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केरल बोर्ड के छात्रों को बड़ी राहत, दिल्ली विश्वविद्यालय में साइंस-कॉमर्स को 'विशेष दर्जा'

डीयू ने छात्रों की आ रही शिकायतों पर कॉलेजों को विशेष निर्देश भेजा है. केरल बोर्ड के छात्रों के लिए मैथ्स, कॉमर्स, साइंस को सीबीएसई की मैथ्स के बराबर मिला दर्जा. जानें कैसे करा सकते हैं नामांकन

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Published : Jul 1, 2019, 10:25 PM IST

प्रोफेसर विजय वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत की

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में शैक्षणिक सत्र 2019 - 20 के लिए दाखिले की प्रक्रिया चल रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बार दावा किया गया था कि छात्रों को किसी भी तरह से दाखिले के दौरान कोई परेशानी नहीं होगी. हालांकि, ये दावा फिलहाल सही होता दिख नहीं रहा है.

आपको बता दें, छात्रों को एडमिशन के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. छात्रों की विश्वविद्यालय दाखिला समिति द्वारा गठित शिकायत प्रकोष्ठा को शिकायतें मिल रही हैं कि कई कॉलेजों में बेस्ट फोर में इंफोर्मेटिक प्रैक्टिस को कंप्यूटर साइंस के बराबर का विषय नहीं माना जा रहा है. जिसे लेकर विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों को निर्देश दे दिया है कि कंप्यूटर साइंस विषय इंफोर्मेटिक प्रैक्टिस के बराबर है.

प्रोफेसर विजय वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में एडमिशन को लेकर दिया आश्वासन

इसके अलावा केरल और तेलंगाना बोर्ड के छात्रों की भी काफी शिकायतें आ रही है. जिसके बाद विश्वविद्यालय की दाखिला समिति ने कॉलेजों को विशेष निर्देश भेजे हैं.

पढ़ेंः DU एडमिशन: हाई कट ऑफ का सरकारी स्कूल के छात्रों ने किया विरोध

प्रोफेसर विजय वर्मा ने दिया आश्वाशन
इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय दाखिला समिति में शिकायत प्रकोष्ठा के सदस्य प्रोफेसर विजय वर्मा ने कहा कि छात्रों को हो रही परेशानियों को दूर करते हुए विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों को एक विशेष निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इनफॉर्मेटिक प्रैक्टिस के अंक को कंप्यूटर साइंस विषय के बराबर में शामिल किया जा सकता है.

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केरल और तेलंगाना बोर्ड के छात्रों की आ रही परेशानियों को भी दूर कर दिया गया है. केरल बोर्ड के छात्रों के लिए मैथ्स, कॉमर्स, साइंस को सीबीएसई की मैथ्स के बराबर माना जाएगा.

वहीं प्रोफेसर विजय वर्मा ने कहा कि जिन छात्रों ने ऑनलाइन आवेदन के दौरान मेरिट आधारित पाठ्यक्रमों को नहीं चुना या कुछ कोर्स को अनलॉक कर दिया था, वह भी प्रक्रिया से जुड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि कॉलेज के प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी को इस संबंध में मेल के जरिए सूचना भेज दी गई है.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में शैक्षणिक सत्र 2019 - 20 के लिए दाखिले की प्रक्रिया चल रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बार दावा किया गया था कि छात्रों को किसी भी तरह से दाखिले के दौरान कोई परेशानी नहीं होगी. हालांकि, ये दावा फिलहाल सही होता दिख नहीं रहा है.

आपको बता दें, छात्रों को एडमिशन के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. छात्रों की विश्वविद्यालय दाखिला समिति द्वारा गठित शिकायत प्रकोष्ठा को शिकायतें मिल रही हैं कि कई कॉलेजों में बेस्ट फोर में इंफोर्मेटिक प्रैक्टिस को कंप्यूटर साइंस के बराबर का विषय नहीं माना जा रहा है. जिसे लेकर विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों को निर्देश दे दिया है कि कंप्यूटर साइंस विषय इंफोर्मेटिक प्रैक्टिस के बराबर है.

प्रोफेसर विजय वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में एडमिशन को लेकर दिया आश्वासन

इसके अलावा केरल और तेलंगाना बोर्ड के छात्रों की भी काफी शिकायतें आ रही है. जिसके बाद विश्वविद्यालय की दाखिला समिति ने कॉलेजों को विशेष निर्देश भेजे हैं.

पढ़ेंः DU एडमिशन: हाई कट ऑफ का सरकारी स्कूल के छात्रों ने किया विरोध

प्रोफेसर विजय वर्मा ने दिया आश्वाशन
इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय दाखिला समिति में शिकायत प्रकोष्ठा के सदस्य प्रोफेसर विजय वर्मा ने कहा कि छात्रों को हो रही परेशानियों को दूर करते हुए विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों को एक विशेष निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इनफॉर्मेटिक प्रैक्टिस के अंक को कंप्यूटर साइंस विषय के बराबर में शामिल किया जा सकता है.

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केरल और तेलंगाना बोर्ड के छात्रों की आ रही परेशानियों को भी दूर कर दिया गया है. केरल बोर्ड के छात्रों के लिए मैथ्स, कॉमर्स, साइंस को सीबीएसई की मैथ्स के बराबर माना जाएगा.

वहीं प्रोफेसर विजय वर्मा ने कहा कि जिन छात्रों ने ऑनलाइन आवेदन के दौरान मेरिट आधारित पाठ्यक्रमों को नहीं चुना या कुछ कोर्स को अनलॉक कर दिया था, वह भी प्रक्रिया से जुड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि कॉलेज के प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी को इस संबंध में मेल के जरिए सूचना भेज दी गई है.

Intro:नई दिल्ली।

दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2019 - 20 के लिए दाखिला प्रक्रिया चल रही है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस बार दावा किया गया था कि छात्रों को किसी भी तरह से दाखिला के दौरान कोई परेशानी नहीं होगी. लेकिन हो इससे उल्टा रहा है छात्रों को एडमिशन के लिए कॉलेज से विश्वविद्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. बता दें कि कहीं छात्रों की विश्वविद्यालय दाखिला समिति द्वारा गठित शिकायत प्रकोष्ठ को ऐसी शिकायतें मिल रही हैं की कई कॉलेजों में बेस्ट फोर में इंफोर्मेटिक प्रैक्टिस को कंप्यूटर साइंस के बराबर का विषय नहीं माना जा रहा है. जिसको लेकर विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों को निर्देश दे दिया है कि कंप्यूटर साइंस विषय इंफोर्मेटिक प्रैक्टिस के बराबर है. इसके अलावा केरल और तेलंगाना बोर्ड के छात्रों की भी काफी शिकायतें आ रही है. जिसके बाद विश्वविद्यालय की दाखिला समिति ने कॉलेजों को विशेष निर्देश भेजे हैं.


Body:इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय दाखिला समिति में शिकायत प्रकोष्ठ के सदस्य प्रोफेसर विजय वर्मा ने कहा कि छात्रों को हो रही परेशानी को दूर करते हुए विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों को एक विशेष निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इनफॉर्मेटिक प्रैक्टिस के अंक को कंप्यूटर साइंस विषय के बराबर में शामिल किया जा सकता है. साथ ही कहा कि केरल और तेलंगाना बोर्ड के छात्रों की आ रही परेशानी को भी दूर कर दिया गया है और कहा कि केरल बोर्ड के छात्रों के लिए मैथ्स ( कॉमर्स ,साइंस ) को सीबीएसई की मैथ्स के बराबर माना जाएगा. वहीं प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि जिन छात्रों ने ऑनलाइन आवेदन के दौरान मेरिट आधारित पाठ्यक्रमों को नहीं चुना या कुछ कोर्स को अनलॉक कर दिया था वह भी प्रक्रिया से जुड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि कॉलेज के प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी को इस संबंध में मेल के जरिए सूचना भेज दी गई है.




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