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श्रीनगर में करीब दो दर्जन आतंकी मौजूद, सुरक्षाबल सतर्क

आतंकवाद के सवाल पर जम्मू-कश्मीर हमेशा एक संवेदनशील प्रदेश रहा है. इसी के मद्देनजर यहां भारी सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं. ताजा घटनाक्रम में प्रदेश में करीब दो दर्जन आतंकियों के मौजूद होने की सूचना मिली है. जानें पूरा विवरण

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Published : Sep 15, 2019, 5:59 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 5:48 PM IST

नई दिल्ली: खुफिया जानकारी के मुताबिक श्रीनगर और इसके आसपास के क्षेत्रों में करीब दो दर्जन आतंकवादी मौजूद हैं. कुछ इलाकों में वे दुकानदारों को खुलेआम धमकी दे रहे हैं. इसे लेकर सुरक्षा बलों में काफी चिंता है.

अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षा बल हर तरह से एहतियात बरत रहे हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकवादी स्थिति का इस्तेमाल लोगों को भड़काने में नहीं कर सकें क्योंकि पहले भी आतंकवाद निरोधक अभियानों के दौरान युवक पथराव की घटनाओं में संलिप्त रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में पांच अगस्त को बांटने की घोषणा करने के बाद सरकार द्वारा लगाई गई कई पाबंदियां के बाद केवल छिटपुट घटनाएं ही सामने आई हैं.

उन्होंने कहा कि पाबंदियां धीरे- धीरे हटाई जा रही हैं लेकिन कश्मीर घाटी में स्थिति 'सामान्य से कहीं दूर' नजर आती है खासकर आतंकवादियों की मौजूदगी को देखते हुए.

अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के बाहरी इलाकों में कई स्थानों पर आतंकवादियों को खुलेआम घूमते देखा गया और वे दुकानदारों को दुकानें बंद रखने और उनका आदेश मानने की धमकी भी दे रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रमुख दिलबाग सिंह ने आतंकवादियों की मौजूदगी की संभावना से इंकार नहीं किया लेकिन कहा कि यह दावा करना कि वे खुलेआम घूम रहे हैं 'अतिशयोक्ति' है.

राज्य के साथ ही केंद्र के कई अधिकारियों से बातचीत के बाद अनुमान है कि करीब दो दर्जन आतंकवादी नगर की सीमा में मौजूद हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी आवाजाही एवं उनका देखा जाना आम बात है.

अधिकारियों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जम्मू-कश्मीर पर सरकार ने पांच अगस्त को जब अपने निर्णय की घोषणा की तब से आतंकवाद निरोधक अभियान बुरी तरह प्रभावित है.

पांच अगस्त के बाद केवल दो अभियान हुए हैं -- 20 अगस्त को बारामूला में और नौ सितम्बर को दूसरा मुठभेड़ सोपोर में.

आतंकवादियों ने अंचार झील और सौरा के आसपास के इलाकों सहित नगर के कुछ हिस्सों में आवाजाही रोक रखी है.

अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि अभी तक किसी नागरिक की मौत नहीं हुई है और उनको आशंका है कि किसी भी कठोर कार्रवाई से हिंसक प्रदर्शन भड़क जाएगा.

अधिकारियों का मानना है कि आतंकवादियों ने 'गहरा षड्यंत्र' रच रखा है क्योंकि उनकी 'भारी मौजूदगी' के बावजूद हिंसा के स्तर में कमी आई है.

पढ़ें- जम्मू कश्मीर : भारतीय सेना ने VDC स्वयंसेवकों को दी ट्रेनिंग

नगर के राज बाग, जवाहर नगर और लाल चौक सहित कई इलाकों में दुकानदारों को बंदूक का भय दिखाकर दुकानें बंद रखने के लिए कहा गया और पूरी तरह हड़ताल सुनिश्चित की गई.

अधिकारियों ने कहा कि दुकानदारों और कुछ मीडिया संगठनों को अपने आसपास के सीसीटीवी कैमरे बंद रखने के लिए कहा गया.

उन्होंने कहा कि आतंकवाद प्रभावित शोपियां में आतंकवादियों ने ऑटोमोबाइल के एक वर्कशॉप को जला दिया जहां शनिवार को वाहनों की मरम्मत हो रही थी.

(पीटीआई इनपुट)

नई दिल्ली: खुफिया जानकारी के मुताबिक श्रीनगर और इसके आसपास के क्षेत्रों में करीब दो दर्जन आतंकवादी मौजूद हैं. कुछ इलाकों में वे दुकानदारों को खुलेआम धमकी दे रहे हैं. इसे लेकर सुरक्षा बलों में काफी चिंता है.

अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षा बल हर तरह से एहतियात बरत रहे हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकवादी स्थिति का इस्तेमाल लोगों को भड़काने में नहीं कर सकें क्योंकि पहले भी आतंकवाद निरोधक अभियानों के दौरान युवक पथराव की घटनाओं में संलिप्त रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में पांच अगस्त को बांटने की घोषणा करने के बाद सरकार द्वारा लगाई गई कई पाबंदियां के बाद केवल छिटपुट घटनाएं ही सामने आई हैं.

उन्होंने कहा कि पाबंदियां धीरे- धीरे हटाई जा रही हैं लेकिन कश्मीर घाटी में स्थिति 'सामान्य से कहीं दूर' नजर आती है खासकर आतंकवादियों की मौजूदगी को देखते हुए.

अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के बाहरी इलाकों में कई स्थानों पर आतंकवादियों को खुलेआम घूमते देखा गया और वे दुकानदारों को दुकानें बंद रखने और उनका आदेश मानने की धमकी भी दे रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रमुख दिलबाग सिंह ने आतंकवादियों की मौजूदगी की संभावना से इंकार नहीं किया लेकिन कहा कि यह दावा करना कि वे खुलेआम घूम रहे हैं 'अतिशयोक्ति' है.

राज्य के साथ ही केंद्र के कई अधिकारियों से बातचीत के बाद अनुमान है कि करीब दो दर्जन आतंकवादी नगर की सीमा में मौजूद हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी आवाजाही एवं उनका देखा जाना आम बात है.

अधिकारियों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि जम्मू-कश्मीर पर सरकार ने पांच अगस्त को जब अपने निर्णय की घोषणा की तब से आतंकवाद निरोधक अभियान बुरी तरह प्रभावित है.

पांच अगस्त के बाद केवल दो अभियान हुए हैं -- 20 अगस्त को बारामूला में और नौ सितम्बर को दूसरा मुठभेड़ सोपोर में.

आतंकवादियों ने अंचार झील और सौरा के आसपास के इलाकों सहित नगर के कुछ हिस्सों में आवाजाही रोक रखी है.

अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि अभी तक किसी नागरिक की मौत नहीं हुई है और उनको आशंका है कि किसी भी कठोर कार्रवाई से हिंसक प्रदर्शन भड़क जाएगा.

अधिकारियों का मानना है कि आतंकवादियों ने 'गहरा षड्यंत्र' रच रखा है क्योंकि उनकी 'भारी मौजूदगी' के बावजूद हिंसा के स्तर में कमी आई है.

पढ़ें- जम्मू कश्मीर : भारतीय सेना ने VDC स्वयंसेवकों को दी ट्रेनिंग

नगर के राज बाग, जवाहर नगर और लाल चौक सहित कई इलाकों में दुकानदारों को बंदूक का भय दिखाकर दुकानें बंद रखने के लिए कहा गया और पूरी तरह हड़ताल सुनिश्चित की गई.

अधिकारियों ने कहा कि दुकानदारों और कुछ मीडिया संगठनों को अपने आसपास के सीसीटीवी कैमरे बंद रखने के लिए कहा गया.

उन्होंने कहा कि आतंकवाद प्रभावित शोपियां में आतंकवादियों ने ऑटोमोबाइल के एक वर्कशॉप को जला दिया जहां शनिवार को वाहनों की मरम्मत हो रही थी.

(पीटीआई इनपुट)

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JK-TERRORISTS
'Nearly two dozen terrorists present in Srinagar, threatening shopkeepers'
By Sumir Kaul
          Srinagar, Sep 15 (PTI) Nearly two dozen terrorists are present in the city and its periphery and even openly threatening shopkeepers in some areas, raising serious concern in the security establishment, according to officials.
          However, security forces are taking all precautions to ensure that the terrorists do not use the situation to cause any flare-up as in the past incidents of stone pelting by youths have occurred during anti-militancy operations, they said.
          There have been only stray protests since the government imposed severe restrictions on communication channels and movement of people after it announced its decisions to abrogate the special status accorded to Jammu and Kashmir and split the state into two Union territories on August 5.
          Restrictions have subsequently been eased, but the situation in Kashmir Valley seems "far from normal", particularly with a high presence of terrorists, they said.
          At many places in Downtown Srinagar, the terrorists have been seen roaming freely and even warning shopkeepers to keep their shops shut and adhere to their diktats, the officials said.
          Jammu and Kashmir Police chief Dilbag Singh did not rule out the possibility of presence of terrorists but said to claim that they are roaming freely "is an exaggeration".
         From interactions with several officials of the state as well as the Centre, it is estimated that around two dozen terrorists are well-entrenched within the city limits, while their movement and visibility in rural areas have become a routine.
          The officials, speaking on condition of anonymity, said counter-militancy operations have taken a severe hit ever since August 5 when the government announced its decisions on Jammu and Kashmir.
          Only two operations have taken place since August 5 -- one in Baramulla on August 20 and another chance encounter in Sopore on September 9.
          The terrorists have erected blockades in certain parts of the city, including in areas adjoining Anchar Lake and Soura.
          The officials said that the administration has ensured that there is no civilian death till now and apprehends that any strong action may provide a trigger for violent protests.
          Search-and-cordon operations and imposition of night restrictions in the city area had ended in early 2000s and it had been declared as militancy free in 2012, they said.
          The officials believe the terrorists have "a deeper game plan" as the violence level has come down despite their "heavy presence".
          At many places in the city, including the highly secured Civil Lines areas of Raj Bagh, Jawhar Nagar and Lal Chowk, shopkeepers were threatened at gunpoint to keep their shops shut and ensure a complete hartal.
          The shopkeepers and some media outlets have also been asked to keep their peripheral CCTV cameras off, the officials said.
          In the militancy-hit areas of Shopian, terrorists burnt down an automobile workshop as it was repairing vehicles on Saturday, they said. PTI SKL
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Last Updated : Sep 30, 2019, 5:48 PM IST
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