जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर का जेकेलोन अस्पताल इन दिनों चिकित्सा जगत की सुर्खियों में है. जेके लोन अस्पताल में इलाज के लिए आया एक बच्चा ही डॉक्टर्स के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. अब इस बच्चे की बीमारी का जिक्र ना सिर्फ चिकित्सकों के बीच हो रहा है, बल्कि यह खोज का मुद्दा भी बन चुका है कि आखिर यह बच्चा जिंदा कैसे हैं. बायोलॉजिकल साइंस की आम धारणा है कि मानव के रक्त में लाल रक्त कणिकाओं के जरिए खून में ऑक्सीजन बहती है और यही किसी शख्स को जिंदा रखती है, पर अगर किसी शख्स का खून ही सफेद हो तो फिर इस धारणा को क्या कहेंगे. यह चुनौती जयपुर के जेके लोन अस्पताल के डॉक्टर्स के सामने आ गई है.
जेके लोन अस्पताल के पूर्व अधीक्षक और रेयर डिजीज सेंटर के इंचार्ज डॉ. अशोक गुप्ता का कहना है कि हाल ही में अस्पताल में दुर्लभ बीमारी से जुड़ा एक मामला देखने को मिला है. बच्चे के खून का रंग सफेद होने पर डॉ. अशोक गुप्ता का कहना है कि फिलहाल इस तरह का यह पहला मामला देखने को मिला है. बच्चे की उम्र 3 महीने बताई जा रही है. जब बच्चे के खून के सैंपल लिए गए तो उसका रंग सफेद दिखाई दिया. चिकित्सकों का कहना है कि इस तरह का यह काफी दुर्लभ मामला है और फिलहाल बच्चे का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है.
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बच्चे में अजीब लक्षण
चिकित्सकों का कहना है कि प्रारंभिक तौर पर बच्चे में लिपिड्स और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा इस उम्र में अधिक देखने को मिल रही है. आमतौर पर इस उम्र के बच्चों में केलोस्ट्रोल काफी कम होता है और प्रारंभिक तौर पर डिस्लाइपीडिया के लक्षण बच्चे में दिखाई दे रहे हैं, जो काफी दुर्लभ है. ऐसे में बच्चे के ब्लड के सैंपल दिए गए हैं और जांच की जा रही है.