कैमूर: तमिलनाडु की एक कंपनी में कैमूर जिले के सात युवकों को बंधक बना लिया गया था. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था. वहीं, इन युवकों को छुड़ाने के लिए हमने स्थानीय प्रशासन से लेकर तमिलनाडु प्रशासन तक ये बात पहुंचाई. आखिरकार, सभी युवकों को रिहा करा लिया गया है.
तमिलनाडु के ईरोड की एक कंपनी ने कैमूर के सभी मजदूरों को बंधक बना रखा था. इनमें से एक किसी तरह वहां से भागकर अपने घर वापस आ गया था. इसी ने पूरी जानकारी दी. इसके बाद परिजनों ने वहां बंधक बने युवकों की रिहाई की गुहार लगाई थी. इस पूरे मामले को जिला प्रशासन ने संज्ञान में लेते हुए इरोड के जिला प्रशासन से संपर्क किया.
डीएम ने ईरोड जिला प्रशासन से किया संपर्क
डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि गुरुवार की सुबह एक युवक बंधक के चंगुल से भाग निकला और वापस कैमूर आ गया. उसने तमिलनाडु के ईरोड में एक कंपनी में फंसे अपने दोस्तों के बारे में सटीक जानकारी दी. हमने फिर ईरोड के कलेक्टर से बात की और तमिलनाडु प्रशासन की मदद से अब सभी को रिहा करा लिया गया है.
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4 को बंधक मुक्त कराया गया
डीएम ने बताया कि तमिलनाडु में 4 युवाओं को कैद से मुक्त कराया गया है. 2 अन्य वहां से भाग गए और भभुआ, कैमूर के लिए रवाना हो चुके हैं. वहीं, एसपी दिलनवाज अहमद ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि सूरज चौहान नाम का एक युवक जो अखिलासपुर का रहने वाला है, भागने के बाद भभुआ वापस लौट आया.
क्या था पूरा मामला...
बंधक बनाए गए 7 युवक भभुआ ब्लॉक के एक गांव अखिलासपुर के हैं. वे प्रतिदिन 450 रुपये की दर से तमिलनाडु की एक साबुन बनाने वाली कंपनी में काम करने गए थे. लेकिन कारखाने में पर्याप्त मजदूर नहीं थे. इसके चलते उनसे ज्यादा से ज्यादा काम लिया जा रहा था. इस बाबत सभी ने जब काम छोड़ने का फैसला किया तो उन्हें बंधक बना लिया गया.
कर रहे थे प्रताड़ित
काम छोड़ने की बात पर कंपनी ने सभी को बंधक बना लिया. इसके बाद एक दलाल 3 मजदूरों को एक पाइप फैक्ट्री में मजदूरी कराने लगा. युवकों के मुताबिक कंपनी में उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा. उनका फोन छीन लिया गया. इसके बाद किसी तरह एक युवक कंपनी से भागने में कामयाब हो गया और तब जाकर सारे मामले का खुलासा हुआ.