नई दिल्ली: उत्तर भारत के 41 परिवहन संगठनों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. बीते दिनों लागू हुए नए मोटर वाहन अधिनियम 2019 के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत करते हुए यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने नए लागू हुए अधिनियम की निंदा की. यहां तक कि किसी भी ट्रैफिक नियम को बिना सोचे-समझे बनाने की बात कह इस नए नियम की निंदा की. उन्होंने परिवहन ऑपरेटरों को कोई व्यावसायिक सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को गलत ठहराया.
उन्होंने आगे कहा कि उस समय जब हमारे देश की आर्थिक स्थिति सही नहीं है और ऐसे में हम जैसे तैसे अपनी जीविका चला रहे है, इन हालातों में भी सरकार ने ये कानून लागू कर दिया. इन कारणों के चलते ही इंश्योरेंस के प्रिमियम भी बढ़ा दिए गए हैं. गाड़ियों को पुर्जे पहले ही महंगे थे. उन पर काफी जीएसटी भी लगाई गई है. इसके बाद भी किराया उतना ही है.
अपनी मांगों के साथ, संयुक्त मोर्चा के सदस्य आज केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलेंगे.
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संयुक्त मोर्चा के सदस्य पुराने यातायात नियमों को लागू करने के बारे में बात करेंगे. अगर केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया तो वे 19 सितंबर को देशव्यापी बंद का ऐलान करेंगे. उसके बाद भी उनकी मांगों को नहीं सुना गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
संसद के दोनों सदनों ने अंतिम निष्कर्ष सत्र में मोटर वाहन संशोधन बिल 2019 पारित किया गया था. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद मोटर व्हीकल अधिनियम 1 सितंबर को लागू कर दिया गया. इसके लागू होने के पहले पांच दिनों में लगभग 1.4 करोड़ रुपय ट्रैफिक जुर्माना वसूला गया है.