नई दिल्ली: 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना द्वारा किये गए बालाकोट स्थित आतंकी हमले में बड़ी जानकारी सामने आई है. इसके मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के कैंप में 300 मोबाइल एक्टिव थे. इसकी पुष्टि खुफिया एजेंसी और नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (NTRO) ने की है.
सूत्रों से मिली इस जानकारी के आधार पर ये दावा किया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के दौरान वहां करीब 300 आतंकी मौजूद थे.
सूत्र बताते हैं कि नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (NTRO) के सर्विलांस में ये खुलासा किया गया है कि जब बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक की, उस समय वहां पर 300 मोबाइल फोन एक्टिव थे, यानि जब सेना ने हमला किया तो वहां 300 आतंकी मौजूद थे.
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सूत्रों के मुताबिक, NTRO के अलावा भारत की अन्य खुफिया एजेंसियों ने भी भारतीय वायुसेना को बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैंप में करीब 300 मोबाइल फोन एक्टिव होने की जानकारी दी थी.
गौरतलब है, 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमान ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के आतंकी कैंपों पर करीब एक हजार किलो बम गिराए थे. भारत की इस कार्रवाई में 300 आतंकी ढेर हुए थे.
बता दें, भारत ने ये कार्रवाई 14 फरवरी को हुए जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले के मद्देनजर की थी. इस हमले में भारत के CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे.
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वहीं, बालाकोट एयर स्ट्राइक पर विदेश नीति के जानकार कबीर तनेजा का कहना है कि सरकार इस संबंध में स्पष्ट सूचना देने में असफल रही है.
तनेजा ने पाक सेना के जनसंपर्क विभाग से जारी पहली फोटो का जिक्र करते हुए कहा 'एयर स्ट्राइक के बारे में पाक ने शुरुआत में ही आधिकारिक बयान जारी कर सही किया था.'
भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए तनेजा ने कहा कि ये बहुत संक्षिप्त और अथाह था. उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती पैठ की सराहना करते हुए कहा कि इसी कारण पाक से विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई हुई.
एयर स्ट्राइक के प्रमाण जारी करने के सवाल पर तनेजा ने कहा 'सरकार इस पर बेहतर फैसला कर सकती है, लेकिन आपकी सूचना की पुष्टि होनी चाहिए.