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कोविड-19 वैक्सीन परीक्षण प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे एएमयू के कुलपति

कोविड वैक्सीन के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर कोविड-19 परीक्षण में अब भाग नहीं ले सकेंगे. दरअसल, प्रोफेसर को कुछ दिनों पहले ही इन्फ्लूएंजा वैक्सीन दिया गया था. जो उन्हें वार्षिक रूप से दिया जाता है. जिसके कारण अब वह वैक्सीन ट्रायल में भाग नहीं ले सकते.

amu vc not able to participate corona vaccine testing
प्रोफेसर तारिक मंसूर, कुलपति, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
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Published : Nov 19, 2020, 3:56 PM IST

अलीगढ़ : कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन कराने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर अब कोविड-19 परीक्षण में भाग नहीं ले सकेंगे. बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले उन्होंने इन्फ्लूएंजा का टीका लगवाया था. जिस कारण वे परीक्षण के मानकों से बाहर पाए गए. वहीं, कोरोना वायरस के ट्रायल में अब तक पचास प्रतिशत से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया है. जेएन मेडिकल कॉलेज के ओल्ड ओपीडी में कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है.

एएमयू कुलपति ने सबसे पहले कराया था रजिस्ट्रेशन

कोरोना वायरस के वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए 10 नवंबर से स्वयं सेवकों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इसका शुभारंभ करते हुए सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर प्रो मोहम्मद शमीम ने बताया कि वैक्सीन के फेस थ्री ट्रायल के लिए कुलपति ने सबसे पहले स्वयं का रजिस्ट्रेशन कराया था. अनिवार्य प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षण में भाग लेने वाले व्यक्ति को चार सप्ताह पहले तक कोई भी अन्य प्रचलित या प्रयोगात्मक टीका नहीं लिया जाना चाहिए था.

देखें रिपोर्ट

ट्रायल में नहीं किया जाएगा शामिल

एएमयू कुलपति की मेडिकल हिस्ट्री के अध्ययन से पता चला है कि कुछ दिनों पहले ही उन्होंने इन्फ्लूएंजा वैक्सीन दिया गया था, जो उन्हें वार्षिक रूप से दिया जाता है. इसलिए वह वैक्सीन ट्रायल के मापदंडों से बाहर हो गए हैं. उन्हें ट्रायल में शामिल नहीं किया जा सकता है. वहीं, वैक्सीन ट्रायल के लिए अब तक 500 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. अध्ययन और परीक्षण में शामिल करने से पहले आईसीएमआर के प्रोटोकॉल व प्रक्रिया के अनुसार जांच की जा रही है. टीका परीक्षण के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए भारत बायोटेक के रिसोर्स पर्सन एएमयू पहुंचे हैं.

पढ़ें: कोरोना के खिलाफ यूपी की जंग की WHO ने की तारीफ, योगी ने दी बधाई

ट्रायल के लिए आ रहे वॉलिंटियर्स

वैक्सीन ट्रायल के लिए कई तरह के मानक व प्रोटोकॉल पूरे करने होते हैं. जेएन मेडिकल कॉलेज में 10 नवंबर को वैक्सीन के ट्रायल का रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का काम शुरू हुआ था और इसमें सबसे पहले वॉलिंटियर्स के रूप में एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अपना नाम दर्ज कराया था. एएमयू पीआरओ उमर पीरजादा ने बताया कि तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है और अच्छी संख्या में वॉलिंटियर्स निकल कर आ रहे हैं. जो वैक्सीन के ट्रायल के लिये अच्छी खबर है.

अलीगढ़ : कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन कराने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर अब कोविड-19 परीक्षण में भाग नहीं ले सकेंगे. बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले उन्होंने इन्फ्लूएंजा का टीका लगवाया था. जिस कारण वे परीक्षण के मानकों से बाहर पाए गए. वहीं, कोरोना वायरस के ट्रायल में अब तक पचास प्रतिशत से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया है. जेएन मेडिकल कॉलेज के ओल्ड ओपीडी में कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है.

एएमयू कुलपति ने सबसे पहले कराया था रजिस्ट्रेशन

कोरोना वायरस के वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए 10 नवंबर से स्वयं सेवकों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इसका शुभारंभ करते हुए सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर प्रो मोहम्मद शमीम ने बताया कि वैक्सीन के फेस थ्री ट्रायल के लिए कुलपति ने सबसे पहले स्वयं का रजिस्ट्रेशन कराया था. अनिवार्य प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षण में भाग लेने वाले व्यक्ति को चार सप्ताह पहले तक कोई भी अन्य प्रचलित या प्रयोगात्मक टीका नहीं लिया जाना चाहिए था.

देखें रिपोर्ट

ट्रायल में नहीं किया जाएगा शामिल

एएमयू कुलपति की मेडिकल हिस्ट्री के अध्ययन से पता चला है कि कुछ दिनों पहले ही उन्होंने इन्फ्लूएंजा वैक्सीन दिया गया था, जो उन्हें वार्षिक रूप से दिया जाता है. इसलिए वह वैक्सीन ट्रायल के मापदंडों से बाहर हो गए हैं. उन्हें ट्रायल में शामिल नहीं किया जा सकता है. वहीं, वैक्सीन ट्रायल के लिए अब तक 500 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. अध्ययन और परीक्षण में शामिल करने से पहले आईसीएमआर के प्रोटोकॉल व प्रक्रिया के अनुसार जांच की जा रही है. टीका परीक्षण के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए भारत बायोटेक के रिसोर्स पर्सन एएमयू पहुंचे हैं.

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ट्रायल के लिए आ रहे वॉलिंटियर्स

वैक्सीन ट्रायल के लिए कई तरह के मानक व प्रोटोकॉल पूरे करने होते हैं. जेएन मेडिकल कॉलेज में 10 नवंबर को वैक्सीन के ट्रायल का रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का काम शुरू हुआ था और इसमें सबसे पहले वॉलिंटियर्स के रूप में एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अपना नाम दर्ज कराया था. एएमयू पीआरओ उमर पीरजादा ने बताया कि तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है और अच्छी संख्या में वॉलिंटियर्स निकल कर आ रहे हैं. जो वैक्सीन के ट्रायल के लिये अच्छी खबर है.

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