मुंबई : महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (सीएए) के खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा में कोई प्रस्ताव नहीं पास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र अन्य राज्यों की तरह नहीं है, जहां एक ही पार्टी की सत्ता हो.
अजित पवार ने कहा कि केरल, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास किए गए हैं. इन सभी राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार है. ऐसा महाराष्ट्र में नहीं है. सोमवार को मीडिया से बात करते हुए अजित पवार ने कहा, 'हमारे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पहले ही साफ कर चुके हैं कि सीएए और एनआरसी के कारण महाराष्ट्र में किसी को कोई समस्या नहीं होगी. उन्होंने कहा कि हमारी यही राय है.'
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बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया. विधानसभा में ये प्रस्ताव राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पेश किया था.
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केरल, पंजाब और राजस्थान के बाद सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाला पश्चिम बंगाल चौथा राज्य बन गया है. पश्चिम बंगाल कि विधानसभा में 6 सितंबर, 2019 को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ भी प्रस्ताव पास किया जा चुका है.
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क्या है सीएए
गौरतलब है कि सीएए कानून से पड़ोसी देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत में शरण लेने वाले हिंदू, सिख, इसाई, पारसी, बौद्ध और जैन समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.
बता दें कि सीएए, 2019 के तहत केंद्र सरकार पर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता नहीं दिए जाने का आरोप लग रहा है. इसे लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध भी किया जा रहा है. हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि मुस्लिम लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने के लिए अन्य कानूनी प्रावधान मौजूद हैं. उन्हें उस प्रक्रिया से गुजरना होगा.