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दिल्ली सीरो सर्वे: 29 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज

दिल्ली की 29 फीसदी से ज्यादा आबादी में एंटीबॉडी का पता चला है, यानी करीब 60 लाख लोगों तक कोरोना पहुंच चुका है, सीरो सर्वे की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. पढ़ें पूरी खबर...

New Sero Survey
दिल्ली सीरो सर्वे
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Published : Aug 20, 2020, 3:43 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली में किए गए दूसरे सीरो सर्वे के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. इस सर्वे में पता लगा है कि 29.1 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनके शरीर में कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले एंटीबॉडी हैं. पिछले सर्वे के मुकाबले इस बार लगभग छह फीसदी ज्यादा लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज पाई गई हैं. दिल्ली की आबादी लगभग दो करोड़ है. दिल्ली में यह सर्वे एक अगस्त से सात अगस्त के बीच किया गया. इस दौरान दिल्ली के सभी 11 जिलों से लोगों के सैंपल लिए गए.

एंटीबॉडी उन व्यक्तियों के शरीर में पाए जाते हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित होकर स्वस्थ हो चुके हैं. सर्वे के मुताबिक स्वस्थ हो चुके इन लोगों को कभी पता ही नहीं लगा कि वह कोरोना संक्रमित भी हुए थे.

दूसरे सीरो सर्वे की रिपोर्ट जारी
जिन लोगों के शरीर में एंटीबॉडी विकसित हुई उनमें सबसे बड़ी संख्या 18 साल तक के बच्चों की है. 34 प्रतिशत से अधिक बच्चों के शरीर में एंटीबॉडी विकसित हुई है. हालांकि यह अभी भी हर्ड इम्यूनिटी के लेवल तक नहीं पहुंचा है, इसलिए जो लोग बचे हैं उनको संक्रमण का खतरा बना हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि जब 50 से 70 प्रतिशत लोग संक्रमित होकर ठीक हो जाते हैं तो सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी हर्ड इम्युनिटी बनती है

अगले महीने फिर होगा सर्वे
सीरो सर्वे की पहली रिपोर्ट से इसकी तुलना करें, तो 5.62 फीसदी ज्यादा लोगों तक कोरोना पहुंच चुका है. 29 फीसदी से ज्यादा लोगों तक कोरोना पहुंचना, क्या हर्ड इम्युनिटी की तरफ इशारा करता है.

इस सवाल पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि अभी हम ये नहीं कह सकते, क्योंकि उसके लिए 40 से 60 फीसदी आबादी में एंटीबॉडी होनी चाहिए. आपको बता दें कि अगले महीने फिर से सरकार सीरो सर्वे कराएगी. 1 सितंबर से इसके लिए सैम्पल लिए जाएंगे.

देखें जिलावार आंकड़ा
सीरो सर्वे का जिलावार आंकड़ा देखें, तो उत्तरी दिल्ली में 31.6 फीसदी, नई दिल्ली में 24.6 फीसदी, उत्तर पश्चिमी दिल्ली 29.6 फीसदी, दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली में 16.3 फीसदी, पश्चिमी दिल्ली में 26.5 फीसदी, दक्षिण पूर्वी दिल्ली में 33.2 फीसदी, दक्षिणी दिल्ली में 27.2 फीसदी, शाहदरा में 29.9 फीसदी, पूर्वी दिल्ली में 28.9 फीसदी, उत्तर पूर्वी दिल्ली में 29.6 फीसदी और सेंट्रल दिल्ली में 31.4 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली है.

सबसे ज्यादा दक्षिणी-पूर्वी में
पहले चरण के सीरो सर्वे की रिपोर्ट से वर्तमान में इन जिलों की तुलना करें, तो उत्तर पूर्वी दिल्ली में सबसे कम बढ़ोतरी हुई है. पिछली बार इस जिले के 27.7 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली थी, जो इसबार बढ़कर 29.6 हो चुका है, यहां 6.72 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

वहीं, सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दक्षिणी पूर्वी दिल्ली में हुई है. यहां पिछली बार की तुलना में 50.09 फीसदी ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी का पता चला है. यहां आंकड़ा 22.12 फीसदी से बढ़कर 33.2 हो गया है.

पढ़ें - कीचड़ में बैठकर शंख बजाने से नहीं होगा कोरोना : भाजपा सांसद

32.2 फीसदी महिलाओं में एंटीबॉडी
सीरो सर्वे की इस रिपोर्ट में पता चला है कि 5 से 17 साल की 34.7 फीसदी, 18 से 49 साल की 28.5 फीसदी और 50 साल से ज्यादा उम्र की 31.2 फीसदी आबादी में एंटीबॉडी मिली है. महिला व पुरुष आबादी की बात करें, तो 28.3 फीसदी पुरुषों व 32.2 फीसदी महिलाओं में एंटीबॉडी का पता चला है, यानी कोरोना के मामले में दिल्ली में महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा संक्रमित हैं.

नई दिल्ली : दिल्ली में किए गए दूसरे सीरो सर्वे के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. इस सर्वे में पता लगा है कि 29.1 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनके शरीर में कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले एंटीबॉडी हैं. पिछले सर्वे के मुकाबले इस बार लगभग छह फीसदी ज्यादा लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज पाई गई हैं. दिल्ली की आबादी लगभग दो करोड़ है. दिल्ली में यह सर्वे एक अगस्त से सात अगस्त के बीच किया गया. इस दौरान दिल्ली के सभी 11 जिलों से लोगों के सैंपल लिए गए.

एंटीबॉडी उन व्यक्तियों के शरीर में पाए जाते हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित होकर स्वस्थ हो चुके हैं. सर्वे के मुताबिक स्वस्थ हो चुके इन लोगों को कभी पता ही नहीं लगा कि वह कोरोना संक्रमित भी हुए थे.

दूसरे सीरो सर्वे की रिपोर्ट जारी
जिन लोगों के शरीर में एंटीबॉडी विकसित हुई उनमें सबसे बड़ी संख्या 18 साल तक के बच्चों की है. 34 प्रतिशत से अधिक बच्चों के शरीर में एंटीबॉडी विकसित हुई है. हालांकि यह अभी भी हर्ड इम्यूनिटी के लेवल तक नहीं पहुंचा है, इसलिए जो लोग बचे हैं उनको संक्रमण का खतरा बना हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि जब 50 से 70 प्रतिशत लोग संक्रमित होकर ठीक हो जाते हैं तो सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी हर्ड इम्युनिटी बनती है

अगले महीने फिर होगा सर्वे
सीरो सर्वे की पहली रिपोर्ट से इसकी तुलना करें, तो 5.62 फीसदी ज्यादा लोगों तक कोरोना पहुंच चुका है. 29 फीसदी से ज्यादा लोगों तक कोरोना पहुंचना, क्या हर्ड इम्युनिटी की तरफ इशारा करता है.

इस सवाल पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि अभी हम ये नहीं कह सकते, क्योंकि उसके लिए 40 से 60 फीसदी आबादी में एंटीबॉडी होनी चाहिए. आपको बता दें कि अगले महीने फिर से सरकार सीरो सर्वे कराएगी. 1 सितंबर से इसके लिए सैम्पल लिए जाएंगे.

देखें जिलावार आंकड़ा
सीरो सर्वे का जिलावार आंकड़ा देखें, तो उत्तरी दिल्ली में 31.6 फीसदी, नई दिल्ली में 24.6 फीसदी, उत्तर पश्चिमी दिल्ली 29.6 फीसदी, दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली में 16.3 फीसदी, पश्चिमी दिल्ली में 26.5 फीसदी, दक्षिण पूर्वी दिल्ली में 33.2 फीसदी, दक्षिणी दिल्ली में 27.2 फीसदी, शाहदरा में 29.9 फीसदी, पूर्वी दिल्ली में 28.9 फीसदी, उत्तर पूर्वी दिल्ली में 29.6 फीसदी और सेंट्रल दिल्ली में 31.4 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली है.

सबसे ज्यादा दक्षिणी-पूर्वी में
पहले चरण के सीरो सर्वे की रिपोर्ट से वर्तमान में इन जिलों की तुलना करें, तो उत्तर पूर्वी दिल्ली में सबसे कम बढ़ोतरी हुई है. पिछली बार इस जिले के 27.7 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली थी, जो इसबार बढ़कर 29.6 हो चुका है, यहां 6.72 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

वहीं, सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दक्षिणी पूर्वी दिल्ली में हुई है. यहां पिछली बार की तुलना में 50.09 फीसदी ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी का पता चला है. यहां आंकड़ा 22.12 फीसदी से बढ़कर 33.2 हो गया है.

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32.2 फीसदी महिलाओं में एंटीबॉडी
सीरो सर्वे की इस रिपोर्ट में पता चला है कि 5 से 17 साल की 34.7 फीसदी, 18 से 49 साल की 28.5 फीसदी और 50 साल से ज्यादा उम्र की 31.2 फीसदी आबादी में एंटीबॉडी मिली है. महिला व पुरुष आबादी की बात करें, तो 28.3 फीसदी पुरुषों व 32.2 फीसदी महिलाओं में एंटीबॉडी का पता चला है, यानी कोरोना के मामले में दिल्ली में महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा संक्रमित हैं.

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