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कांग्रेस को बड़ा झटका, तेलंगाना में छह विधायकों ने बदला दल - लोकसभा चुनाव 2019

लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. तेलंगाना में कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे कर टीआरएस का दामन थाम लिया.

राहुल गांधी. (फाइल फोटो)
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Published : Mar 16, 2019, 10:53 PM IST

हैदराबाद: लोकसभा चुनाव के पहले तेलंगाना में कांग्रेस के छह विधायकों का पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ टीआरएस में शामिल होना पार्टी के लिए झटका है. तेदेपा, भाकपा और तेलंगाना जन समिति के साथ कांग्रेस का गठबंधन था और गत वर्ष दिसंबर में हुए चुनाव में 119 सदस्यीय विधानसभा में उसे केवल 19 सीटें मिली थीं.

उसके दो विधायकों अतराम सक्कू और रेगा कांता राव ने इस महीने के पहले सप्ताह में पार्टी छोड़ दी और टीआरएस में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा की. इसके बाद कांग्रेस के दो और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी. विधान परिषद में पांच रिक्तियों को भरने के लिए 12 मार्च को हुए चुनाव से पहले कांग्रेस को यह झटका लगा. कांग्रेस ने चुनाव में एक उम्मीदवार खड़ा किया था.

टीआरएस ने अपने चार प्रत्याशी खड़े किए थे और एक सीट अपने सहयोगी दल असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के लिए छोड़ दी थी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी ने अपने विधायकों के दल बदलने के लिए टीआरएस पर आरोप लगाया था.

बहरहाल, टीआरएस ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने खुद अपनी पार्टी में दूसरे दलों के जन प्रतिनिधियों को शामिल किया है. ऐसी खबर है कि हैदराबाद में एल बी नगर से कांग्रेस विधायक डी सुधीर रेड्डी ने भी टीआरएस का समर्थन करने का फैसला किया है. रेड्डी की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.

कुछ और विधायकों के पार्टी छोड़ने की अफवाहें भी चल रही है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि अगर विधायकों की संख्या 12 के नीचे हो जाती है तो कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल का दर्जा गंवा सकती है.

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर परेशानियों का सामना कर रही कांग्रेस ने शुक्रवार रात को राज्य में 17 लोकसभा सीटों में से आठ के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इस सूची में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी (मल्काजगिरी) और पोन्नम प्रभाकर (करीमनगर) शामिल हैं.

तेजतर्रार नेता के रूप में पहचान रखने वाले रेवंत रेड्डी ने शनिवार को अपना प्रचार अभियान शुरू किया और पार्टी नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो राहुल गांधी प्रधानमंत्री होंगे.

रेड्डी ने कहा, ‘इस लोकसभा चुनाव में टीआरएस की कोई भूमिका नहीं है. यह कांग्रेस और भाजपा के बीच का चुनाव है. टीआरएस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव खेल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.’

हैदराबाद: लोकसभा चुनाव के पहले तेलंगाना में कांग्रेस के छह विधायकों का पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ टीआरएस में शामिल होना पार्टी के लिए झटका है. तेदेपा, भाकपा और तेलंगाना जन समिति के साथ कांग्रेस का गठबंधन था और गत वर्ष दिसंबर में हुए चुनाव में 119 सदस्यीय विधानसभा में उसे केवल 19 सीटें मिली थीं.

उसके दो विधायकों अतराम सक्कू और रेगा कांता राव ने इस महीने के पहले सप्ताह में पार्टी छोड़ दी और टीआरएस में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा की. इसके बाद कांग्रेस के दो और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी. विधान परिषद में पांच रिक्तियों को भरने के लिए 12 मार्च को हुए चुनाव से पहले कांग्रेस को यह झटका लगा. कांग्रेस ने चुनाव में एक उम्मीदवार खड़ा किया था.

टीआरएस ने अपने चार प्रत्याशी खड़े किए थे और एक सीट अपने सहयोगी दल असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के लिए छोड़ दी थी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी ने अपने विधायकों के दल बदलने के लिए टीआरएस पर आरोप लगाया था.

बहरहाल, टीआरएस ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने खुद अपनी पार्टी में दूसरे दलों के जन प्रतिनिधियों को शामिल किया है. ऐसी खबर है कि हैदराबाद में एल बी नगर से कांग्रेस विधायक डी सुधीर रेड्डी ने भी टीआरएस का समर्थन करने का फैसला किया है. रेड्डी की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.

कुछ और विधायकों के पार्टी छोड़ने की अफवाहें भी चल रही है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि अगर विधायकों की संख्या 12 के नीचे हो जाती है तो कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल का दर्जा गंवा सकती है.

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर परेशानियों का सामना कर रही कांग्रेस ने शुक्रवार रात को राज्य में 17 लोकसभा सीटों में से आठ के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इस सूची में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी (मल्काजगिरी) और पोन्नम प्रभाकर (करीमनगर) शामिल हैं.

तेजतर्रार नेता के रूप में पहचान रखने वाले रेवंत रेड्डी ने शनिवार को अपना प्रचार अभियान शुरू किया और पार्टी नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो राहुल गांधी प्रधानमंत्री होंगे.

रेड्डी ने कहा, ‘इस लोकसभा चुनाव में टीआरएस की कोई भूमिका नहीं है. यह कांग्रेस और भाजपा के बीच का चुनाव है. टीआरएस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव खेल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.’

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तेलंगाना में चुनाव से पहले छह विधायकों का दल बदलना कांग्रेस के लिए झटका

 



लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. तेलंगाना में कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे कर टीआरएस का दामन थाम लिया. 



हैदराबाद: लोकसभा चुनाव के पहले तेलंगाना में कांग्रेस के छह विधायकों का पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ टीआरएस में शामिल होना पार्टी के लिए झटका है. तेदेपा, भाकपा और तेलंगाना जन समिति के साथ कांग्रेस का गठबंधन था और गत वर्ष दिसंबर में हुए चुनाव में 119 सदस्यीय विधानसभा में उसे केवल 19 सीटें मिली थीं.



उसके दो विधायकों अतराम सक्कू और रेगा कांता राव ने इस महीने के पहले सप्ताह में पार्टी छोड़ दी और टीआरएस में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा की. इसके बाद कांग्रेस के दो और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी. विधान परिषद में पांच रिक्तियों को भरने के लिए 12 मार्च को हुए चुनाव से पहले कांग्रेस को यह झटका लगा. कांग्रेस ने चुनाव में एक उम्मीदवार खड़ा किया था.



टीआरएस ने अपने चार प्रत्याशी खड़े किए थे और एक सीट अपने सहयोगी दल असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के लिए छोड़ दी थी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी ने अपने विधायकों के दल बदलने के लिए टीआरएस पर आरोप लगाया था. 



बहरहाल, टीआरएस ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने खुद अपनी पार्टी में दूसरे दलों के जन प्रतिनिधियों को शामिल किया है. ऐसी खबर है कि हैदराबाद में एल बी नगर से कांग्रेस विधायक डी सुधीर रेड्डी ने भी टीआरएस का समर्थन करने का फैसला किया है. रेड्डी की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है. 



कुछ और विधायकों के पार्टी छोड़ने की अफवाहें भी चल रही है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि अगर विधायकों की संख्या 12 के नीचे हो जाती है तो कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल का दर्जा गंवा सकती है.



लोकसभा चुनाव के मद्देनजर परेशानियों का सामना कर रही कांग्रेस ने शुक्रवार रात को राज्य में 17 लोकसभा सीटों में से आठ के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इस सूची में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी (मल्काजगिरी) और पोन्नम प्रभाकर (करीमनगर) शामिल हैं. 



तेजतर्रार नेता के रूप में पहचान रखने वाले रेवंत रेड्डी ने शनिवार को अपना प्रचार अभियान शुरू किया और पार्टी नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो राहुल गांधी प्रधानमंत्री होंगे.



रेड्डी ने कहा, ‘इस लोकसभा चुनाव में टीआरएस की कोई भूमिका नहीं है. यह कांग्रेस और भाजपा के बीच का चुनाव है. टीआरएस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव खेल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.’


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