नई दिल्ली : कनाडा में आयोजित इन्वेस्ट इंडिया कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी मुख्य भाषण दे रहे हैं. इस आयोजन का लक्ष्य कनाडा के व्यवसाय जगत के समक्ष भारत में निवेश के अवसरों को प्रस्तुत करना है. आयोजन का एक मकसद भारत में निवेश आकर्षित करना और निवेश के गंतव्य के रूप में भारत की संभावनाओं को दुनिया के सामने रखना है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने शिक्षा, श्रम और कृषि तीनों क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढ़ाया है, ये लगभग हर भारतीय को प्रभावित करते हैं. उन्होंने कहा कि श्रम सुधारों के जरिये श्रम क्षेत्र से जुड़े कानूनों की संख्या कम हुई है, ये सुधार कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के लिए अनुकूल और फायदेमंद हैं
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि कनाडा के निवेशकों और व्यवसायियों को देखना उत्साहजनक है. उन्होंने कहा कि भारत में बिजनेस और निवेश करने की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि एक चीज अधिकांश लोग जो दर्शक हैं उनमें आम होती हैं. उन्होंने कहा कि यह चीज है निवेश के फैसले लेना. निवेश के लिए जोखिम का आकलन करना.
उन्होंने पूछा कि निवेश करने के लिए आप किन चीजों का आकलन करते हैं. किसी देश में निवेश करने के पहले यह सवाल आता है कि क्या देश में राजनीतिक स्थिरता है. क्या देश में बिजनेस और निवेश के अनुकूल नीतियां बनाई गई हैं. क्या देश की सरकार में पारदर्शिता है. क्या देश में स्किल और टैलेंट का पूल है? क्या देश में बडा़ बाजार है.
पीएम मोदी ने कहा कि इन सवालों का एक मात्र जवाब है भारत. उन्होंने कहा कि भारत में सभी लोगों के लिए अवसर हैं. संस्थागत निवेशक, विनिर्माण उद्योग में लगे लोग, इनोवेशन को सपोर्ट करने वाले लोगों के लिए भारत में अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि भारत में सीखने के साथ कमाने का भी अवसर है.
बतौर पीएम मोदी, भारत में नेतृत्व की भी संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के बाद के दौर में आपके सामने कई तरह की समस्याएं सामने आई होंगी. विनिर्माण, सप्लाई चेन आदि से जुडी़ परेशानियों के बारे में आपने सुना होगा. उन्होंने कहा कि समस्याएं सामने आना सामान्य है, लेकिन भारत ने इसे कभी बड़ा नहीं बनने दिया. उन्होंने कहा कि यह समाधान की धरती है.
पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से गरीबों को मुहैया कराई गई मदद का हवाला देते हुए भारत में बेहतर गर्वनेंस का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि भारत में फार्मेसी को लेकर भी शानदार काम हो रहा है. यह दुनिया को राह दिखा रहा है. हमने अब तक लगभग 150 देशों को दवा उपलब्ध कराई है. इस वर्ष मार्च-जून के दौरान हमारे कृषि निर्यात में 23 फीसदी की वृद्धि हुई. यह तब हुआ जब पूरे देश में लॉकडाउन सख्ती से लागू था.
इस कार्यक्रम में बैंकों और बीमा कंपनियों, निवेश फंडों, विमानन, इलेक्ट्रॉनिक्स और विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों, परामर्श प्रदाता कंपनियों, विश्वविद्यालयों आदि जैसे क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की भागीदारी की उम्मीद है.
भारत ने शिक्षा, श्रम और कृषि के क्षेत्र में रिफॉर्म किए हैं, जिससे लगभग हर भारतीय प्रभावित होगा.