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हिमाचल प्रदेश : रसद लेकर एलएसी के लिए रवाना हुए सैन्य वाहन

पूर्वीय लद्दाख में जारी भारत-चीन विवाद के बीच भारतीय सेना के वाहनों का काफिला मनाली-लेह सड़क से होते हुए समुद्र तल से 13,000 फीट की ऊंचाई पर रोहतांग दर्रे से रसद एवं अन्य आवश्यक सामग्री लेकर एलएसी के लिए रवाना हो रहा है.

भारतीय सेना के वाहनों का काफिला
भारतीय सेना के वाहनों का काफिला
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Published : Jul 20, 2020, 3:32 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 4:00 PM IST

शिमला : मनाली-लेह सड़क मार्ग से हर साल भारतीय सेना के हजारों वाहन कारगिल के लिए रसद एवं अन्य आवश्यक सामग्री लेकर जाते हैं. इन दिनों भी मनाली-लेह सड़क से गुलाबा रोहतांग से होते हुए कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है.

सेना के वाहनों का काफिला रवाना

पूर्वी लद्दाख में जारी भारत-चीन विवाद के बीच रविवार को भी भारतीय सेना के काफिले ने मनाली-लेह सड़क से होते हुए समुद्र तल से 13,000 फीट की ऊंचाई पर रोहतांग दर्रे को पार किया. यह काफिला जम्मू-कश्मीर से होते हुए रसद एवं अन्य आवश्यक सामग्री लेकर पूर्वी लद्दाख में एलएसी के लिए रवाना हो रहा है.

बता दें कि 15 जून को लद्दाख की गलवान वैली में भारतीय सेना के जवानों की चीनी सेना के जवानों से हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. इस हादसे के बाद चीन और भारत के सबंध तनावपूर्ण हो गए हैं.

इस दौरान दोनों देशों के बीच युद्ध होने के आसार भी बन रहे थे. देश के लोगों में जवानों की शहादत को लेकर चीन के खिलाफ काफी रोष था. देश के विभिन्न राज्यों में लोगों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पुतले फूंक कर चीनी सामानों का बहिष्कार कर अपना विरोध भी जताया. लोगों ने देश की जनता से चीनी सामान का बहिष्कार करने की अपील भी की है.

वहीं, इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने की कोशिश की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत हर हाल में जवाब देने की ताकत रखता है और समय आने पर चीन को जवाब दिया जाएगा. साथ ही विवाद के चलते केंद्र सरकार ने 59 चीनी मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था.

पढ़ें : मा भारती ने किया शरद पवार पर पलटवार, बताया 'राम द्रोही'

इस दौरान तीन जुलाई की सुबह प्रधानमंत्री मोदी अचानक लेह पंहुच गए. मोदी ने लेह में सेना के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात करके हालातों का जायजा भी लिया. उन्होंने लेह स्थित अस्पताल का दौरा करके वहां भर्ती जवानों का हाल जाना और उनका हौसला बढ़ाया.

वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को दो दिवसीय लेह दौरे के दौरान चीन को कड़े शब्दों में संदेश देते हुए कहा कि दुनिया की कोई ताकत भारत की एक इंच जमीन भी नहीं छीन सकती. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने सेना के जवानों से मुलाकात भी की.

शिमला : मनाली-लेह सड़क मार्ग से हर साल भारतीय सेना के हजारों वाहन कारगिल के लिए रसद एवं अन्य आवश्यक सामग्री लेकर जाते हैं. इन दिनों भी मनाली-लेह सड़क से गुलाबा रोहतांग से होते हुए कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है.

सेना के वाहनों का काफिला रवाना

पूर्वी लद्दाख में जारी भारत-चीन विवाद के बीच रविवार को भी भारतीय सेना के काफिले ने मनाली-लेह सड़क से होते हुए समुद्र तल से 13,000 फीट की ऊंचाई पर रोहतांग दर्रे को पार किया. यह काफिला जम्मू-कश्मीर से होते हुए रसद एवं अन्य आवश्यक सामग्री लेकर पूर्वी लद्दाख में एलएसी के लिए रवाना हो रहा है.

बता दें कि 15 जून को लद्दाख की गलवान वैली में भारतीय सेना के जवानों की चीनी सेना के जवानों से हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. इस हादसे के बाद चीन और भारत के सबंध तनावपूर्ण हो गए हैं.

इस दौरान दोनों देशों के बीच युद्ध होने के आसार भी बन रहे थे. देश के लोगों में जवानों की शहादत को लेकर चीन के खिलाफ काफी रोष था. देश के विभिन्न राज्यों में लोगों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पुतले फूंक कर चीनी सामानों का बहिष्कार कर अपना विरोध भी जताया. लोगों ने देश की जनता से चीनी सामान का बहिष्कार करने की अपील भी की है.

वहीं, इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने की कोशिश की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत हर हाल में जवाब देने की ताकत रखता है और समय आने पर चीन को जवाब दिया जाएगा. साथ ही विवाद के चलते केंद्र सरकार ने 59 चीनी मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था.

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इस दौरान तीन जुलाई की सुबह प्रधानमंत्री मोदी अचानक लेह पंहुच गए. मोदी ने लेह में सेना के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात करके हालातों का जायजा भी लिया. उन्होंने लेह स्थित अस्पताल का दौरा करके वहां भर्ती जवानों का हाल जाना और उनका हौसला बढ़ाया.

वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को दो दिवसीय लेह दौरे के दौरान चीन को कड़े शब्दों में संदेश देते हुए कहा कि दुनिया की कोई ताकत भारत की एक इंच जमीन भी नहीं छीन सकती. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने सेना के जवानों से मुलाकात भी की.

Last Updated : Jul 20, 2020, 4:00 PM IST
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