नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में शैक्षणिक सत्र 2019 - 20 के लिए दाखिले की प्रक्रिया चल रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बार दावा किया गया था कि छात्रों को किसी भी तरह से दाखिले के दौरान कोई परेशानी नहीं होगी. हालांकि, ये दावा फिलहाल सही होता दिख नहीं रहा है.
आपको बता दें, छात्रों को एडमिशन के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. छात्रों की विश्वविद्यालय दाखिला समिति द्वारा गठित शिकायत प्रकोष्ठा को शिकायतें मिल रही हैं कि कई कॉलेजों में बेस्ट फोर में इंफोर्मेटिक प्रैक्टिस को कंप्यूटर साइंस के बराबर का विषय नहीं माना जा रहा है. जिसे लेकर विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों को निर्देश दे दिया है कि कंप्यूटर साइंस विषय इंफोर्मेटिक प्रैक्टिस के बराबर है.
इसके अलावा केरल और तेलंगाना बोर्ड के छात्रों की भी काफी शिकायतें आ रही है. जिसके बाद विश्वविद्यालय की दाखिला समिति ने कॉलेजों को विशेष निर्देश भेजे हैं.
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प्रोफेसर विजय वर्मा ने दिया आश्वाशन
इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय दाखिला समिति में शिकायत प्रकोष्ठा के सदस्य प्रोफेसर विजय वर्मा ने कहा कि छात्रों को हो रही परेशानियों को दूर करते हुए विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों को एक विशेष निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इनफॉर्मेटिक प्रैक्टिस के अंक को कंप्यूटर साइंस विषय के बराबर में शामिल किया जा सकता है.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केरल और तेलंगाना बोर्ड के छात्रों की आ रही परेशानियों को भी दूर कर दिया गया है. केरल बोर्ड के छात्रों के लिए मैथ्स, कॉमर्स, साइंस को सीबीएसई की मैथ्स के बराबर माना जाएगा.
वहीं प्रोफेसर विजय वर्मा ने कहा कि जिन छात्रों ने ऑनलाइन आवेदन के दौरान मेरिट आधारित पाठ्यक्रमों को नहीं चुना या कुछ कोर्स को अनलॉक कर दिया था, वह भी प्रक्रिया से जुड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि कॉलेज के प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी को इस संबंध में मेल के जरिए सूचना भेज दी गई है.