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अहमद पटेल ने राज्य सभा में उठाया डिजिटल डिवाइड का मुद्दा

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Published : Sep 19, 2020, 4:27 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 4:38 PM IST

कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने राज्य सभा में शून्य काल के दौरान ऑनलाइन चल रही कक्षाओं के बीच 'डिजिटल डिवाइड' का मुद्दा उठाया. इस दौरान उन्होंने इसके लिए एक टास्क फोर्स का गठन करने की मांग की.

डिजिटल डिवाइड
डिजिटल डिवाइड

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने महामारी के दौरान ऑनलाइन चल रही कक्षाओं के बीच 'डिजिटल डिवाइड' (विभाजन) का मुद्दा उठाया. उन्होंने इस उद्देश्य के लिए गरीब परिवारों के लिए वित्तीय सहायता की भी मांग की.

पटेल ने सरकार से मांग की कि वो सभी राज्य सरकारों को ऑनलाइन क्लास संचालित करने के लिए एक समान दिशानिर्देश जारी करे. इसके साथ ही एक टास्क फोर्स का गठन हो जो इस बात का अध्ययन करे कि कैसे ऑनलाइन क्लास छात्रों और उनके परिवारों पर गंभीर मानसिक तनाव डाल रही है.

उनके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राजाराम ने शनिवार को उच्च सदन में जम्मू क्षेत्र में अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया. उन्होंने दावा किया कि ओबीसी की आबादी लगभग 35 फीसदी और एससी आबादी लगभग 17 प्रतिशत होने के बावजूद दोनों समूहों को क्रमश: 2 और 8 प्रतिशत कोटा मिलता है.

उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी ने देश के बाकी हिस्सों की तरह इस क्षेत्र में आरक्षण बढ़ाने की शर्त पर अनुच्छेद 370 को खत्म करने का समर्थन किया लेकिन एक साल बाद भी ऐसा नहीं हुआ है.

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी को इस मामले को देखने को कहा.

बीजेडी के सस्मित पात्रा ने सरकार से आग्रह किया कि जहां तक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों का संबंध है, सरकार अंतरराष्ट्रीय मीडिया को अपनी बात रखने के लिए शामिल करे. उन्होंने दावा किया कि जहां पाकिस्तान का दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा कवर किया जाता है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा बमुश्किल ही कभी यह भारत के दृष्टिकोण को कवर किया जाता है.

पढ़ें - सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति में विविधता का अभाव : पी विल्सन

भाजपा के नीरज शेखर ने मांग किया कि भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए. यह मांग बिहार चुनाव से पहले महत्वपूर्ण है, जहां यह भाषा बड़े पैमाने पर बोली जाती है.

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने महामारी के दौरान ऑनलाइन चल रही कक्षाओं के बीच 'डिजिटल डिवाइड' (विभाजन) का मुद्दा उठाया. उन्होंने इस उद्देश्य के लिए गरीब परिवारों के लिए वित्तीय सहायता की भी मांग की.

पटेल ने सरकार से मांग की कि वो सभी राज्य सरकारों को ऑनलाइन क्लास संचालित करने के लिए एक समान दिशानिर्देश जारी करे. इसके साथ ही एक टास्क फोर्स का गठन हो जो इस बात का अध्ययन करे कि कैसे ऑनलाइन क्लास छात्रों और उनके परिवारों पर गंभीर मानसिक तनाव डाल रही है.

उनके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राजाराम ने शनिवार को उच्च सदन में जम्मू क्षेत्र में अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया. उन्होंने दावा किया कि ओबीसी की आबादी लगभग 35 फीसदी और एससी आबादी लगभग 17 प्रतिशत होने के बावजूद दोनों समूहों को क्रमश: 2 और 8 प्रतिशत कोटा मिलता है.

उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी ने देश के बाकी हिस्सों की तरह इस क्षेत्र में आरक्षण बढ़ाने की शर्त पर अनुच्छेद 370 को खत्म करने का समर्थन किया लेकिन एक साल बाद भी ऐसा नहीं हुआ है.

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी को इस मामले को देखने को कहा.

बीजेडी के सस्मित पात्रा ने सरकार से आग्रह किया कि जहां तक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों का संबंध है, सरकार अंतरराष्ट्रीय मीडिया को अपनी बात रखने के लिए शामिल करे. उन्होंने दावा किया कि जहां पाकिस्तान का दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा कवर किया जाता है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा बमुश्किल ही कभी यह भारत के दृष्टिकोण को कवर किया जाता है.

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भाजपा के नीरज शेखर ने मांग किया कि भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए. यह मांग बिहार चुनाव से पहले महत्वपूर्ण है, जहां यह भाषा बड़े पैमाने पर बोली जाती है.

Last Updated : Sep 19, 2020, 4:38 PM IST
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