नई दिल्ली: एअर इंडिया के पायलटों के संघ ने सोमवार को विमानन नियामक डीजीसीए से अनुरोध किया. जिसमें उन्होंने कोविड-19 संक्रमित पायलटों को 14 दिन तक उड़ान से दूर रखने के बाद डॉक्टरी जांच पुष्टि नहीं होने पर विमान उड़ाने की अनुमति देने की मांग की है. जबकि मौजूदा व्यस्था के तहत संक्रमित पायलट छह महीने तक यह दायित्व नहीं निभा पाते.
इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने एक पत्र में लिखा,'इससे (प्रस्तावित समाधान से) यह सुनिश्चित होगा कि मानव संसाधन व्यर्थ न जाए'
संघ ने कहा कि अगर कोई पायलट कोविड-19 संक्रमित पाया जाता है तो, उसे 14 दिन के (बीमारी संबंधी) अवकाश पर भेज दिया जाता है और फिर उसे नई दिल्ली या बेंगलुरु में विशेष चिकित्सा जांच से गुजरना होता है. इसमें कहा गया कि इस प्रक्रिया में कम से कम तीन महीने लगते हैं और इसके बाद पायलट डीजीसीए द्वारा चिकित्सा आकलन के लिये जाता है और इसमें कम से कम तीन और महीने लग जाते हैं.
आईसीपीए के महासचिव टी प्रवीण कीर्ति ने कहा,'संक्षेप में कहें तो संक्रमित पाया जाने वाला पायलट कम से कम छह महीनों तक उड़ान के लिये उपलब्ध नहीं होगा'
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आपको बता दें कि भारत में 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण बंद पड़े विमान क्षेत्र में 2 महीने के अंतराल के बाद घरेलू उड़ानों के परिचालन को खोला गया है. अभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मंजूरी नहीं दी गयी है.