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आठ राज्यों में हैं कोरोना के 90 प्रतिशत इलाजरत मरीज

देश में कोविड-19 के कुल इलाजरत मरीजों में से लगभग 90 प्रतिशत मरीज महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक और तेलंगाना सहित आठ राज्यों में है और ऐसे 80 प्रतिशत मरीज देश के महज 49 जिलों में हैं. इसके बारे में कोविड-19 पर गठित मंत्री समूह (जीओएम) को गुरुवार को जानकारी दी गई.

group of ministers meeting
जीओएम की 18वीं बैठक.
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Published : Jul 10, 2020, 4:02 AM IST

नई दिल्ली : देश में कोविड-19 के कुल इलाजरत मरीजों में से लगभग 90 प्रतिशत मरीज महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक और तेलंगाना सहित आठ राज्यों में है और ऐसे 80 प्रतिशत मरीज देश के महज 49 जिलों में हैं. इसके बारे में कोविड-19 पर गठित मंत्री समूह (जीओएम) को गुरुवार को जानकारी दी गई.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा, मंत्री समूह को बताया गया कि देशभर में कोविड-19 के कारण हुई मौतों में से 86 प्रतिशत मौतें छह राज्यों- महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हुई हैं. देश में 80 प्रतिशत मौतें 32 जिलों में हुई हैं.

मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में मंत्री समूह की 18वीं बैठक हुई, जिसमें उसे बताया गया कि उच्च मृत्यु दर वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है.

भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति के बारे में मंत्री समूह को जानकारी दी गई.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पांच सबसे अधिक प्रभावित देशों के बीच एक वैश्विक तुलना में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि भारत में प्रति दस लाख आबादी पर संक्रमण के सबसे कम मामले हैं. भारत में प्रति दस लाख आबादी में संक्रमण के 538 मामले हैं और 15 मौतें हुई हैं, जबकि इसका वैश्विक औसत क्रमशः 1,453 और 68.7 है.

देश में कोरोना वायरस के उचपचाराधीन मामलों के लगभग 90 प्रतिशत मामले आठ राज्यों- महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में हैं.

भारत में कोविड-19 स्वास्थ्य सेवाएं संबंधी बुनियादी ढाँचा के बारे में, जीओएम को सूचित किया गया कि देश भर में कोविड-19 के इलाज के लिए 3,914 अस्पताल हैं, जिनमें 3,77,737 पृथक-वास बिस्तार (आईसीयू सुविधा के बिना), 39,820 आईसीयू बिस्तर, 1,42,415 ऑक्सीजन सुविधा वाले बेड और 20,047 वेंटिलेटर मौजूद हैं.

जीओएम को बताया गया कि 21.3 करोड़ से अधिक एन95 मास्क, 1.2 करोड़ व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट और 6.12 करोड़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियां अब तक वितरित की जा चुकी हैं.

पढ़ें-भारत में कोरोना : मरीजों का रिकवरी रेट 62.09%, लगभग 2.70 लाख एक्टिव केस

बैठक में हर्षवर्धन ने कहा कि जैसा कि हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, हमारा ध्यान रोकथाम के सख्त उपाय और निगरानी तंत्र के माध्यम से कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन पर है. पूर्ण जांच क्षमता के उपयोग, बीमार व्यक्ति और बुजुर्ग लोगों की निगरानी, संभावित हॉटस्पॉट के अनुमान, अरोग्य सेतु ऐप जैसे डिजिटल उपकरण के इस्तेमाल, अस्पतालों में रोगी को भर्ती करने की निर्बाध प्रक्रिया और स्वास्थ्य सुविधाएं (क्रिटिकल-केयर बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और लॉजिस्टिक्स) संबंधी बुनियादी ढांचे की तैयारियों को सुनिश्चित करना है.

मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ, हमारा उद्देश्य मरीजों की जल्द पहचान कर और प्रभावी उपचार प्रबंधन के जरिये मृत्यु दर को कम करना है.

मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सुजीत के सिंह ने महामारी के दौरान भारत में किए गए निगरानी प्रयासों पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की.

विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बैठक में भाग लिया.

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद पॉल भी वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए.

देश में एक दिन में कोरोना वायरस के सर्वाधिक 24,879 मामले सामने आने के साथ ही गुरुवार को संक्रमितों की कुल संख्या 7,67,296 पर पहुंच गई. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश से करीब 75 फीसदी नए मामले सामने आए.

नई दिल्ली : देश में कोविड-19 के कुल इलाजरत मरीजों में से लगभग 90 प्रतिशत मरीज महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक और तेलंगाना सहित आठ राज्यों में है और ऐसे 80 प्रतिशत मरीज देश के महज 49 जिलों में हैं. इसके बारे में कोविड-19 पर गठित मंत्री समूह (जीओएम) को गुरुवार को जानकारी दी गई.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा, मंत्री समूह को बताया गया कि देशभर में कोविड-19 के कारण हुई मौतों में से 86 प्रतिशत मौतें छह राज्यों- महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हुई हैं. देश में 80 प्रतिशत मौतें 32 जिलों में हुई हैं.

मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में मंत्री समूह की 18वीं बैठक हुई, जिसमें उसे बताया गया कि उच्च मृत्यु दर वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है.

भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति के बारे में मंत्री समूह को जानकारी दी गई.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पांच सबसे अधिक प्रभावित देशों के बीच एक वैश्विक तुलना में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि भारत में प्रति दस लाख आबादी पर संक्रमण के सबसे कम मामले हैं. भारत में प्रति दस लाख आबादी में संक्रमण के 538 मामले हैं और 15 मौतें हुई हैं, जबकि इसका वैश्विक औसत क्रमशः 1,453 और 68.7 है.

देश में कोरोना वायरस के उचपचाराधीन मामलों के लगभग 90 प्रतिशत मामले आठ राज्यों- महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में हैं.

भारत में कोविड-19 स्वास्थ्य सेवाएं संबंधी बुनियादी ढाँचा के बारे में, जीओएम को सूचित किया गया कि देश भर में कोविड-19 के इलाज के लिए 3,914 अस्पताल हैं, जिनमें 3,77,737 पृथक-वास बिस्तार (आईसीयू सुविधा के बिना), 39,820 आईसीयू बिस्तर, 1,42,415 ऑक्सीजन सुविधा वाले बेड और 20,047 वेंटिलेटर मौजूद हैं.

जीओएम को बताया गया कि 21.3 करोड़ से अधिक एन95 मास्क, 1.2 करोड़ व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट और 6.12 करोड़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियां अब तक वितरित की जा चुकी हैं.

पढ़ें-भारत में कोरोना : मरीजों का रिकवरी रेट 62.09%, लगभग 2.70 लाख एक्टिव केस

बैठक में हर्षवर्धन ने कहा कि जैसा कि हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, हमारा ध्यान रोकथाम के सख्त उपाय और निगरानी तंत्र के माध्यम से कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन पर है. पूर्ण जांच क्षमता के उपयोग, बीमार व्यक्ति और बुजुर्ग लोगों की निगरानी, संभावित हॉटस्पॉट के अनुमान, अरोग्य सेतु ऐप जैसे डिजिटल उपकरण के इस्तेमाल, अस्पतालों में रोगी को भर्ती करने की निर्बाध प्रक्रिया और स्वास्थ्य सुविधाएं (क्रिटिकल-केयर बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और लॉजिस्टिक्स) संबंधी बुनियादी ढांचे की तैयारियों को सुनिश्चित करना है.

मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ, हमारा उद्देश्य मरीजों की जल्द पहचान कर और प्रभावी उपचार प्रबंधन के जरिये मृत्यु दर को कम करना है.

मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सुजीत के सिंह ने महामारी के दौरान भारत में किए गए निगरानी प्रयासों पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की.

विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बैठक में भाग लिया.

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद पॉल भी वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए.

देश में एक दिन में कोरोना वायरस के सर्वाधिक 24,879 मामले सामने आने के साथ ही गुरुवार को संक्रमितों की कुल संख्या 7,67,296 पर पहुंच गई. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश से करीब 75 फीसदी नए मामले सामने आए.

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