अमृतसर: अदालत ने 2014 में एक कैदी के अपहरण और उसकी हत्या के सिलसिले में 11 पूर्व पुलिसकर्मियों सहित 13 लोगों को दोषी ठहराया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह बाजवा ने शुक्रवार को उन्हें सजा देते हुए कहा कि सजा की अवधि की घोषणा सोमवार को की जाएगी.
जिन लोगों को दोषी ठहराया गया है, उनमें पंजाब पुलिस के पूर्व निरीक्षक नारंग सिंह, पूर्व सहायक उपनिरीक्षक गुलशनबीर सिंह और सविंदर सिंह, पूर्व मुख्य आरक्षक जगजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह और लखविंदर सिंह, पूर्व आरक्षक मखतूल सिंह, अंगरेज सिंह, लखविंदर सिंह, अमनदीप सिंह और रणधीर सिंह शामिल हैं.
दोषी ठहराए गए दो अन्य व्यक्ति दीपराज सिंह और जगतार सिंह हैं.
हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदी बिक्रमजीत सिंह को पांच मई 2014 को उपचार के लिए यहां के एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया था.
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कैदी के भाई दलबीर सिंह की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, नारंग सिंह के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम ने अस्पताल से उसका अपहरण कर लिया और उसे बटाला ले गई जहां उसे अमानवीय तरीके से यातना दी गई और फिर उसकी हत्या कर दी गई.
बिक्रमजीत के अपहरण के बाद पुलिस ने छह मई 2014 को मामला दर्ज किया कि वह अस्पताल परिसर से पुलिस हिरासत से भाग गया। लेकिन बाद में हत्या के आरोप में पुलिसकर्मियों और दो अन्य पर मामला दर्ज किया गया.
सभी दोषियों को हत्या, अपहरण, गलत तरीके से बंदी बनाने और आपराधिक षड्यंत्र के तहत दोषी ठहराया गया है.
लोक अभियोजक ने बताया कि मामले में 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें से एक पूर्व सहायक उपनिरीक्षक बलजीत सिंह अब तक गिरफ्तार नहीं हो पाया है.