नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरु विश्वविधालय (JNU) में बीते रविवार को हुई हिंसा के खिलाफ ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (NESO) ने समूचे पूर्वोत्तर राज्यों में बुधवार से दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है.
दोनों छात्र संगठनों ने जेएनयू की घटना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तीखी आलोचना की है. और उनसे पूरे मामले पर बयान देने की मांग की है.
AASU के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि वैसे तो ये लोग छोटी-छोटी बातों पर ट्वीट करते रहते हैं. लेकिन इतना गंभीर मुद्दा होने के, जिसमें देश के प्रतिष्ठित विश्वविधालय के अंदर इतनी बड़ी घटना हो गई और जहां छात्रों के जान पर बन आई थी, बावजूद इन लोगों की तरफ से न किसी प्रकार की संवेदना प्रकट की गई और न ही किसी प्रकार का बयान ही जारी किया गया,आखिर क्यों?
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भट्टाचार्य ने कहा कि कानून व्यवस्था सीधे तौर पर गृह मंत्रालय के अधीन आता है, इसलिए उसकी जिम्मेदारी है कि वह इस हिंसक घटना पर तुरंत बयान जारी करे. साथ ही उन्होंने सरकार से सभी शैक्षणिक संस्थाओं में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम मुहैया कराने की मांग की है.
AASU के सलाहकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में बुधवार और गुरुवार दो दिनों की हड़ताल का आह्वान किया और साथ ही यह भी कहा कि हड़ताल के दौरान पूरे पूर्वोत्तर राज्यों में विरोधस्वरूप काले झंडे फहराए जाएंगे.
भट्टाचार्य ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, 'इस हड़ताल के जरिए हम भारत सरकार को यह याद दिलाना चाहते है कि हम यानी AASU और NESO सहित पूरे देश के छात्र संगठन एकजुट हैं.'