शिमला: हिमाचल में भारी बारिश ने कहर बरपाया है. प्रदेश में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं. रविवार को प्रदेशभर में बरसात की तबाही से पिछले 24 घंटों में 18 लोगों की मौत हुई है. प्रदेशभर में दर्जनों वाहन पानी के सैलाब में बह गए हैं.
भारी बारिश के कारण दर्जनों घर ध्वस्त हो गए हैं. प्रदेशभर में आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित हुई है. बहुत सी जगहों में मलबा गिरने से नुकसान हुआ है. नदी नालों के बढ़े जलस्तर ने प्रदेश में भारी नुकसान किया है. लैंडस्लाइड, बहने और पेड़ गिरने के कारण 18 लोगों की मौत हुई है.
इन दो दिनों में प्रदेश में अब तक 490 करोड़ का नुकसान आंका गया है. वहीं 11 लोगों की मौत हुई है. जिसमें से शिमला में ही सात लोगों की जान गई है. इसके अलावा बिलासपुर में एक, चंबा में दो, कुल्लू में दो, लाहौल स्पीति में एक, सिरमौर में दो, सोलन में दो और ऊना में एक की मौत हुई है. वहीं लाहौल स्पीति में बर्फबारी के कारण स्थिति भयावह बनी हुई है.
वहीं, सिरमौर जिले में भी भारी बारिश ने तांडव मचा रखा है. जिले के उपमंडल शिलाई के तहत टिंबी में नेड़ा खड्ड में बाढ़ आने से खड्ड पूरी तरह से उफान पर है. खड्ड में भारी मात्रा में पानी आने से टिंबी में खड्ड के किनारे किराये के भवन में चल रही पीएचसी का भवन देखते ही देखते ताश के पत्तों की तरह पानी में बह गया. वहीं इस दौरान 5 से 6 मकानों के भी बहने की जानकारी मिल रही है. इतना ही नहीं पानी का यह रौद्र रूप एक घराट को भी अपने साथ बहाकर ले गया है.
फिलहाल राजस्व विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची है. नुकसान का आंकलन जायजा लेने के बाद ही हो सकेगा. वहीं नेड़ा खड्ड के किनारे रहने वाले लोगों की सांसे अटकी हुई है. वहीं लगातार बारिश से खतरा बना हुआ है.
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सीएम जयराम ठाकुर में प्रदेश में बरसात में हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. उन्होंने कहा कि जलस्तर के बढ़ने के कारण ज्यादा नुकसान हुआ है और इस मुसीबत से निपटने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. सरकार ने प्रशासन को अलर्ट पर रखा है और जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर को भी रेस्क्यू के लिए लाया जायेगा.