बेंगलुरु : एचएएल ने अपने 300वें एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव का निर्माण पूरा कर लिया है. एचएएल ने इसे अपने हैंगर से रोल आउट कर दिया है. रोल आउट होने के बाद यह अब आकाश में गोते लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
एचएएल के सीएमडी माधवन ने कहा कि (एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर) ALH ने उस दिन से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, जब प्रोटोटाइप ने 30 अगस्त 1992 को अपनी पहली उड़ान भरी थी. उसने अपने अनूठे प्रदर्शन के साथ विश्वस्तरीय हेलीकॉप्टर में शामिल हुआ था.
ALH मार्क- I से मार्क- IV तक का विकास अभूतपूर्व रहा है और यह हेलीकॉप्टरों के स्वदेशी डिजाइन और विकास को बढ़ावा देता है.
300वें हेलीकॉप्टर का रोल-आउट प्रमाणपत्र हेलिकॉप्टर कॉम्प्लेक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जीकेएस भास्कर को वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (DHRQA) के अतिरिक्त महानिदेशक वाईके शर्मा ने सौंपा.
भास्कर ने कहा कि 300 ALH का रोलिंग-आउटिंग उन क्षमताओं का एक प्रमाण है, जो HAL ने वर्षों से कर्मचारियों और ग्राहक सहायता के ठोस प्रयासों के साथ बनाई है.
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उन्होंने कहा कि 2,80,000 से अधिक घंटों के साथ ALH की उड़ान किसी भी मिशन, किसी भी स्थान, किसी भी समय के लिए एक मल्टीरोल हेलीकॉप्टर साबित हुआ है. यह हेलीकॉप्टर अधिक ऊचांई पर हथियार ले जाने में सक्षम है, जहां अन्य हेलीकॉप्टर नहीं जा सकते हैं.
वर्तमान में एचएएल सेना के लिए 41 हेलीकॉप्टर, भारतीय नौसेना के लिए 16 हेलीकॉप्टर और भारतीय तटरक्षक के लिए 16 हेलीकॉप्टर का उत्पादन कर रहा है. इसमें से 38 एएलएच का उत्पादन पहले ही हो चुका है और शेष का निर्माण 2022 तक पूरा हो जाएगा.
इस अवसर पर लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर-लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलसीएच-एलएसपी) के पहले लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी) का ग्राउंड रन किया गया. LCH का संचालन जीपी कैप्टन (सेवानिवृत्त) हरि कृष्णन नायर एस, चीफ टेस्ट पायलट और जीपी कैप्टन (सेवानिवृत्त) सी जी नरसिंह प्रसाद, फ्लाइट ऑपरेशंस, रोटरी विंग के वरिष्ठ उड़ान परीक्षण इंजीनियर द्वारा किया गया था.