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कृष्णानंद राय हत्या मामले में मुख्तार अंसारी सहित सभी आरोपी बरी

कृष्णानंद राय हत्या मामले में सीबीआई की विशेष अदालत बसपा विधायक मुखतार अंसारी सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया है.

मुख्तार अंसारी (सौ. @MLA.MukhtarAnsari)
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Published : Jul 3, 2019, 5:21 PM IST

Updated : Jul 3, 2019, 6:27 PM IST

नई दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालत ने बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया.

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सूचना आधारित ट्वीट

बता दें कि यूपी के गाजीपुर की मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की 29 नवंबर 2005 को हत्या कर दी गई थी.

राय को उस वक्त गोलियों से भून दिया गया था, जब वह सियारी नाम के गांव में एक क्रिकेट टूर्नमेंट का उद्घाटन करके लौट रहे थे.इस हमले राय सहित कुल 7 लोगों की हत्या हुई थी.

पढ़ें- AIADMK के 11 विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट कर सकती है सुनवाई

राय की हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी, संजीव माहेश्वरी,एजाजुल हक़, अफजाल अंसारी , राकेश पांडेय, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी और मुन्ना बजरंगी हैं पर लगा था.

हालांकि मुन्ना बजरंगी की कुछ साल पहले जेल में हत्या कर दी गई थी.

बता दें कि मुख्तार अंसारी पांच बार विधायक चुने गए हैं.वो 1996 में पहली बार बसपा के टिकट से चुनाव जीते. इसके बाद 2002 और 2007 में अंसारी निर्दलय होकर चुनाव लढ़े और दोनों ही बार जीत हासिल की.

2009 में वो बसपा के टिकट पर लोक सभा का चुनाव लड़े लेकिन इस बार उनको हार का मुंह देखना पढ़ा. उनको 2010 में बसपा से बाहर कर दिया गया. इसके बाद मुख्तार अब्बास ने अपने भाइयों के साथ मिलकर कौमी एकता दल का गठन किया. वो 2012 में एक बार फिर चुनाव जीते और विधायक बने.

2017 में कौमी एकता का दल का बसपा में विलय हो गया और इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार महेंद्र राजभर को 7464 वोटों से हराकर 5 वीं बार विधायक बने.

नई दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालत ने बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया.

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बता दें कि यूपी के गाजीपुर की मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की 29 नवंबर 2005 को हत्या कर दी गई थी.

राय को उस वक्त गोलियों से भून दिया गया था, जब वह सियारी नाम के गांव में एक क्रिकेट टूर्नमेंट का उद्घाटन करके लौट रहे थे.इस हमले राय सहित कुल 7 लोगों की हत्या हुई थी.

पढ़ें- AIADMK के 11 विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट कर सकती है सुनवाई

राय की हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी, संजीव माहेश्वरी,एजाजुल हक़, अफजाल अंसारी , राकेश पांडेय, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी और मुन्ना बजरंगी हैं पर लगा था.

हालांकि मुन्ना बजरंगी की कुछ साल पहले जेल में हत्या कर दी गई थी.

बता दें कि मुख्तार अंसारी पांच बार विधायक चुने गए हैं.वो 1996 में पहली बार बसपा के टिकट से चुनाव जीते. इसके बाद 2002 और 2007 में अंसारी निर्दलय होकर चुनाव लढ़े और दोनों ही बार जीत हासिल की.

2009 में वो बसपा के टिकट पर लोक सभा का चुनाव लड़े लेकिन इस बार उनको हार का मुंह देखना पढ़ा. उनको 2010 में बसपा से बाहर कर दिया गया. इसके बाद मुख्तार अब्बास ने अपने भाइयों के साथ मिलकर कौमी एकता दल का गठन किया. वो 2012 में एक बार फिर चुनाव जीते और विधायक बने.

2017 में कौमी एकता का दल का बसपा में विलय हो गया और इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार महेंद्र राजभर को 7464 वोटों से हराकर 5 वीं बार विधायक बने.

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Last Updated : Jul 3, 2019, 6:27 PM IST
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