नई दिल्ली : कोरोना महामारी का कहर लगातार जारी है. इस बीच नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने भारत में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए मदद मांगी है. पाक ने भारत से यहां अलग-अलग शहरों में फंसे अपने 41 नागरिकों को अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते वापस भेजने की गुजारिश की है.
पाक उच्चायोग ने कहा है कि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब में मौजूद उनके नागरिकों को अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते 16 अप्रैल को सुबह 10 बजे पाकिस्तान भेज दिया जाए.
पाकिस्तान उच्चायोग के अनुरोध के जवाब में विदेश मंत्रालय के कोविड-19 इमरजेंसी सेल के अतिरिक्त सचिव और समन्वयक दम्मू रवि ने एक पत्र लिखा. इसमें कहा गया है कि संबंधित राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से पाक नागरिकों की वापसी के लिए इंतजाम करने का अनुरोध किया गया है.
14 अप्रैल 2020 को लिखे गए इस पत्र में उन सभी नागरिकों और वाहनों का भी जिक्र किया गया है, जिन्हें वापस पाकिस्तान भेजना है.
साथ ही वर्तमान में भारत में फंसे 188 पाक नागरिकों में से 40 के वापस देश लौटने के बारे में भी औपचारिक रूप से पाकिस्तान उच्चायोग को सूचित कर दिया गया है.
आपको बता दें, भारतीय विदेश मंत्रालय अपने यहां फंसे सभी विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने के इंतजाम कर रहा है. इसमें पाकिस्तान के नागरिक भी शामिल हैं.
इस बारे में एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि हमें पाकिस्तान उच्चायोग से पता चला है कि हमारे देश में मौजूद उनके 180 नागरिक वापस वतन जाना चाहते हैं. हम इसे लेकर संबंधित अधिकारियों से बात कर रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन और सीमा पर लगे प्रतिबंध के कारण पाकिस्तान में लगभग 105 भारतीय छात्र और करीब 100 भारतीय पर्यकट भी फंसे हुए हैं.
सूत्रों का कहना है कि भारतीयों को वहीं रहने का अनुरोध किया गया है, जहां उन्हें सरकार द्वारा ठहरने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि फंसे हुए भारतीयों को जल्द से जल्द वहां से निकाले की कोशिश की जा रही है.
(स्मिता शर्मा)