कोलकाता : हाल में संपन्न हुए बिहार चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल- मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को उम्मीद से बढ़कर सफलता मिली. बिहार चुनाव में मिली सफलता से प्रेरित होकर एआईएमआईएम बंगाल में अपना दमखम दिखाना चाहती है. इसी के मद्देनजर एआईएमआईएम अगले महीने से बंगाल में चुनावी प्रचार शुरू कर रही है.
एआईएमआईएम की पहली चुनावी मुर्शिदाबाद से शुरू होगी. इस रैली को खुद पार्टी प्रमुख ओवैसी संबोधित करेंगे.
ईटीवी भारत ने एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के पर्यवेक्षक असीम वकार से इस संबंध में बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम के चुनावी अभियान को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. इसके बाद उचित समय देखकर राज्य में चुनावी प्रचार शुरू करेंगे.
पश्चिम बंगाल में एआईएमआईएम के एक नेता ने पुष्टि की कि मुर्शिदाबाद के अलावा अल्पसंख्यक बहुल जिले मालदा और उत्तरी दिनाजपुर में भी इसी तरह की रैलियां करने की योजना बनाई जा रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी प्रमुख ओवैसी इन सभी रैलियों में भाग लेने के इच्छुक हैं.
पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे के अध्यक्ष और माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य, बिमान बोस के अनुसार किसी को भी अपने लोकतांत्रिक तरीके से प्रचार करने का अधिकार है. यह सोचने की वजह नहीं है कि वाम-कांग्रेस गठबंधन असहज स्थिति में होगा, क्योंकि एआईएमआईएम मुर्शिदाबाद से अपना अभियान शुरू कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह सोचने का सही तरीका नहीं है कि बिहार में जो हुआ है, वही पश्चिम बंगाल में दोहराया जा सकेगा.
कांग्रेस विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान के अनुसार बंगाल में एआईएमआईएम चुनाव परिणामों को प्रभावित करने में सफल नहीं हो पाएगी. उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस और वाम मोर्चा का गणबंधन भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों को टक्कर देने की स्थिति में है.
तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्य के आईटी मंत्री ब्रत्या बसु के अनुसार, एआईएमआईएम वास्तव में एक सांप्रदायिक ताकत के गुप्त एजेंट के रूप में काम कर रही है. हालांकि, पहले से ही एआईएमआईएम के कई समर्थक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से प्रेरित हैं. मुख्यमंत्री ममता शांति, सद्भाव और विकास का एकमात्र राष्ट्रीय चेहरा हैं. वह लोगों के लिए समर्पित हैं.
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बिहार चुनाव में एआईएमआईएम ने अल्पसंख्यक वोटों में सेंध लगाई, जिससे भाजपा को कई विधानसभा में फायदा हुआ. ओवैसी पहले ही कह चुके हैं कि बिहार के बाद वे बंगाल में भी चुनाव लड़ेंगे. यदि बिहार की भांति बंगाल में एआईएमआईएम ने अल्पसंख्यक वोटों में सेंध लगाई, तो इसका फायदा भाजपा को होगा और वाम दलों, कांग्रेस और तृणमूल को नुकसान होगा.
इस बीच, एआईएमआईएम ने बंगाल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल को खुला निमंत्रण दिया है. इस संबंध में असीम वकार ने कहा कि गठबंधन का आह्वान सिर्फ भाजपा का मुकाबला करने के लिए है.
उन्होंने कहा कि 2019 के लोक सभा चुनावों से यह स्पष्ट है, तृणमूल कांग्रेस अकेले पश्चिम बंगाल में भाजपा का मुकाबला नहीं कर पाएगी. बेहतर यही होगा कि ममता बनर्जी वास्तविकता को समझें और गठबंधन कर लें. अगर ऐसा नहीं हो पाता है कि हमारी पार्टी पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी. हम हर जिले में अपने उम्मीदावर को उतारने की योजना बना रहे हैं.