पटना: जेडीयू नेता अजय आलोक ने प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दिए बयान के बाद शीर्ष नेतृत्व ने नाराजगी जताई थी, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया. इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि वह सीएम नीतीश कुमार की 'शर्मिंदगी' का कारण नहीं बनना चाहते.
हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनके राजनीतिक गुरु किस बात से 'शर्मिंदा' हो सकते हैं, लेकिन इस प्रकार की अटकलें हैं कि नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की अत्यधिक आलोचना करने को लेकर अजय आलोक से नाराज हैं.
आलोक ने अपना इस्तीफा बृहस्पतिवार रात ट्विटर पर साझा किया जिसमें उन्होंने पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख वशिष्ठ नारायण सिंह को संबोधित किया.
उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा, 'मैं आपको पत्र लिखकर यह सूचित कर रहा हूं कि मैं पार्टी प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि मुझे लगता है कि मैं पार्टी के लिए अच्छा काम नहीं कर रहा हूं. मैं यह अवसर देने के लिए आपका और पार्टी का धन्यवाद करता हूं लेकिन कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें.'
आलोक ने कहा, 'मैंने जदयू के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि मेरा मानना है कि मैं अच्छा काम नहीं कर रहा हूं. मेरे विचार नि:संदेह मेरे हैं और ये पार्टी से मेल नहीं खाते. हमेशा मेरा समर्थन करने वाली मेरी पार्टी तथा मेरे अध्यक्ष का धन्यवाद. मैं नीतीश कुमार की शर्मिंदगी का कारण नहीं बनना चाहता.'
इससे पहले अजय आलोक ने बीएसएफ अधिकारियों पर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बीएसएफ अधिकारी घूस लेते हैं. इतना ही नहीं, अजय आलोक ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी पक्ष लिया, तो केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी नसीहत दी. अजय आलोक ने कहा कि बीएसएफ की मदद से बांग्लादेशी घुसपैठिए देश के अंदर दाखिल होते हैं.
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अजय आलोक ने कहा कि जिस तरह से भ्रष्टाचार के जुड़े मामलों में आयकर अधिकारियों की नौकरी खत्म की गई है. उसी तरह बीएसएफ के कमांडेंट और डिप्टी कमांडेंट जो भी वर्मा और बांग्लादेश की सीमा पर तैनात हैं, ऐसे अधिकारियों की संपत्ति की जांच होनी चाहिए.
वहीं, इससे भी पहले अजय आलोक ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा था कि ममता बनर्जी बंगाल को मिनी पाकिस्तान बना रही हैं. अजय आलोक ने गृहमंत्री अमित शाह से अपील की है कि सिर्फ ममता बनर्जी को कोसने से काम नहीं चलेगा, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को अपनी सुरक्षा एंजेसियों के नाक में नकेल डालना होगा.