतंत्र था, यह एक भ्रम तोड़ना होगा

भारत एक चमत्कारिक लोकतंत्र यह एक भ्रम

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कुछ लोग ये कहते थे कि भारत एक चमत्कारिक लोकतंत्र था. ये भ्रम भी हमने तोड़ा है. लोकतंत्र हमारी रगों और सांस में बुना हुआ है, हमारी हर सोच, हर पहल, हर प्रयास लोकतंत्र की भावना से भरा हुआ रहता है.

आज जब हम भारत की बात करते हैं तो मैं स्वामी विवेकानंद की बात का स्मरण करना चाहूंगा. हर राष्ट्र के पास एक संदेश होता है, जो उसे पहुंचाना होता है, हर राष्ट्र का एक मिशन होता है, जो उसे हासिल करना होता है, हर राष्ट्र की एक नीयति होती है, जिसे वो प्राप्त करता है.

16:19 February 10

राष्ट्रपति के भाषण ने भारत की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित किया

संकल्प शक्ति को प्रदर्शित किया

पीएम मोदी ने कहा :-

राष्ट्रपति के भाषण ने भारत की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित किया. उनके शब्दों ने भारत के लोगों में आत्मविश्वास की भावना को बढ़ाया है. 

राष्ट्रपति के भाषण पर चर्चा के दौरान बड़ी संख्या में महिला सांसदों ने हिस्सा लिया. यह एक महान संकेत है. मैं उन महिला सांसदों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने सदन की कार्यवाही को अपने विचारों से समृद्ध किया.

हम आजादी के 75 साल में प्रवेश करने जा रहे हैं. यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है और आगे बढ़ने का अवसर है. हम किसी भी कोने में हों या समाज के किसी भी तबके से हों, हमें एक नया संकल्प करना चाहिए कि हम भारत को आजादी के 100 साल पर कहां ले जाना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, विकट और विपरीत काल में भी ये देश किस प्रकार से अपना रास्ता चुनता है, रास्ता तय करता है और रास्ते पर चलते हुए सफलता प्राप्त करता है, ये सब राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कही.

देश जब आजाद हुआ, जो आखिरी ब्रिटिश कमांडर थे, वो आखिरी तक यही कहते थे कि भारत कई देशों का महाद्वीप है और कोई भी इसे एक राष्ट्र नहीं बना पाएगा. लेकिन भारतवासियों ने इस आशंका को तोड़ा. विश्व के लिए आज हम आशा की किरण बनकर खड़े हुए हैं.

16:19 February 10

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दे रहे हैं.

16:01 February 10

इससे पहले अधीर रंजन चौधरी ने एलएसी पर पूर्व जनरल वीके सिंह के दिए गए एक बयान की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि वीके सिंह ने मीडिया में कहा है कि चीन की ओर भारतीय सेना भी अतिक्रमण करती रही है.

14:47 February 10

लोक सभा की कार्यवाही

नई दिल्ली : पिछले तीन दिनों से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में बहस जारी है. चर्चा की शुरुआत भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने की थी. इसके बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार पर तीखे हमले किए.  

चौधरी ने कहा, 26 जनवरी को लाल किला पर जो भी कुछ हुआ, उसमें भाजपा के समर्थक थे. वरना ऐसी अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच ऐसी घटना संभव ही नहीं है. किसान आंदोलन को बदनाम किया गया. अगर ऐसा नहीं है, तो जेपीसी जांच करवाइए. सरकार के पास सारे साक्ष्य मौजूद हैं. सीसीटीवी फुटेज है. वीडियो है. इसे सार्वजनिक कीजिए. हमलोगों को सभी फुटेज दिखाए. हम पहचान लेंगे, कौन दोषी है. आंदोलन को बलपूर्वक दबाया नहीं गया, तो आप छलपूर्वक बदनाम करना चाह रहे हैं. ये किसान आंदोलन सिर्फ पंजाब का नहीं है. पर, आप इसे ऐसा ही बार-बार बता रहे हैं. ये एक जनांदोलन का शक्ल ले चुका है. 

Last Updated : Feb 10, 2021, 7:01 PM IST
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