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राजस्थान के 3 युवकों की ईटीवी भारत के जरिए सरकार से घर वापसी की गुहार

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Published : Apr 28, 2020, 2:46 PM IST

उदयपुर के अंबामाता इलाके में रहने वाले तीन युवक गुजरात में पिछले एक महीने से फंस गए हैं. गुजरात जिला प्रशासन ने इन्हें राजस्थान की रतनपुर बॉर्डर तक तो छोड़ दिया है, लेकिन अब राजस्थान में लाने वाला इन्हें कोई मिल नहीं रहा है. युवकों ने ईटीवी भारत के माध्यम से प्रशासन और सरकार से घर वापसी की अपील की है.

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सरकार से गुहार लगाते पीड़ित

उदयपुर : कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लॉकडाउन लागू हुए एक महीने से अधिक का वक्त बीत गया है. लेकिन हजारों लोग अपने घर से दूर अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं. एक ऐसा ही एक मामला उदयपुर में भी सामने आया है, जहां उदयपुर के अंबामाता इलाके में रहने वाले तीन युवक गुजरात में पिछले एक महीने से फंस गए हैं.

बता दें कि ये सभी युवक गुजरात प्रशासन से मान मनुहार कर रतनपुर बॉर्डर पर तो पहुंच गए, लेकिन अब इन्हें बॉर्डर से उदयपुर आने के लिए कोई मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में पीड़ित युवकों ने ईटीवी भारत के माध्यम से प्रशासन और सरकार से फिर से घर वापसी की अपील की है.

ईटीवी भारत के जरिए सरकार से मदद की गुहार लगाते युवक.

पढ़ें- संकट पर संकट: किराए की जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों पर टूटा मुसीबतों का पहाड़

बता दें कि यह मामला उदयपुर के अंबामाता थाना क्षेत्र का है, जहां से तीन युवक हिमालय जेठी, देवेंद्र जेठी और योगेश जेठी लॉकडाउन से पहले गुजरात माताजी दर्शन के लिए गए थे. लेकिन इसके बाद लॉकडाउन हो गया और ये एक माह से गुजरात में ही फंसे हुए हैं. गुजरात जिला प्रशासन ने इन्हें राजस्थान की रतनपुर बॉर्डर तक तो छोड़ दिया है, लेकिन अब राजस्थान में लाने वाला इन्हें कोई मिल नहीं रहा है.

हालांकि, प्रशासन की ओर से दावे किए जा रहे हैं कि जो भी मजदूर और श्रमिक अन्य राज्यों में फंस गए हैं, उन्हें फिर से राजस्थान लाया जाएगा. लेकिन इन छात्रों की मानें तो इन्हें राजस्थान की सीमा में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में अब इन लोगों के लिए खाने-पीने की भी समस्या खड़ी हो गई है. रतनपुर बॉर्डर पर इन्हें ना तो खाने को पर्याप्त भोजन मिल पा रहा है और ना ही पीने को पानी.

यह भी पढ़ें-प. बंगाल : राशन पर हुई मारमारी, तो बीडीओ बोला- क्या मेरी किडनी लोगे ?

सांसद ने भी नहीं की मदद
बता दें कि इनके साथ कुछ और युवक भी थे, जो कोटा से थे. उन्होंने कोटा के सांसद ओम बिरला से मदद मांगी, जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें परमिशन दे कर कोटा भेज दिया. इसके बाद इन युवकों ने भी उदयपुर के सांसद अर्जुन लाल मीणा से मदद मांगी, लेकिन सांसद ने इनकी बात तक नहीं सुनी और फोन ही रख दिया.

उदयपुर : कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लॉकडाउन लागू हुए एक महीने से अधिक का वक्त बीत गया है. लेकिन हजारों लोग अपने घर से दूर अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं. एक ऐसा ही एक मामला उदयपुर में भी सामने आया है, जहां उदयपुर के अंबामाता इलाके में रहने वाले तीन युवक गुजरात में पिछले एक महीने से फंस गए हैं.

बता दें कि ये सभी युवक गुजरात प्रशासन से मान मनुहार कर रतनपुर बॉर्डर पर तो पहुंच गए, लेकिन अब इन्हें बॉर्डर से उदयपुर आने के लिए कोई मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में पीड़ित युवकों ने ईटीवी भारत के माध्यम से प्रशासन और सरकार से फिर से घर वापसी की अपील की है.

ईटीवी भारत के जरिए सरकार से मदद की गुहार लगाते युवक.

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बता दें कि यह मामला उदयपुर के अंबामाता थाना क्षेत्र का है, जहां से तीन युवक हिमालय जेठी, देवेंद्र जेठी और योगेश जेठी लॉकडाउन से पहले गुजरात माताजी दर्शन के लिए गए थे. लेकिन इसके बाद लॉकडाउन हो गया और ये एक माह से गुजरात में ही फंसे हुए हैं. गुजरात जिला प्रशासन ने इन्हें राजस्थान की रतनपुर बॉर्डर तक तो छोड़ दिया है, लेकिन अब राजस्थान में लाने वाला इन्हें कोई मिल नहीं रहा है.

हालांकि, प्रशासन की ओर से दावे किए जा रहे हैं कि जो भी मजदूर और श्रमिक अन्य राज्यों में फंस गए हैं, उन्हें फिर से राजस्थान लाया जाएगा. लेकिन इन छात्रों की मानें तो इन्हें राजस्थान की सीमा में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में अब इन लोगों के लिए खाने-पीने की भी समस्या खड़ी हो गई है. रतनपुर बॉर्डर पर इन्हें ना तो खाने को पर्याप्त भोजन मिल पा रहा है और ना ही पीने को पानी.

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सांसद ने भी नहीं की मदद
बता दें कि इनके साथ कुछ और युवक भी थे, जो कोटा से थे. उन्होंने कोटा के सांसद ओम बिरला से मदद मांगी, जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें परमिशन दे कर कोटा भेज दिया. इसके बाद इन युवकों ने भी उदयपुर के सांसद अर्जुन लाल मीणा से मदद मांगी, लेकिन सांसद ने इनकी बात तक नहीं सुनी और फोन ही रख दिया.

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