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फ्रांस के राष्ट्रपति का विरोध : भोपाल में कांग्रेस विधायक गिरफ्तार, मिली जमानत - कांग्रेस विधायक मसूद गिरफ्तार

फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन के मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और उनके 50 समर्थकों को पुलिस ने रविवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, गिरफ्तारी के तुरंत बाद विधायक को जमानत भी दे दी गई.

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कांग्रेस विधायक
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Published : Nov 1, 2020, 11:40 PM IST

भोपाल : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन के मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और उनके 50 समर्थकों को मध्य प्रदेश पुलिस ने रविवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, गिरफ्तारी के तुरंत बाद विधायक को जमानत भी दे दी गई.

भोपाल के तलैया थाना क्षेत्र स्थित इकबाल मैदान में दो दिन पहले फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर विधायक आरिफ मसूद सहित दो हजार लोगों पर रविवार को ही एफआईआर दर्ज की गई थी.

इकबाल मैदान में बिना अनुमति के भीड़ जमा करने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर मामले को गंभीरता से लेने की बात कही थी.

बचे हुए अज्ञात आरोपियों की तलाश में पुलिस

बता दें कि मामले में 2,000 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. सभी अज्ञात हैं. एफआईआर में सिर्फ भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद का नाम था. बचे हुए अज्ञात लोगों की पुलिस तलाश कर रही है.

भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के विरोध में प्रदर्शन का भड़काऊ मैसेज वायरल करने वाले युवक के खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है. पुलिस ने युवक मुफ्ती मसरूर के खिलाफ आईटी एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. पुलिस आरोपी युवक की तलाश कर रही है.

ईटीवी भारत से बातचीत में क्या बोले आरिफ मसूद
एफआईआर दर्ज होने पर विधायक आरिफ मसूद ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने को लेकर दो हजार लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. कोई भी नारेबाजी या हुड़दंग नहीं हुआ. चुनावी रैलियों और सभाओं में हजारों की भीड़ उमड़ रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभाओं में तो मंच पर ही 200 से 500 की भीड़ रहती है. इन सभाओं में भी कोई कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है.

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि फ्रांस के मामले में कोई भी मजहब की बात नहीं कर रहा है. हम आतंकवाद का सपोर्ट नहीं करते हैं, लेकिन जिस तरह से फ्रांस के राष्ट्रपति ने मजहब के बारे में टिप्पणी की है उससे मुस्लिम समुदाय के लोग आहत हैं. इसके लिए फ्रांस के राष्ट्रपति को माफी मांगनी चाहिए.

आरिफ मसूद ने कहा कि आतंकवादी हमला बिल्कुल गलत है. इसकी हम लोग निंदा करते हैं और कभी भी आतंकवाद का समर्थन नहीं किया है.

यह कहा था फ्रांस के राष्ट्रपति ने
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में फ्रांस के लिए इस्लामिक कट्टरवाद और अलगाववाद को खतरा बताया था. उन्होंने कहा था कि इसके लिए देश में अगले साल एक कानून लाया जाएगा.

मैक्रों ने कहा था कि इस्लाम ऐसा धर्म है, जो पूरी दुनिया में आज खतरे में है. हम ऐसा सिर्फ अपने देश में नहीं देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि 1905 के उस कानून को मजबूत करने के लिए बिल लाया जाएगा, जो फ्रांस में चर्च और स्टेट को अलग करने के लिए बना था.

उनके बयान के बाद लोगों ने आलोचना शुरू कर दी है कि पहले मैक्रों को कट्टर इस्लाम से परेशानी थी, अब इस्लाम से है. हालांकि, मैक्रों ने कहा था कि सभी मुस्लिमों को निशाना बनाने का मतलब नहीं है.

फ्रांस के साथ खड़ा है भारत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में एक गिरिजाघर में हुए हमले सहित हाल के दिनों में वहां हुई आतंकवादी घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ खड़ा है.

मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, 'फ्रांस में आज एक गिरिजाघर में हुए हमले सहित हाल के दिनों में वहां हुई आतंकवादी घटनाओं की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.'

विदेश मंत्रालय ने परोक्ष रूप से तुर्की के राष्ट्रपति की निंदा की
विदेश मंत्रालय ने भी कड़े शब्दों में जारी एक बयान में फ्रांस के एक शिक्षक की बेरहमी से हत्या करने वाली बर्बर आतंकवादी घटना की निंदा की थी. मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी वजह से और किसी भी परिस्थिति में सही नहीं ठहराया जा सकता.

बयान में कहा गया है कि हम राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर अस्वीकार्य भाषा में किए गए व्यक्तिगत हमलों की कड़ी निंदा करते हैं. यह अंतरराष्ट्रीय विमर्श के सबसे बुनियादी मानकों का उल्लंघन है.अस्वीकार्य भाषा पर विदेश मंत्रालय का बयान परोक्ष रूप से तुर्की के राष्ट्रपति के लिए था. तुर्की के राष्ट्रपति ने फ्रांस के राष्ट्रपति के लिए असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया था.

भोपाल : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ प्रदर्शन के मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और उनके 50 समर्थकों को मध्य प्रदेश पुलिस ने रविवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, गिरफ्तारी के तुरंत बाद विधायक को जमानत भी दे दी गई.

भोपाल के तलैया थाना क्षेत्र स्थित इकबाल मैदान में दो दिन पहले फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर विधायक आरिफ मसूद सहित दो हजार लोगों पर रविवार को ही एफआईआर दर्ज की गई थी.

इकबाल मैदान में बिना अनुमति के भीड़ जमा करने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर मामले को गंभीरता से लेने की बात कही थी.

बचे हुए अज्ञात आरोपियों की तलाश में पुलिस

बता दें कि मामले में 2,000 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. सभी अज्ञात हैं. एफआईआर में सिर्फ भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद का नाम था. बचे हुए अज्ञात लोगों की पुलिस तलाश कर रही है.

भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के विरोध में प्रदर्शन का भड़काऊ मैसेज वायरल करने वाले युवक के खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है. पुलिस ने युवक मुफ्ती मसरूर के खिलाफ आईटी एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. पुलिस आरोपी युवक की तलाश कर रही है.

ईटीवी भारत से बातचीत में क्या बोले आरिफ मसूद
एफआईआर दर्ज होने पर विधायक आरिफ मसूद ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने को लेकर दो हजार लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. कोई भी नारेबाजी या हुड़दंग नहीं हुआ. चुनावी रैलियों और सभाओं में हजारों की भीड़ उमड़ रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभाओं में तो मंच पर ही 200 से 500 की भीड़ रहती है. इन सभाओं में भी कोई कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है.

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि फ्रांस के मामले में कोई भी मजहब की बात नहीं कर रहा है. हम आतंकवाद का सपोर्ट नहीं करते हैं, लेकिन जिस तरह से फ्रांस के राष्ट्रपति ने मजहब के बारे में टिप्पणी की है उससे मुस्लिम समुदाय के लोग आहत हैं. इसके लिए फ्रांस के राष्ट्रपति को माफी मांगनी चाहिए.

आरिफ मसूद ने कहा कि आतंकवादी हमला बिल्कुल गलत है. इसकी हम लोग निंदा करते हैं और कभी भी आतंकवाद का समर्थन नहीं किया है.

यह कहा था फ्रांस के राष्ट्रपति ने
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में फ्रांस के लिए इस्लामिक कट्टरवाद और अलगाववाद को खतरा बताया था. उन्होंने कहा था कि इसके लिए देश में अगले साल एक कानून लाया जाएगा.

मैक्रों ने कहा था कि इस्लाम ऐसा धर्म है, जो पूरी दुनिया में आज खतरे में है. हम ऐसा सिर्फ अपने देश में नहीं देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि 1905 के उस कानून को मजबूत करने के लिए बिल लाया जाएगा, जो फ्रांस में चर्च और स्टेट को अलग करने के लिए बना था.

उनके बयान के बाद लोगों ने आलोचना शुरू कर दी है कि पहले मैक्रों को कट्टर इस्लाम से परेशानी थी, अब इस्लाम से है. हालांकि, मैक्रों ने कहा था कि सभी मुस्लिमों को निशाना बनाने का मतलब नहीं है.

फ्रांस के साथ खड़ा है भारत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में एक गिरिजाघर में हुए हमले सहित हाल के दिनों में वहां हुई आतंकवादी घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ खड़ा है.

मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, 'फ्रांस में आज एक गिरिजाघर में हुए हमले सहित हाल के दिनों में वहां हुई आतंकवादी घटनाओं की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.'

विदेश मंत्रालय ने परोक्ष रूप से तुर्की के राष्ट्रपति की निंदा की
विदेश मंत्रालय ने भी कड़े शब्दों में जारी एक बयान में फ्रांस के एक शिक्षक की बेरहमी से हत्या करने वाली बर्बर आतंकवादी घटना की निंदा की थी. मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी वजह से और किसी भी परिस्थिति में सही नहीं ठहराया जा सकता.

बयान में कहा गया है कि हम राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर अस्वीकार्य भाषा में किए गए व्यक्तिगत हमलों की कड़ी निंदा करते हैं. यह अंतरराष्ट्रीय विमर्श के सबसे बुनियादी मानकों का उल्लंघन है.अस्वीकार्य भाषा पर विदेश मंत्रालय का बयान परोक्ष रूप से तुर्की के राष्ट्रपति के लिए था. तुर्की के राष्ट्रपति ने फ्रांस के राष्ट्रपति के लिए असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया था.

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