देहरादून/ऋषिकेश/हरिद्वार : जोशीमठ के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से बड़ी तबाही हुई है. शासन-प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. इस घटना के बाद लोगों के जहन में एक बार फिर 2013 की आपदा के घाव हरे हो गए हैं. जैसे ही ग्लेशियर टूटने की खबर आई, हरिद्वार, ऋषिकेश और श्रीनगर के निचले स्थानों पर अलर्ट जारी कर दिया गया. आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंच चुकी है.
प्राथमिक सूचना के मुताबिक बांध टूटने से नदी में मलबा के आने से जलस्तर बढ़ गया है. बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
जोशीमठ में तैनात पुलिस अधिकारी मंगल सिंह ने बताया कि उन्हें सुबह 10:55 बजे रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली. उसके बाद मौके पर आपदा प्रबंधन टीम रवाना हो गई. उनके अनुसार नदी किनारे बने घरों को खाली कराने के निर्देश दे दिए गए हैं.
जोशीमठ में चल रहे रेलवे निर्माण कार्य को रोक दिया गया है. खबर है कि जोशीमठ-बदरीनाथ मार्ग पर विष्णुप्रयाग/ऋषि गंगा में ग्लेशियर टूटने से जलस्तर बढ़ गया है. जिसकी वजह से बाढ़ एवं जनहानि की संभावना है. प्रशासन ने विष्णुप्रयाग, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, ऋषिकेश से हरिद्वार तक अलकनंदा और गंगा नदी के किनारे नहीं जाने की अपील की है.
ईटीवी भारत से बातचीत में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सारे विभागों को हरिद्वार, ऋषिकेश और श्रीनगर में गंगा किनारे के इलाकों को खाली करवाने के निर्देश दे दिए हैं.
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मदन कौशिक ने कहा कि हरिद्वार, ऋषिकेश और श्रीनगर में लोगों से गंगा किनारे वाले इलाकों को खाली करवाया गया है. ग्लेशियर के टूटने से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया है. अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है. इस दौरान ऋषिकेश राफ्टिंग को बंद करवाया गया. ऋषिकेश के आस-पास के इलाके खाली करवाने के आदेश दिए गए हैं. वहीं, अशोक कुमार का कहना है कि पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे लोगों को नुकसान हो सकता है.
जोशीमठ तपोवन धौलीगंगा में ग्लेशियर टूटने की सूचना के बाद जिलाधिकारी मनुज गोयल ने पुलिस, इंजीनियरिंग विभाग सहित अन्य अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. ग्लेशियर टूटने के कारण अलकनंदा नदी के भी जलस्तर बढ़ने की संभावना है. ऐसे में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशाशन ने रुद्रप्रयाग जनपद की जनता से अपील की है कि नदी किनारे के स्थानों से दूर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. वहीं, इसी बीच ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में 50 लोग काम कर रहे थे.