नई दिल्ली: भारत में कृषि के तरीकों में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गठित मुख्यमंत्रियों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की पहली बैठक गुरुवार को नेशनल इंस्टीट्यूट ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI) आयोग में आयोजित की गई.
इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू और गुजरात के सीएम विजय रूपानी ने भाग लिया.
मीडिया को संबोधित करते हुए, देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि बैठक के दौरान कृषि में विभिन्न सुधारों पर चर्चा की गई. समिति कृषि में सुधार लाने के लिए राज्यों को केंद्रीय अनुदान को जोड़ने के बारे में विचार कर रही है क्योंकि सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य बना रही है.
उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान चर्चा की गई है कि किस तरह हम सब्सिडी को प्रभावी ढंग से लागू करते हुए हम कृषि क्षेत्र की विकास दर में सुधार कैसे कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि विकास दर में सुधार के लिए निजी क्षेत्र से निवेश काफी आवश्यक है. कई राज्यों ने अनुबंधित खेती को भी अनुकूलित किया है जिससे निवेश दर में सुधार होता है.
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उन्होंने केंद्र की नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (NAM) स्कीम में राज्यों की गैर-भागीदारी पर भी जोर दिया, जो एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है.
उन्होंने कहा कि NAM अधिकांश किसानों तक नहीं पहुंची है इसलिए उप समिति ने किसानों को एक गतिशील इलेक्ट्रॉनिक मंच देने के तरीकों पर चर्चा की है.
फडणवीस ने कहा इस बैठक में सभी सदस्य राज्यों को 7 अगस्त तक अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, जिसके बाद NITI आयोग कृषि सुधारों के लिए इन सुझावों पर एक व्यापक प्रस्तुति देगा. अगली बैठक 16 अगस्त को होने की संभावना है, जिसमें नई कृषि नीतियों पर चर्चा की जाएगी. नीति क्षेत्र में निवेश ऋण बढ़ाने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करेगी.'