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माली से भारतीयों को स्वदेश लौटने की सलाह : राजदूत

भारतीय राजदूत अंजनी कुमार सहाय का कहना है कि माली में भारतीय दूतावास में सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं. इसके साथ ही तुरंत स्वदेश लौटने के साथ ही अफ्रीकी देश में हालतों के मद्देनजर सतर्कता बरतने को कहा गया है.

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भारतीय राजदूत अंजनी कुमार सहाय
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Published : Aug 19, 2020, 3:18 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय राजदूत अंजनी कुमार सहाय ने बुधवार को कहा कि, माली में भारतीय दूतावास में सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं और भारतीय नागरिकों को तुरंत स्वदेश लौटने और अफ्रीकी देश में स्थिति के मद्देनजर सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है.

अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, आज सुबह तड़के मालियान के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने घोषणा की कि वे अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे बमाको में एक विद्रोह के बाद खून बहते देखने की इच्छा नहीं रखते हैं.

'घरों से बाहर ना निकलने की दी सलाह'
अंजनी कुमार सहाय ने बताया कि, 'हमने सहयोगियों को अशांति के पहले संकेत पर अपने घरों में लौटने के लिए कहा है. दूतावास के सभी सहयोगी सुरक्षित हैं. हमने घर लौटने की सलाह दी है. हम भारतीयों के संपर्क में हैं, उन्हें सतर्क रहने और अपने घरों से बाहर ना निकलने की सलाह दे रहे हैं.'

'हम लगातार भारतीयों के संपर्क में हैं'
सहाय ने आगे कहा कि, भारतीय समुदाय सुरक्षित है और वे हमले के अधीन नहीं हैं. उन्होंने कहा कि, 'हमने बाद में ये बताने के लिए जानकारी दी कि कुछ भी नहीं है कि सामान्य तौर पर या किसी अन्य समुदाय के भारतीयों पर हमले हो रहे हैं. चीजें बिना किसी बड़ी हिंसा के हुई हैं."

पढ़ें: माली : विद्रोही सैनिकों की तख्ता पलट की कोशिश, राष्ट्रपति ने दिया इस्तीफा

स्थानीय अधिकारियों ने दी थी जानकारी
माली की राजधानी के 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक सैन्य शिविर पर मंगलवार सुबह एक विद्रोह की रिपोर्ट के बाद, राजनयिक स्रोत का हवाला दिया गया, जिसकी स्थानीय अधिकारियों ने जानकारी दी थी.

कर्फ्यू लगाने की घोषणा
स्पुतनिक ने बताया कि, म्यूटिन का आयोजन करने वाले सैन्य अधिकारियों ने देश की सभी सीमाओं को बंद करने और कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है.

हवाई, जमीनी सीमाएं अगले नोटिस तक बंद
एक रिपोर्ट के मुताबिक ये बताया गया था कि, 'आज, 19 अगस्त से, सभी हवाई और जमीनी सीमाएं अगले नोटिस तक बंद कर दी जाएंगी और 21:00 से 05:00 बजे तक कर्फ्यू लगाया जाएगा.'

सार्वजनिक असंतोष का करना पड़ा सामना
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कीटा में विद्रोह हुआ था, उसी शिविर में 2012 में एक सफल सैन्य तख्तापलट किया गया था. देश की शीर्ष संवैधानिक अदालत ने विवादित संसदीय चुनावों के परिणामों को पलटने के बाद मई से ही कीटा को सार्वजनिक असंतोष का सामना करना पड़ रहा था.

नई दिल्ली : भारतीय राजदूत अंजनी कुमार सहाय ने बुधवार को कहा कि, माली में भारतीय दूतावास में सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं और भारतीय नागरिकों को तुरंत स्वदेश लौटने और अफ्रीकी देश में स्थिति के मद्देनजर सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है.

अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, आज सुबह तड़के मालियान के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने घोषणा की कि वे अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे बमाको में एक विद्रोह के बाद खून बहते देखने की इच्छा नहीं रखते हैं.

'घरों से बाहर ना निकलने की दी सलाह'
अंजनी कुमार सहाय ने बताया कि, 'हमने सहयोगियों को अशांति के पहले संकेत पर अपने घरों में लौटने के लिए कहा है. दूतावास के सभी सहयोगी सुरक्षित हैं. हमने घर लौटने की सलाह दी है. हम भारतीयों के संपर्क में हैं, उन्हें सतर्क रहने और अपने घरों से बाहर ना निकलने की सलाह दे रहे हैं.'

'हम लगातार भारतीयों के संपर्क में हैं'
सहाय ने आगे कहा कि, भारतीय समुदाय सुरक्षित है और वे हमले के अधीन नहीं हैं. उन्होंने कहा कि, 'हमने बाद में ये बताने के लिए जानकारी दी कि कुछ भी नहीं है कि सामान्य तौर पर या किसी अन्य समुदाय के भारतीयों पर हमले हो रहे हैं. चीजें बिना किसी बड़ी हिंसा के हुई हैं."

पढ़ें: माली : विद्रोही सैनिकों की तख्ता पलट की कोशिश, राष्ट्रपति ने दिया इस्तीफा

स्थानीय अधिकारियों ने दी थी जानकारी
माली की राजधानी के 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक सैन्य शिविर पर मंगलवार सुबह एक विद्रोह की रिपोर्ट के बाद, राजनयिक स्रोत का हवाला दिया गया, जिसकी स्थानीय अधिकारियों ने जानकारी दी थी.

कर्फ्यू लगाने की घोषणा
स्पुतनिक ने बताया कि, म्यूटिन का आयोजन करने वाले सैन्य अधिकारियों ने देश की सभी सीमाओं को बंद करने और कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है.

हवाई, जमीनी सीमाएं अगले नोटिस तक बंद
एक रिपोर्ट के मुताबिक ये बताया गया था कि, 'आज, 19 अगस्त से, सभी हवाई और जमीनी सीमाएं अगले नोटिस तक बंद कर दी जाएंगी और 21:00 से 05:00 बजे तक कर्फ्यू लगाया जाएगा.'

सार्वजनिक असंतोष का करना पड़ा सामना
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कीटा में विद्रोह हुआ था, उसी शिविर में 2012 में एक सफल सैन्य तख्तापलट किया गया था. देश की शीर्ष संवैधानिक अदालत ने विवादित संसदीय चुनावों के परिणामों को पलटने के बाद मई से ही कीटा को सार्वजनिक असंतोष का सामना करना पड़ रहा था.

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