नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान बुक और रद्द किए गए हवाई टिकटों के पूरे किराये की वापसी की याचिका पर सुनवाई 25 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है. कोर्ट ने केंद्र से रिफंड के संबंध में कुछ संदेह को स्पष्ट करते हुए अतिरिक्त हलफनामा दायर करने को कहा है.
डीजीसीए ने अपने हलफनामे में कहा कि एजेंट या एयरलाइंस के माध्यम से सीधे घरेलू उड़ानों के लिए बुकिंग किए गए सभी टिकट के पैसे वापस कर दिए जाएंगे. अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए जो यात्री घरेलू या विदेश से भारत में आने वाली उड़ानों के लिए टिकट बुक किए हैं, वे भी रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं.
उन यात्रियों के लिए जिन्होंने 24 मई तक लॉकडाउन से पहले उड़ानें बुक की थीं, उन्हें क्रेडिट सेल और प्रोत्साहन दिया जाएगा. 24 मई के बाद बुक किए गए टिकटों का रिफंड नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (सीएआर) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा.
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लॉकडाउन के दौरान यात्रा के लिए बुक किए गए टिकटों के लिए तत्काल रिफंड शुरू की जानी चाहिए, क्योंकि एयरलाइंस को उन्हें बुक नहीं करना था. सरकार ने यह भी कहा कि यात्रियों को रिफंड में देरी होने पर 0.5% ब्याज लिया जाएगा, जिसका विस्तारा और एयर एशिया ने विरोध किया. इंडिगो ने अदालत को सूचित किया कि उसने लॉकडाउन अवधि के लिए पूरी राशि वापस कर दी है.
सुनवाई के दौरान अलग-अलग भ्रम की स्थिति पैदा हुई, जैसे की रिफंड किसको किया जाएगा (यात्रियों या ट्रैवल एजेंटों) को या लॉकडाउन से पहले बुकिंग करने वालों के लिए. कोर्ट ने डीजीसीए को सभी भ्रमों को स्पष्ट करने और अगली सुनवाई तक जानकारी देने के लिए कहा है.