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PM मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का उद्घाटन - पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करेंगे

कोलकाता में आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी ने पांचवें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन किया. जानें पूरा विवरण...

पीएम मोदी की फाइल फोटो
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Published : Nov 5, 2019, 2:43 PM IST

Updated : Nov 5, 2019, 6:20 PM IST

नई दिल्ली : कोलकाता में आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी ने पांचवें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन किया.

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (India International Science Festival) का पांचवां एडिशन ऐसे स्थान पर हो रहा है, जिसने ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में मानवता की सेवा करने वाली महान विभूतियों को पैदा किया है.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में जानकारी दी कि इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य लोगों में वैज्ञानिक स्वभाव पैदा करना, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के योगदान को प्रदर्शित करना और लोगों को इसके लाभों के बारे में प्रोत्साहित करना है. इसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी की समावेशी उन्नति के लिए रणनीति बनाना भी है.

एक अन्य ट्वीट में कहा गया कि इस साल समारोह का थीम राइजेन इंडिया (RISEN)- अनुसंधान, नवाचार और राष्ट्र को विज्ञान में सशक्त बनाना,है.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, कई अन्य कैबिनेट मंत्रियों, राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रियों, गणमान्य व्यक्तियों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और सरकारी अधिकारियों के साथ इस फेस्टिवल का हिस्सा होंगे.

इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) - 2019 एक वार्षिक समारोह है, जो भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित मंत्रालयों और विभागों और विज्ञान भारती (विभा) का संयुक्त आयोजन है.

पढ़ें : IISF का 5वां संस्करण : पांच नवंबर से कोलकाता में शुरुआत, कृषि वैज्ञानिक करेंगे शिरकत

एक बयान में कहा गया कि IISF-2019 भारतीय छात्रों, नवोन्मेषकों, शिल्पकारों, किसानों, वैज्ञानिकों और टेक्नोक्रेट के साथ भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति की उपलब्धियों के लिए जश्न के रूप में मनाया जाने वाला फेस्टिवल है.

बता दें कि इस समारोह का शुरुआत 2015 में की गयी थी.

इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि साइंस में असफलता नहीं होती, सिर्फ प्रयास होते हैं,
प्रयोग होते हैं, और सफलता होती है. इन बातों को ध्यान में रखते हुए आप आगे बढ़ेंगे तो विज्ञान के क्षेत्र में भी आपको दिक्कत नहीं आएगी और जीवन में भी.

साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा आपसे आग्रह ये भी होगा कि लांग टर्म बेनिफिट, लांग टर्म सलूसन ( Long Term Benefit, Long Term Solutions) के बारे में सोचते हुए आगे बढ़िए.
इन सारे प्रयासों के बीच आपको अंतरराष्ट्रीय नियमों, उसके मापदंडों का भी हमेशा ध्यान रखना होगा.

साथ ही उन्होंने कहा कि हम सभी भली-भांति जानते हैं कि विज्ञान, बिना दो चीजों के संभव ही नहीं है. ये दो चीजें हैं समस्या और सतत प्रयोग. अगर समस्या ही नहीं होगी तो उत्सुकता नहीं होगी.

हमें सोचना होगा कि साइंस का उपयोग कैसे लोगों के जीवन को सुगम बनाने में किया जा सकता है. इसलिए साइंस फॉर सोसाइटी का बहुत महत्व है.
जब सभी वैज्ञानिक और देशवासी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे, तो देश का भी लाभ होगा.

पढे़ं: मेरा विवेक आरसीईपी में शामिल होने की अनुमति नहीं दे रहा है: मोदी

उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा गया है-
तत् रूपं यत् गुणाः
तत् विज्ञानं यत् धर्मः

यानि आपका बाहरी व्यक्तित्व तभी सार्थक है जब आप गुणवान भी होते हैं. इसी तरह विज्ञान वही उपयोगी है जो समाज के हित में हो. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि साइंस को लेकर हमारे युवा स्टूडेंट में रुचि की एक नई लहर पैदा हुई है.
इस शक्ति को, इस

एनर्जी को 21वीं सदी के वैज्ञानिक पर्यावरण में सही दिशा में ले जाना, सही प्लेटफॉर्म देना, हम सबका दायित्व है
मुझे खुशी है कि देश में आज साइंटिफिक टेंपर (scientific temper) एक अलग स्तर पर है.

उन्होंने कहा 'मैं आपको हाल ही का एक उदाहरण देता हूं. हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 2 पर बहुत मेहनत की थी और इससे बहुत उम्मीदें पैदा हुई थीं. सब कुछ योजना के अनुसार नहीं हुआ, फिर भी यह मिशन सफल था.'

हमारे विद्यार्थी देश की चुनौतियों को अपने तरीके से सुलझाएं इसके लिए लाखों लाख छात्रों को अलग-अलग हैकाथॉन में शामिल होने का अवसर दिया गया. इसके अलावा नीतियों और आर्थिक मदद के जरिए हजारों स्टार्टअप को सपोर्ट किया गया है.
उन्होंने कहा कि देश में साइंस और टेक्नोलॉजी का इकोसिस्टम बहुत मजबूत होना चाहिए.

एक ऐसा इकोसिस्टम जो प्रभावी भी हो और पीढ़ी दर पीढ़ी को प्रेरणा देने वाला भी हो. हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

मोदी ने कहा कि ये फेस्टिवल ऐसे समय में हो रहा है, जब 7 नवंबर को सी.वी रमन और 30 नवंबर को जगदीश चंद्र बोस की जन्म जयंती मनाई जाएगी.

इसकी थीम, रिसर्च इनोवेशन और साइंस एम्पावरिंग द नेशन'तय करने के लिए आयोजकों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई.

इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का 5वां एडिशन ऐसे स्थान पर हो रहा है, जिसने ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में मानवता की सेवा करने वाली महान विभूतियों को पैदा किया है.

नई दिल्ली : कोलकाता में आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी ने पांचवें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन किया.

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (India International Science Festival) का पांचवां एडिशन ऐसे स्थान पर हो रहा है, जिसने ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में मानवता की सेवा करने वाली महान विभूतियों को पैदा किया है.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में जानकारी दी कि इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य लोगों में वैज्ञानिक स्वभाव पैदा करना, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के योगदान को प्रदर्शित करना और लोगों को इसके लाभों के बारे में प्रोत्साहित करना है. इसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी की समावेशी उन्नति के लिए रणनीति बनाना भी है.

एक अन्य ट्वीट में कहा गया कि इस साल समारोह का थीम राइजेन इंडिया (RISEN)- अनुसंधान, नवाचार और राष्ट्र को विज्ञान में सशक्त बनाना,है.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, कई अन्य कैबिनेट मंत्रियों, राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रियों, गणमान्य व्यक्तियों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और सरकारी अधिकारियों के साथ इस फेस्टिवल का हिस्सा होंगे.

इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) - 2019 एक वार्षिक समारोह है, जो भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित मंत्रालयों और विभागों और विज्ञान भारती (विभा) का संयुक्त आयोजन है.

पढ़ें : IISF का 5वां संस्करण : पांच नवंबर से कोलकाता में शुरुआत, कृषि वैज्ञानिक करेंगे शिरकत

एक बयान में कहा गया कि IISF-2019 भारतीय छात्रों, नवोन्मेषकों, शिल्पकारों, किसानों, वैज्ञानिकों और टेक्नोक्रेट के साथ भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति की उपलब्धियों के लिए जश्न के रूप में मनाया जाने वाला फेस्टिवल है.

बता दें कि इस समारोह का शुरुआत 2015 में की गयी थी.

इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि साइंस में असफलता नहीं होती, सिर्फ प्रयास होते हैं,
प्रयोग होते हैं, और सफलता होती है. इन बातों को ध्यान में रखते हुए आप आगे बढ़ेंगे तो विज्ञान के क्षेत्र में भी आपको दिक्कत नहीं आएगी और जीवन में भी.

साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा आपसे आग्रह ये भी होगा कि लांग टर्म बेनिफिट, लांग टर्म सलूसन ( Long Term Benefit, Long Term Solutions) के बारे में सोचते हुए आगे बढ़िए.
इन सारे प्रयासों के बीच आपको अंतरराष्ट्रीय नियमों, उसके मापदंडों का भी हमेशा ध्यान रखना होगा.

साथ ही उन्होंने कहा कि हम सभी भली-भांति जानते हैं कि विज्ञान, बिना दो चीजों के संभव ही नहीं है. ये दो चीजें हैं समस्या और सतत प्रयोग. अगर समस्या ही नहीं होगी तो उत्सुकता नहीं होगी.

हमें सोचना होगा कि साइंस का उपयोग कैसे लोगों के जीवन को सुगम बनाने में किया जा सकता है. इसलिए साइंस फॉर सोसाइटी का बहुत महत्व है.
जब सभी वैज्ञानिक और देशवासी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे, तो देश का भी लाभ होगा.

पढे़ं: मेरा विवेक आरसीईपी में शामिल होने की अनुमति नहीं दे रहा है: मोदी

उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा गया है-
तत् रूपं यत् गुणाः
तत् विज्ञानं यत् धर्मः

यानि आपका बाहरी व्यक्तित्व तभी सार्थक है जब आप गुणवान भी होते हैं. इसी तरह विज्ञान वही उपयोगी है जो समाज के हित में हो. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि साइंस को लेकर हमारे युवा स्टूडेंट में रुचि की एक नई लहर पैदा हुई है.
इस शक्ति को, इस

एनर्जी को 21वीं सदी के वैज्ञानिक पर्यावरण में सही दिशा में ले जाना, सही प्लेटफॉर्म देना, हम सबका दायित्व है
मुझे खुशी है कि देश में आज साइंटिफिक टेंपर (scientific temper) एक अलग स्तर पर है.

उन्होंने कहा 'मैं आपको हाल ही का एक उदाहरण देता हूं. हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 2 पर बहुत मेहनत की थी और इससे बहुत उम्मीदें पैदा हुई थीं. सब कुछ योजना के अनुसार नहीं हुआ, फिर भी यह मिशन सफल था.'

हमारे विद्यार्थी देश की चुनौतियों को अपने तरीके से सुलझाएं इसके लिए लाखों लाख छात्रों को अलग-अलग हैकाथॉन में शामिल होने का अवसर दिया गया. इसके अलावा नीतियों और आर्थिक मदद के जरिए हजारों स्टार्टअप को सपोर्ट किया गया है.
उन्होंने कहा कि देश में साइंस और टेक्नोलॉजी का इकोसिस्टम बहुत मजबूत होना चाहिए.

एक ऐसा इकोसिस्टम जो प्रभावी भी हो और पीढ़ी दर पीढ़ी को प्रेरणा देने वाला भी हो. हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

मोदी ने कहा कि ये फेस्टिवल ऐसे समय में हो रहा है, जब 7 नवंबर को सी.वी रमन और 30 नवंबर को जगदीश चंद्र बोस की जन्म जयंती मनाई जाएगी.

इसकी थीम, रिसर्च इनोवेशन और साइंस एम्पावरिंग द नेशन'तय करने के लिए आयोजकों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई.

इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का 5वां एडिशन ऐसे स्थान पर हो रहा है, जिसने ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में मानवता की सेवा करने वाली महान विभूतियों को पैदा किया है.

Last Updated : Nov 5, 2019, 6:20 PM IST
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